सतना: चित्रकूट नगर परिषद सीएमओ विशाल सिंह फर्जी टिकट बेचने की शिकायतें मिलने के बाद गुप्त गोदावरी गुफा पहुंचे. इस दौरान सीएमओ को कोई पहचान नहीं पाया क्योंकि उन्होंने अपने चेहरे को टोपे से ढंक रखा था. जब सीएमओ ने गुप्त गोदावरी गुफा की टिकट ली तो फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. सीएमओ ने टिकट लेने के बाद चेक किया तो फर्जीवाड़े का मामला खुल गया. दो कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है.
फर्जी टिकट बेचने वालों को रंगे हाथ पकड़ा
बता दें कि सतना जिले की धार्मिक नगरी भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में स्थित गुप्त गोदावरी नदी की गुफा में जाने के लिए नगर परिषद के दो आउटसोर्स के कर्मचारियों द्वारा फर्जी टिकट काउंटर खोला गया. गुफा में जाने वाले दर्शनार्थियों से फर्जी टिकट के माध्यम से रकम वसूली जा रही थी. लगातार इस मामले की सूचना चित्रकूट नगर परिषद के सीएमओ को मिल रही थी. कई बार प्रयास के बाद भी ये दोनों आउटसोर्स कर्मचारी पकड़ में नहीं आ रहे थे.
आउटसोर्स कर्मचारियों के पास मिली 80 फर्जी टिकट
इसके बाद चित्रकूट नगर परिषद के सीएमओ विशाल सिंह ने अलग तरीका अपनाया. सीएमओ ने अपने चेहरे को कैप से ढंका खुद दर्शनार्थी बनकर आउटसोर्स के कर्मचारियों के पास पहुंचे. सीएमओ ने गुप्त गोदावरी गुफा में जाने के लिए टिकट खरीदी. इस पर मामले का खुलासा हुआ. दोनों आउटसोर्स कर्मचारी के पास से 80 फर्जी टिकट और करीब 3180 रुपए नगदी बरामद किए गए. ये आउटसोर्स कर्मचारी हैं बाबूराम सिंह पटेल और हुकुम सिंह यादव.
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फर्जी टिकट बेचने वाले दो लोगों को जेल भेजा
चित्रकूट सीएमओ ने दोनों फर्जी टिकट बेचने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को पुलिस के हवाले किया. पुलिस ने दोनों के खिलाफ बीएस की धारा 318 (4), 3(5) के तहत मामला दर्ज कर आदेल भेज दिया. इस मामले में चित्रकूट नगर परिषद के सीएमओ विशाल सिंह ने बताया "दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले किया गया है." वहीं, चित्रकूट एसडीओपी रोहित राठौर का कहना है "दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है."