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नीट यूजी 2024 : 23 फीसदी यानी 164 अंक भी नहीं ला पाए 11 लाख से ज्यादा कैंडिडेट - NEET UG Exam Results 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 19, 2024, 8:33 PM IST

नीट यूजी 2024 में 23 फीसदी 164 अंक भी हासिल नहीं कर पाए. यह प्रवेश परीक्षा 720 अंक की आयोजित हुई थी, जिसमें 2333297 कैंडिडेट ने परीक्षा दी है. इसके अनुसार देखा जाए तो 50 फीसदी के 1167393 कैंडिडेट यहां तक नहीं पहुंचे. हालांकि, रिजर्व कैटेगरी में होने के चलते उनको कम अंक होने पर भी काउंसलिंग की पात्रता मिल गई है.

NEET UG 2024
11 लाख से ज्यादा कैंडिडेट 164 अंक भी नहीं ला पाए (ETV Bharat GFX)

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित राष्ट्रीय सह पात्रता परीक्षा (NEET UG 2024) को लेकर विवाद चल रहा है. इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का कहना है कि पेपर पूरा आसान था, इसीलिए टॉपर्स कैंडिडेट के नंबर काफी ज्यादा बढ़ गए हैं, लेकिन इससे उलट एक हकीकत यह भी है कि इस परीक्षा में बैठने वाले 43 फीसदी से ज्यादा कैंडिडेट काउंसलिंग की पात्रता हासिल नहीं कर पाए हैं.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ये कैंडिडेट है जो 23 फीसदी 164 अंक भी हासिल नहीं कर पाए. यह प्रवेश परीक्षा 720 अंक की आयोजित हुई थी, जिसमें 2333297 कैंडिडेट ने परीक्षा दी है, जिसमें 1316268 कैंडिडेट क्वालीफाई हुए हैं. जबकि 1017029 कैंडिडेट क्वालीफाइंग मार्क्स नहीं लेकर आ पाए हैं. यह क्वालीफाइंग कट ऑफ अलग-अलग कैटेगरी में अलग-अलग थी. इसके अनुसार देखा जाए तो 50 फीसदी के 1167393 कैंडिडेट 164 अंक भी नहीं लेकर आ पाए हैं.

पढ़ें : UG NEET परीक्षा में तमिलनाडु के 8 छात्रों ने 99 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल कर बनाया रिकॉर्ड - UG NEET Exam Results 2024

हालांकि, आरक्षित कैटेगरी में होने के चलते उनकी कटऑफ कम थी. इसलिए वह क्वालीफाई कर गए. देव शर्मा ने बताया नीट यूजी में 291545 कैंडिडेट 164 अंक नहीं ला पाए हैं. यह सभी जनरल कैटेगरी के हैं. इसके बाद ईडब्ल्यूएस के 17695 कैंडिडेट 146 अंक का स्कोर नहीं कर पाए. वहीं, असफल सूची में शामिल 654789 कैंडिडेट 129 अंक नहीं ला पाए हैं. इनमें ओबीसी, एससी और एसटी के कैंडिडेट शामिल हैं.

बेसिक नॉलेज से काफी दूर हैं कैंडिडेट्स : देव शर्मा ने बताया कि नॉन क्वालिफाइड कैंडीडेट्स के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो सामने आता है कि यह स्टूडेंट बेसिक नॉलेज से भी काफी दूर नजर आते हैं, जिससे साफ है कि बड़ी संख्या में कैंडिडेट फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी के मूलभूत ज्ञान से भी दूर हैं. यही कारण है कि वे सामान्य स्तर के प्रश्न पत्र में भी 23 फीसदी अंक प्राप्त नहीं कर पाए. सब्जेक्ट स्पेसिफिक की नॉलेज की यह स्थिति साफ करती है कि विज्ञान विषय की शिक्षा व्यवस्था में स्कूली ढांचे की स्थिति बेहद लचर है, जिसे वर्तमान में सुधारने की बड़ी जरूरत है.

अच्छे कैंडिडेट को पहले बैरियर लगाकर छांटना जरूरी : देव शर्मा ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी का आयोजन भी जेईई मेन व एडवांस्ड की तर्ज पर होना आवश्यक है. इसमें शामिल होने वाले करीब 23 लाख कैंडिडेट में वास्तविक प्रतिस्पर्धा लगभग 10 फीसदी के बीच ही है. ऐसे में पहले नीट-यूजी के प्राथमिक स्तर का आयोजन किया जाए और फिर टॉपर 2.5 लाख कैंडिडेट का चयन किया जाए. इन डायलॉग कैंडिडेट्स के बीच में एडवांस्ड लेवल की परीक्षा हो.

जिस तरह से जेईई एडवांस्ड स्तर की परीक्षा का परीक्षा पैटर्न पहले से घोषित नहीं होता व प्रश्नपत्र का स्तर भी अच्छा होता है. इसीलिए मास चीटिंग, पेपर लीक व मल्टीपल परफेक्ट स्कोर की घटनाओं में अपने आप ही कमी आ जाएगी. एडवांस्ड स्तर पर कैंडिडेट समान स्कोर भी नहीं कर सकेंगे. दो या दो से अधिक कैंडिडेट के बीच टाई भी नहीं होगा, जिससे टाई ब्रेकिंग नियमों को लेकर भी सवाल खड़े नहीं होंगे.

क्वालीफाई और नॉन क्वालीफाई कैंडीडेट्स :

कैटेगरीएग्जाम दियाक्वालीफाई नॉन क्वालीफाई
जनरल625477333932291545
ईडब्ल्यूएस186924 11622970695
ओबीसी 102638811622970695
एससी344327 178738165589
एसटी1501816847981702
कुल233329713162681017029


कैटेगरी और क्वालीफाई अंक के साथ असफल कैंडिडेट की संख्या :

केटेगरीकैंडिडेटक्वालीफाइंग मार्क्स
जनरल291545164
ईडब्ल्यूएस70695146
ओबीसी 407498 129
एससी 165589129
एसटी81702129

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित राष्ट्रीय सह पात्रता परीक्षा (NEET UG 2024) को लेकर विवाद चल रहा है. इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का कहना है कि पेपर पूरा आसान था, इसीलिए टॉपर्स कैंडिडेट के नंबर काफी ज्यादा बढ़ गए हैं, लेकिन इससे उलट एक हकीकत यह भी है कि इस परीक्षा में बैठने वाले 43 फीसदी से ज्यादा कैंडिडेट काउंसलिंग की पात्रता हासिल नहीं कर पाए हैं.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ये कैंडिडेट है जो 23 फीसदी 164 अंक भी हासिल नहीं कर पाए. यह प्रवेश परीक्षा 720 अंक की आयोजित हुई थी, जिसमें 2333297 कैंडिडेट ने परीक्षा दी है, जिसमें 1316268 कैंडिडेट क्वालीफाई हुए हैं. जबकि 1017029 कैंडिडेट क्वालीफाइंग मार्क्स नहीं लेकर आ पाए हैं. यह क्वालीफाइंग कट ऑफ अलग-अलग कैटेगरी में अलग-अलग थी. इसके अनुसार देखा जाए तो 50 फीसदी के 1167393 कैंडिडेट 164 अंक भी नहीं लेकर आ पाए हैं.

पढ़ें : UG NEET परीक्षा में तमिलनाडु के 8 छात्रों ने 99 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल कर बनाया रिकॉर्ड - UG NEET Exam Results 2024

हालांकि, आरक्षित कैटेगरी में होने के चलते उनकी कटऑफ कम थी. इसलिए वह क्वालीफाई कर गए. देव शर्मा ने बताया नीट यूजी में 291545 कैंडिडेट 164 अंक नहीं ला पाए हैं. यह सभी जनरल कैटेगरी के हैं. इसके बाद ईडब्ल्यूएस के 17695 कैंडिडेट 146 अंक का स्कोर नहीं कर पाए. वहीं, असफल सूची में शामिल 654789 कैंडिडेट 129 अंक नहीं ला पाए हैं. इनमें ओबीसी, एससी और एसटी के कैंडिडेट शामिल हैं.

बेसिक नॉलेज से काफी दूर हैं कैंडिडेट्स : देव शर्मा ने बताया कि नॉन क्वालिफाइड कैंडीडेट्स के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो सामने आता है कि यह स्टूडेंट बेसिक नॉलेज से भी काफी दूर नजर आते हैं, जिससे साफ है कि बड़ी संख्या में कैंडिडेट फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी के मूलभूत ज्ञान से भी दूर हैं. यही कारण है कि वे सामान्य स्तर के प्रश्न पत्र में भी 23 फीसदी अंक प्राप्त नहीं कर पाए. सब्जेक्ट स्पेसिफिक की नॉलेज की यह स्थिति साफ करती है कि विज्ञान विषय की शिक्षा व्यवस्था में स्कूली ढांचे की स्थिति बेहद लचर है, जिसे वर्तमान में सुधारने की बड़ी जरूरत है.

अच्छे कैंडिडेट को पहले बैरियर लगाकर छांटना जरूरी : देव शर्मा ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी का आयोजन भी जेईई मेन व एडवांस्ड की तर्ज पर होना आवश्यक है. इसमें शामिल होने वाले करीब 23 लाख कैंडिडेट में वास्तविक प्रतिस्पर्धा लगभग 10 फीसदी के बीच ही है. ऐसे में पहले नीट-यूजी के प्राथमिक स्तर का आयोजन किया जाए और फिर टॉपर 2.5 लाख कैंडिडेट का चयन किया जाए. इन डायलॉग कैंडिडेट्स के बीच में एडवांस्ड लेवल की परीक्षा हो.

जिस तरह से जेईई एडवांस्ड स्तर की परीक्षा का परीक्षा पैटर्न पहले से घोषित नहीं होता व प्रश्नपत्र का स्तर भी अच्छा होता है. इसीलिए मास चीटिंग, पेपर लीक व मल्टीपल परफेक्ट स्कोर की घटनाओं में अपने आप ही कमी आ जाएगी. एडवांस्ड स्तर पर कैंडिडेट समान स्कोर भी नहीं कर सकेंगे. दो या दो से अधिक कैंडिडेट के बीच टाई भी नहीं होगा, जिससे टाई ब्रेकिंग नियमों को लेकर भी सवाल खड़े नहीं होंगे.

क्वालीफाई और नॉन क्वालीफाई कैंडीडेट्स :

कैटेगरीएग्जाम दियाक्वालीफाई नॉन क्वालीफाई
जनरल625477333932291545
ईडब्ल्यूएस186924 11622970695
ओबीसी 102638811622970695
एससी344327 178738165589
एसटी1501816847981702
कुल233329713162681017029


कैटेगरी और क्वालीफाई अंक के साथ असफल कैंडिडेट की संख्या :

केटेगरीकैंडिडेटक्वालीफाइंग मार्क्स
जनरल291545164
ईडब्ल्यूएस70695146
ओबीसी 407498 129
एससी 165589129
एसटी81702129
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