जैसलमेर. शहर के एक मोबाइल विक्रेता की सूझबूझ ने 2 साल से परिवार से बिछड़े एक युवक को उसके परिजनों से मिलवा दिया. युवक हिमांशु दो साल से राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में दर-दर की ठोकरें खा रहा था, लेकिन 5 जून को जब वो जैसलमेर के गड़ीसर गेट स्थित संजय की मोबाइल की दुकान के आगे पहुंचा, तो संजय को युवक पर शक हुआ. इस पर उसने युवक से प्यार से पूछताछ की. काफी देर पूछताछ करने पर मानसिक रूप से पीड़ित को अपने पिता के मोबाइल नम्बर याद आ गए. संजय ने तुरंत उसके पिता को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी. पिता ने कहा कि हम लोग बिहार में रहते हैं, हमे आने में समय लग जाएगा. इसके मामा का बेटा जयपुर में हैं. हम उसे भेज रहे हैं. तब तक आप इसका ख्याल रखें.
मानसिक रूप से बीमार युवक हिमांशु के परिजनों को जब अपने लाडले की खबर मिली, तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और उसका भाई दीपक सिंह तुरन्त जयपुर से रवाना होकर जैसलमेर पहुंचा. जैसलमेर पहुंचने पर अपने भाई को लंबे समय बाद देखकर बहुत खुश हुआ. उसने संजय को धन्यवाद दिया. दीपक सिंह ने बताया कि ये बहुत ही होनहार छात्र था. 2 साल पहले ये पढ़ाई के लिए बिहार से कोटा आया था. लेकिन बाद में डिप्रेशन में जाने की वजह से ये कोटा से गायब हो गया था.
पढ़ें: घर से 3 साल पहले निकले बड़े बेटे को लेने अपना घर आश्रम पहुंची मां, दूसरा बिछड़ा बेटा भी मिला
उसने बताया कि हमने कई जगहों पर इसको ढूंढने का प्रयास किया. पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, लेकिन इसका कहीं पता नहीं लगा. अभी दो दिन पहले जब जैसलमेर से संजय का फोन आया, तो हमारे परिवार के खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने कहा कि मैं संजय को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं कि इन्होंने 2 साल से बिछड़ों को मिलाकर पुण्य का काम किया है. इसके बाद दोनो भाई बस से बिहार के लिए रवाना हो गए.