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महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को जरूर चढ़ाएं बेलपत्र, जानें विधि और महत्व, कितना मिलता है पुण्य

Belpatra Importance In Mahashivratri : महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने से ना केवल महादेव प्रसन्न होते हैं बल्कि आपको कई गुना पुण्य लाभ मिलता है. शंकर भगवान को बेलपत्र चढ़ाने से पहले ये जरूर जान लें कि उन्हें इसे कैसे अर्पित करना चाहिए. जानते हैं ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से इसकी विधि और महत्व.

belpatra Importance for shiv puja
महाशिवरात्रि पर बेलपत्र का महत्व
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 29, 2024, 8:28 PM IST

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को जरूर चढ़ाएं बेलपत्र

Maha Shivaratri 2024: मार्च महीने में 8 तारीख को महाशिवरात्रि है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त तरह-तरह से पूजा अर्चना करते हैं. ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.

शिव को अर्पित करें बेलपत्र

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं शिवजी का पूजन करें और भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र न चढ़ाएं तो शिवजी को प्रसन्नता नहीं होती है. अगर शिवजी की पूजा करते हैं तो उन्हें बेलपत्र जरुर चढ़ाएं और बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान भी रखें कि उसमें तीन दल जरूर होने चाहिए मतलब तीन पत्तियों वाला ही बेलपत्र चढ़ाएं. तीन दल वाले बेलपत्र में ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश निवास करते हैं, इसलिए शिवजी को तीन दल वाले बेलपत्र ही समर्पित किए जाते हैं. इस तरह से तीन दल के जो बेलपत्र चढ़ाते हैं तो उन्हें बहुत ही पुण्य फल मिलता है.

बेलपत्र चढ़ाने के विशेष लाभ

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र चढ़ाने के विशेष लाभ होते हैं. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पर 3, 11, 21, 51 बेलपत्र अर्पित करते हैं तो काशी में 1 वर्ष तक निवास करने या फिर माघ के महीने में गंगाजी में जाकर कल्पवास करने बराबर का ही पुण्य लाभ मिलता है. ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन अगर 11, 21 या 51 बेलपत्र अगर चढ़ा देते हैं तो हजारों कन्याओं का विवाह करने का जो पुण्य लाभ मिलता है उतना ही पुण्य लाभ मिलता है.

तीनों काल के नष्ट होते हैं पाप

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि बेलपत्र में तीन दल होते हैं. सुबह का समय, दोपहर का समय और रात्रि के समय भगवान का वास होता है, तो महाशिवरात्रि के दिन जो बेलपत्र चढ़ा देते हैं तो तीनों काल में जो पाप होते हैं, सुबह, दोपहर, शाम को अगर कोई पाप होता है, तो वो पाप नष्ट हो जाता है और पुण्य लाभ मिलता है.

बेलपत्र चढ़ाते समय बरतें ये सावधानी

ज्योतिष आचार्य कहते हैं की बेलपत्र के बिना महादेव की उपासना संभव ही नहीं है, पूजा ही पूरी नहीं मानी जाती है. बेलपत्र चढ़ाने से पहले कुछ सावधानियों भी रखना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से अगर बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित किया जाता है तो भगवान अप्रसन्न भी हो सकते हैं. एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए, पत्तियां कटी-फटी या टूटी हुई ना हो और उसमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए. भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से अर्पित करें. शिवजी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ में जल की धारा जरुर चढ़ाएं बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए.

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बेलपत्र के साथ करें ये उपाय

जिन कन्याओं की शादी नहीं हो रही है, या शादी में देरी हो रही है, वो महादेव की उपासना करें. महाशिवरात्री में विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं, ऐसे जातक बेलपत्र के साथ शिवरात्रि के दिन ये उपाय भी कर सकते हैं जिससे उन्हें बहुत पुण्य लाभ मिलेगा.ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्री के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखें, स्नान करें. भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग बनाएं. शिवलिंग बनाकर विधि विधान से पूजा अर्चना करें, इसके बाद 108 बेलपत्र ले लें और हर बेलपत्र पर चंदन से राम-राम लिखें और ओम नमः शिवाय का जप करते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं जिससे भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं.

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को जरूर चढ़ाएं बेलपत्र

Maha Shivaratri 2024: मार्च महीने में 8 तारीख को महाशिवरात्रि है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त तरह-तरह से पूजा अर्चना करते हैं. ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.

शिव को अर्पित करें बेलपत्र

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं शिवजी का पूजन करें और भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र न चढ़ाएं तो शिवजी को प्रसन्नता नहीं होती है. अगर शिवजी की पूजा करते हैं तो उन्हें बेलपत्र जरुर चढ़ाएं और बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान भी रखें कि उसमें तीन दल जरूर होने चाहिए मतलब तीन पत्तियों वाला ही बेलपत्र चढ़ाएं. तीन दल वाले बेलपत्र में ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश निवास करते हैं, इसलिए शिवजी को तीन दल वाले बेलपत्र ही समर्पित किए जाते हैं. इस तरह से तीन दल के जो बेलपत्र चढ़ाते हैं तो उन्हें बहुत ही पुण्य फल मिलता है.

बेलपत्र चढ़ाने के विशेष लाभ

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र चढ़ाने के विशेष लाभ होते हैं. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पर 3, 11, 21, 51 बेलपत्र अर्पित करते हैं तो काशी में 1 वर्ष तक निवास करने या फिर माघ के महीने में गंगाजी में जाकर कल्पवास करने बराबर का ही पुण्य लाभ मिलता है. ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन अगर 11, 21 या 51 बेलपत्र अगर चढ़ा देते हैं तो हजारों कन्याओं का विवाह करने का जो पुण्य लाभ मिलता है उतना ही पुण्य लाभ मिलता है.

तीनों काल के नष्ट होते हैं पाप

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि बेलपत्र में तीन दल होते हैं. सुबह का समय, दोपहर का समय और रात्रि के समय भगवान का वास होता है, तो महाशिवरात्रि के दिन जो बेलपत्र चढ़ा देते हैं तो तीनों काल में जो पाप होते हैं, सुबह, दोपहर, शाम को अगर कोई पाप होता है, तो वो पाप नष्ट हो जाता है और पुण्य लाभ मिलता है.

बेलपत्र चढ़ाते समय बरतें ये सावधानी

ज्योतिष आचार्य कहते हैं की बेलपत्र के बिना महादेव की उपासना संभव ही नहीं है, पूजा ही पूरी नहीं मानी जाती है. बेलपत्र चढ़ाने से पहले कुछ सावधानियों भी रखना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से अगर बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित किया जाता है तो भगवान अप्रसन्न भी हो सकते हैं. एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए, पत्तियां कटी-फटी या टूटी हुई ना हो और उसमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए. भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से अर्पित करें. शिवजी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ में जल की धारा जरुर चढ़ाएं बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए.

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बेलपत्र के साथ करें ये उपाय

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