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मंडला में पेसा एक्ट का पालन नहीं, मनमाने तरीके से खनन, MP हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - Mandla Violation PESA Act

मंडला में पेसा एक्ट का पालन नहीं हो रहा है. जनप्रतिनिधियों ने वंशिका कंस्ट्रक्शन पर अवैध उत्खनन के आरोप लगाए हैं. इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

MANDLA VIOLATION PESA ACT
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 3:42 PM IST

मंडला में पेसा एक्ट का पालन नहीं सरकार से मांगा जवाब (ETV BHARAT)

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के खनिज विभाग और मंडला जिला प्रशासन को नोटिस जारी किए हैं. दोनों से जवाब मांगा गया है कि उन्होंने मंडला जिले में पेसा एक्ट के प्रावधानों का पालन क्यों नहीं करवाया. यह मामला रेत उत्खनन से जुड़ा हुआ है. मंडला में वंशिका कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को रेत उत्खनन करने का ठेका दिया गया है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि ठेका देने से पहले पेसा एक्ट का पालन नहीं किया गया. वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी संजय शर्मा की है, जो नरसिंहपुर जिले से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं.

मंडला में अधिसूचित क्षेत्र में पेसा एक्ट का उल्लंघन

मंडला जिले में राज्य सरकार की खनिज विभाग ने रेत उत्खनन के ठेके जारी किए थे. यह ठेका वंशिका कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को मिला था. वंशिका कंस्ट्रक्शन मंडला जिले में 26 खदानों से रेत निकाल रही है. टेंडर के अनुसार अगले 3 साल तक वंशिका कंस्ट्रक्शन मंडला से रेत निकाल सकती है. हाईकोर्ट में दायर याचिका मे बताया गया है कि मंडला एक अनुसूचित क्षेत्र है. अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू है. कानून में कहा गया है कि जिन अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू है, वहां खनिज के उत्खनन करने की पहले संबंधित ग्राम पंचायत से एनओसी लेना जरूरी है.

खनन के लिए ग्राम पंचायत से नहीं ली एनओसी

हाईकोर्ट में दायर याचिका में मंडला जिले के जनपद उपाध्यक्ष संदीप सिंगरौल ने शपथ पत्र देकर कहा है "खनिज विभाग ने पंचायत से एनओसी नहीं ली. वह इस मामले में जिला कलेक्टर, राज्य सरकार को जानकारी दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद पेसा एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसलिए उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा."

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मनमाने तरके से हो रहा अवैध खनन

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए मंडला जिला प्रशासन और राज्य सरकार के खनिज विभाग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में तय की गई है. याचिकाकर्ता ने पेसा एक्ट के अलावा ओवरलोडिंग और अवैध उत्खनन के आरोप भी लगाए हैं. आरोप लगाया गया है कि खदानों में सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं. जिन ट्रैकों से रेत ढोई जा रही है वे ट्रक भी रजिस्टर्ड नहीं हैं. खदानों के अलावा कई जगह से अवैध उत्खनन भी किया जा रहा है. एडवोकेट रामश्वर सिंह ने बताया "इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी."

मंडला में पेसा एक्ट का पालन नहीं सरकार से मांगा जवाब (ETV BHARAT)

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के खनिज विभाग और मंडला जिला प्रशासन को नोटिस जारी किए हैं. दोनों से जवाब मांगा गया है कि उन्होंने मंडला जिले में पेसा एक्ट के प्रावधानों का पालन क्यों नहीं करवाया. यह मामला रेत उत्खनन से जुड़ा हुआ है. मंडला में वंशिका कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को रेत उत्खनन करने का ठेका दिया गया है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि ठेका देने से पहले पेसा एक्ट का पालन नहीं किया गया. वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी संजय शर्मा की है, जो नरसिंहपुर जिले से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं.

मंडला में अधिसूचित क्षेत्र में पेसा एक्ट का उल्लंघन

मंडला जिले में राज्य सरकार की खनिज विभाग ने रेत उत्खनन के ठेके जारी किए थे. यह ठेका वंशिका कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को मिला था. वंशिका कंस्ट्रक्शन मंडला जिले में 26 खदानों से रेत निकाल रही है. टेंडर के अनुसार अगले 3 साल तक वंशिका कंस्ट्रक्शन मंडला से रेत निकाल सकती है. हाईकोर्ट में दायर याचिका मे बताया गया है कि मंडला एक अनुसूचित क्षेत्र है. अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू है. कानून में कहा गया है कि जिन अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू है, वहां खनिज के उत्खनन करने की पहले संबंधित ग्राम पंचायत से एनओसी लेना जरूरी है.

खनन के लिए ग्राम पंचायत से नहीं ली एनओसी

हाईकोर्ट में दायर याचिका में मंडला जिले के जनपद उपाध्यक्ष संदीप सिंगरौल ने शपथ पत्र देकर कहा है "खनिज विभाग ने पंचायत से एनओसी नहीं ली. वह इस मामले में जिला कलेक्टर, राज्य सरकार को जानकारी दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद पेसा एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसलिए उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा."

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