श्रीनगर: अंकिता भंडारी हत्याकांड में इंसाफ की लड़ाई में अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपनी आपत्ति जताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग उठाई है. वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी पार्टी के महासचिव सागर भंडारी ने सरकार को इस मामले में श्रीनगर के अल्केस्वर घाट में जल समाधि लेने की चेतावनी दी है. इस संबंध में पार्टी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है और प्रदेश के डीजीपी को हटाए जाने की मांग उठाई है.
पहाड़ी पार्टी के महासचिव सागर भंडारी ने कहा कि पुलिस जबरन पत्रकार आशुतोष नेगी को पडयंत्र कर फंसाने की कोशिश में है. इसी के कारण उन पर सरकारी कार्य मे बांधा डालने सहित पुलिस के कपड़े फाड़ने तक का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. जबकि पुलिस की सुरक्षा में एक व्यक्ति कैसे किसी पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट कर सकता है. इस से साफ पता चलता है कि उन पर अंकित भंडारी के परिजनों की मदद करने को लेकर ये मुकदमे दायर किए जा रहे हैं. इसकी टाइमिंग भी शक के घेरे में आती है. जब आशुतोष नेगी श्रीनगर में धरना दे रहे थे, तभी आंदोलन को कमजोर करने के लिए उन्हें जेल भेजने का कार्य किया गया.
पहाड़ी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक नेगी ने इस दौरान कहा कि पार्टी फोरम के द्वारा इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है. जिसमें सरकार को डीजीपी को हटाने के लिए 12 मार्च तक का समय दिया गया है. वहीं डीजीपी को नहीं हटाया गया तो जल समाधि लेने तक की चेतावनी दी गई है. कहा कि जिसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड़ सरकार की होगी. उन्होंने आगे कहा कि सरकार और पुलिस कथित वीआईपी पर एक्शन लेने से घबरा रही है. साथ में रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने वाले तत्कालीन एसडीएम और स्थानीय विधायक को भी सरकार बचाने का कार्य कर रही है. जबकि अंकित के परिजनों की मदद करने वाले आशुतोष नेगी को झूठे केस में फंसाने के कार्य सरकार कर रही है.
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