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गया में भीषण गर्मी के बीच बिजली गुल से छात्राएं कर रही त्राहिमाम, मेडिकल प्रशासन बेफिक्र - Heat Wave In Gaya

GNM students Protest In Gaya: गया के मगध मेडिकल कॉलेज की जीएनएम छात्राओं भीषण गर्मी में बिजली गुल से त्राहिमाम कर रही है. छात्राएं बेहोश हो रही है, लेकिन मेडिकल प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उनका कहना है कि जो व्यवस्था है उसी में चलना पड़ेगा.

Girls in distress due to power failure in scorching heat
भीषण गर्मी में बिजली गुल से त्राहिमाम छात्राएं (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 31, 2024, 2:45 PM IST

गया: बिहार के गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज में जीएनएम की सीनियर और जूनियर छात्राओं की स्थिति काफी विकट हो गई है. एक ओर गर्मी तो दूसरी ओर लगातार गुल हो रही बिजली ने पानी तक का संकट पैदा कर दिया है. जीएनएम का हॉस्टल आठ मंजिला है, जहां सिर्फ गर्मी ही लगती है, लेकिन इसमें कूलर तक नहीं लगाए गए है. अब बिजली गुल रहने से पानी नहीं पहुंच रहा और भीषण गर्मी से छात्राएं बेहोश हो रही है. इस पर मेडिकल प्रशासन का कहना है कि इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं. वैकल्पिक तौर पर जनरेटर की व्यवस्था का अलाउ हमें नहीं है.

खाली बोतल लेकर किया हंगामा: वहीं, इस तरह की स्थिति के बीच जीएनएम की छात्राओं ने हंगामा किया है. खाली बोतल लेकर हंगामा कर रही छात्राओं का कहना था कि आठ मंजिला हॉस्टल में एक बूंद पानी के लिए हम लोग तरस गए हैं. पहले बिजली रहती थी फिर भी पानी सप्लाई ठीक से नहीं होता था. इधर तो बिजली भी एकदम से गुल है. कई-कई घंटे बिजली नहीं आती है. ऐसे में इस भीषण गर्मी को कैसे झेलें.

कई छात्राएं हो चुकी हैं बेहोश: जीएनएम की छात्राओं ने बताया कि भीषण गर्मी के बीच बिजली नहीं होने, पानी की किल्लत होने, कूलर की व्यवस्था नहीं होने से हम लोगों की स्थिति एकदम से खराब हो चुकी है. हम लोग एकदम से बीमार हो रहे हैं. कई छात्राएं बेहोश हो चुकी है. हम लोग बिजली को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग मेडिकल प्रशासन से किए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में एक ही विकल्प है कि 15 दिन की छुट्टियां कर दी जाए या फिर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.

'अपने पैसे से टैंकर मंंगाकर पीते हैं पानी': छात्राओं का कहना है, कि अपने पैसे लगाकर टैंकर मंगवाती है. इसके बाद उन्हें पानी नसीब हो पता है. कभी-कभी 24 घंटे में बिजली कई घंटों तक गुल रहती है. पानी के बिना काफी परेशानी हो रही है तो हम लोगों का इस आठ मंजिला हॉस्टल में रहना मुश्किल हो रहा है. वही हमारी परेशानियों को सुनने वाला कोई नहीं है. इसीलिए आज हम लोग खाली बोतल लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने बताया कि कई बीमार हुई है, जिनका इलाज इमरजेंसी में कराया गया है.

"पहले बिजली रहती थी फिर भी पानी सप्लाई ठीक से नहीं होता था. इधर तो बिजली भी एकदम से गुल है. कई छात्राएं बेहोश हो चुकी है. ऐसे में या तो हमलोग की 15 दिन की छुट्टियां कर दी जाए या फिर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए." - सपना, छात्रा

जो व्यवस्था है उसी में चलना पड़ेगा: वहीं, इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अर्जुुन चौधरी ने बताया कि जनरेटर अलाउड नहीं है, जो व्यवस्था है, उसी के अनुसार चलना होगा. उन्होंने बताया कि बिजली पूरे शहर में कट रही है, तो यहां भी कट रही है. हम लोग वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनरेटर नहीं दे सकते, क्योंकि इसका अलाउ नहीं है. वही, छुट्टी नहीं हो सकती, क्योंकि जीएनएम की कुछ एग्जाम है.

इसे भी पढ़े- औरंगाबाद में 24 घंटे में 18 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत, 35 लोग अभी भी सदर अस्पताल में भर्ती - Aurangabad Heat Stroke

गया: बिहार के गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज में जीएनएम की सीनियर और जूनियर छात्राओं की स्थिति काफी विकट हो गई है. एक ओर गर्मी तो दूसरी ओर लगातार गुल हो रही बिजली ने पानी तक का संकट पैदा कर दिया है. जीएनएम का हॉस्टल आठ मंजिला है, जहां सिर्फ गर्मी ही लगती है, लेकिन इसमें कूलर तक नहीं लगाए गए है. अब बिजली गुल रहने से पानी नहीं पहुंच रहा और भीषण गर्मी से छात्राएं बेहोश हो रही है. इस पर मेडिकल प्रशासन का कहना है कि इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं. वैकल्पिक तौर पर जनरेटर की व्यवस्था का अलाउ हमें नहीं है.

खाली बोतल लेकर किया हंगामा: वहीं, इस तरह की स्थिति के बीच जीएनएम की छात्राओं ने हंगामा किया है. खाली बोतल लेकर हंगामा कर रही छात्राओं का कहना था कि आठ मंजिला हॉस्टल में एक बूंद पानी के लिए हम लोग तरस गए हैं. पहले बिजली रहती थी फिर भी पानी सप्लाई ठीक से नहीं होता था. इधर तो बिजली भी एकदम से गुल है. कई-कई घंटे बिजली नहीं आती है. ऐसे में इस भीषण गर्मी को कैसे झेलें.

कई छात्राएं हो चुकी हैं बेहोश: जीएनएम की छात्राओं ने बताया कि भीषण गर्मी के बीच बिजली नहीं होने, पानी की किल्लत होने, कूलर की व्यवस्था नहीं होने से हम लोगों की स्थिति एकदम से खराब हो चुकी है. हम लोग एकदम से बीमार हो रहे हैं. कई छात्राएं बेहोश हो चुकी है. हम लोग बिजली को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग मेडिकल प्रशासन से किए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में एक ही विकल्प है कि 15 दिन की छुट्टियां कर दी जाए या फिर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.

'अपने पैसे से टैंकर मंंगाकर पीते हैं पानी': छात्राओं का कहना है, कि अपने पैसे लगाकर टैंकर मंगवाती है. इसके बाद उन्हें पानी नसीब हो पता है. कभी-कभी 24 घंटे में बिजली कई घंटों तक गुल रहती है. पानी के बिना काफी परेशानी हो रही है तो हम लोगों का इस आठ मंजिला हॉस्टल में रहना मुश्किल हो रहा है. वही हमारी परेशानियों को सुनने वाला कोई नहीं है. इसीलिए आज हम लोग खाली बोतल लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने बताया कि कई बीमार हुई है, जिनका इलाज इमरजेंसी में कराया गया है.

"पहले बिजली रहती थी फिर भी पानी सप्लाई ठीक से नहीं होता था. इधर तो बिजली भी एकदम से गुल है. कई छात्राएं बेहोश हो चुकी है. ऐसे में या तो हमलोग की 15 दिन की छुट्टियां कर दी जाए या फिर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए." - सपना, छात्रा

जो व्यवस्था है उसी में चलना पड़ेगा: वहीं, इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अर्जुुन चौधरी ने बताया कि जनरेटर अलाउड नहीं है, जो व्यवस्था है, उसी के अनुसार चलना होगा. उन्होंने बताया कि बिजली पूरे शहर में कट रही है, तो यहां भी कट रही है. हम लोग वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनरेटर नहीं दे सकते, क्योंकि इसका अलाउ नहीं है. वही, छुट्टी नहीं हो सकती, क्योंकि जीएनएम की कुछ एग्जाम है.

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