ETV Bharat / state

मुरैना में बारिश का कहर, घुटने तक पानी के बीच से निकली शव यात्रा - Morena Rain Wreaks Havoc

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 4:09 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 4:52 PM IST

मुरैना सहित पूरे मध्य प्रदेश में भीषण बारिश का कहर जारी है. बारिश की वजह से लोगों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई हैं. ग्रामीण घुटनों तक पानी के बीच से शव यात्रा निकालने को मजबूर हैं. मुक्तिधाम तक शव को लेकर पहुंचना आसान नहीं है. लोग कीचड़ व पानी के बीच से निकलने को मजबूर हैं.

FUNERAL PROCESSION IN FLOOD
घुटने तक पानी के बीच से निकली शव यात्रा (ETV Bharat)

मुरैना: आसमान से आफत बनकर बरस रहे पानी ने अब लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ा दी हैं. हालत ऐसे हैं, कि कंधे पर अर्थी, शमशान घाट जाने वाले रास्ते पर कीचड़ और कीचड़ में घुटनों तक पानी. ऐसा नजारा तब देखने को मिला जब जिले की अम्बाह तहसील के अम्लिहेड़ा गांव में एक वृद्ध महिला जलदेवी तोमर के निधन के बाद परिजन और ग्रामीण इस रास्ते से महिला की शव यात्रा निकालकर ले गए. देखिए यह खास रिपोर्ट.

मुरैना में बारिश का कहर (ETV Bharat)

ग्रामीणों को परेशानियों का करना पड़ रहा सामना

आपको बता दें कि यह तस्वीर मुरैना जिले की अंबाह तहसील क्षेत्र के अम्लिहेड़ा गांव से निकलकर सामने आई है. अम्लिहेड़ा में ग्राम पंचायत द्वारा श्मशान घाट का निर्माण तो करवा दिया गया, लेकिन शमशान घाट तक पहुंचने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं बनवाया गया. जिसके चलते ग्रामीणों को शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं बारिश के मौसम में तो शव यात्रा को खेतों में होकर गुजरना पड़ता है.

ग्रामीण घुटने तक पीने से शव यात्रा निकालने को मजबूर

इन तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में जब गांव में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शव यात्रा को 3 फीट पानी में होकर निकलना पड़ता है. पूरा रास्ता दलदल व कीचड़ से युक्त होता है. ऐसे में लोगों को डर रहता है कि कहीं फिसल कर अर्थी न गिर जाए. इसको ध्यान में रखते हुए लोग अर्थी के चारों तरफ से सहारा लेते हुए चलते हैं. हालांकि शव यात्रा में शामिल लोग कई बार फिसल कर गिर भी पड़ते हैं. जिससे उनको चोट भी लग जाती है.

यहां पढ़ें...

दो दिन तक घर पर रखनी पड़ती है डेड बॉडी, कमर तक भरे नाले से शव ले जाने मजबूर लोग

मुरैना नगर निगम की सड़कें ऊबड़-खाबड़, कीचड़ से शव यात्रा ले जाने को मजबूर रहवासी

जल्द समाधान निकालेंगे: अपर कलेक्टर

इस तरह की तस्वीरें पूरे बारिश के सीजन में सामने आती रहती हैं. कहीं शांति धाम नहीं होता है, तो कहीं शांति धाम तक पहुंचाने के लिए रास्ता नहीं होता है. अम्लिहेड़ा गांव के लोग 2 से 3 फीट पानी में होकर शव यात्रा निकाल रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर अपर कलेक्टर चंद्रभूषण प्रसाद का कहना है कि, "यह बात सही है, कि कई जगह से ऐसी तस्वीर सामने आई हैं. हो सकता है एक-दो दर्जन ऐसे गांव हो जहां शांति धाम की समस्या है, लेकिन इस बात को लेकर आज मेरी जिला पंचायत सीईओ साहब से बात हुई है. इस पर हम जल्द ही समाधान निकालेंगे."

मुरैना: आसमान से आफत बनकर बरस रहे पानी ने अब लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ा दी हैं. हालत ऐसे हैं, कि कंधे पर अर्थी, शमशान घाट जाने वाले रास्ते पर कीचड़ और कीचड़ में घुटनों तक पानी. ऐसा नजारा तब देखने को मिला जब जिले की अम्बाह तहसील के अम्लिहेड़ा गांव में एक वृद्ध महिला जलदेवी तोमर के निधन के बाद परिजन और ग्रामीण इस रास्ते से महिला की शव यात्रा निकालकर ले गए. देखिए यह खास रिपोर्ट.

मुरैना में बारिश का कहर (ETV Bharat)

ग्रामीणों को परेशानियों का करना पड़ रहा सामना

आपको बता दें कि यह तस्वीर मुरैना जिले की अंबाह तहसील क्षेत्र के अम्लिहेड़ा गांव से निकलकर सामने आई है. अम्लिहेड़ा में ग्राम पंचायत द्वारा श्मशान घाट का निर्माण तो करवा दिया गया, लेकिन शमशान घाट तक पहुंचने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं बनवाया गया. जिसके चलते ग्रामीणों को शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं बारिश के मौसम में तो शव यात्रा को खेतों में होकर गुजरना पड़ता है.

ग्रामीण घुटने तक पीने से शव यात्रा निकालने को मजबूर

इन तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में जब गांव में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शव यात्रा को 3 फीट पानी में होकर निकलना पड़ता है. पूरा रास्ता दलदल व कीचड़ से युक्त होता है. ऐसे में लोगों को डर रहता है कि कहीं फिसल कर अर्थी न गिर जाए. इसको ध्यान में रखते हुए लोग अर्थी के चारों तरफ से सहारा लेते हुए चलते हैं. हालांकि शव यात्रा में शामिल लोग कई बार फिसल कर गिर भी पड़ते हैं. जिससे उनको चोट भी लग जाती है.

यहां पढ़ें...

दो दिन तक घर पर रखनी पड़ती है डेड बॉडी, कमर तक भरे नाले से शव ले जाने मजबूर लोग

मुरैना नगर निगम की सड़कें ऊबड़-खाबड़, कीचड़ से शव यात्रा ले जाने को मजबूर रहवासी

जल्द समाधान निकालेंगे: अपर कलेक्टर

इस तरह की तस्वीरें पूरे बारिश के सीजन में सामने आती रहती हैं. कहीं शांति धाम नहीं होता है, तो कहीं शांति धाम तक पहुंचाने के लिए रास्ता नहीं होता है. अम्लिहेड़ा गांव के लोग 2 से 3 फीट पानी में होकर शव यात्रा निकाल रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर अपर कलेक्टर चंद्रभूषण प्रसाद का कहना है कि, "यह बात सही है, कि कई जगह से ऐसी तस्वीर सामने आई हैं. हो सकता है एक-दो दर्जन ऐसे गांव हो जहां शांति धाम की समस्या है, लेकिन इस बात को लेकर आज मेरी जिला पंचायत सीईओ साहब से बात हुई है. इस पर हम जल्द ही समाधान निकालेंगे."

Last Updated : Sep 13, 2024, 4:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.