तिब्बत: नेपाल, भारत और तिब्बत में मंगलवार को भूंकप के झटके महसूस किए गए. इस दौरान तिब्बत के सबसे प्रतिष्ठित शहरों में सेएक में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप के कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और नेपाल, भूटान और भारत सहित पड़ोसी देशों में इमारतें हिल गईं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इमारतों के गिरने से 53 लोगों की मौत हो गई है जबकि 62 लोग घायल हो गए हैं.
इससे पहले चीन ने दावा किया है कि नेपाल सीमा के निकट तिब्बत क्षेत्र में आए शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 32 लोग मारे गए. भूकंप सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर आया, जिसका केंद्र टिंगरी में था, जो एक ग्रामीण काउंटी है जो एवरेस्ट क्षेत्र के उत्तरी प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र द्वारा रिपोर्ट की गई भूकंप की गहराई 10 किमी (6.2 मील) थी.
53 people killed, 62 injured in 6.8-magnitude quake in Tibet: State-media. #earthquake pic.twitter.com/u8nMZTJYaV
— Press Trust of India (@PTI_News) January 7, 2025
वहीं. तिब्बत के राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारक सीसीटीवी ने जानकारी दी थी कि तिब्बती में कम से कम नौ लोग मारे गए. भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर और बिहार के कुछ हिस्सों सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में महसूस किए गए.
नेपाल में 7.1 तीव्रता का भूकंप
नेपाल में 7.1 तीव्रता का भूकंप आने से दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई इलाकों में कंपन महसूस किया गया. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार भूकंप सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में आया.
भूकंप का केंद्र उस स्थान पर था, जहां भारत और यूरेशिया प्लेट आपस में टकराती हैं और हिमालय पर्वतों में इतनी तेज उछाल आती है कि दुनिया की कुछ सबसे ऊंची चोटियों की ऊंचाई बदल जाती है.
2015 में नेपाल में मचाई थी तबाही
बता दें कि 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए और 22,000 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसमें पांच लाख से अधिक घर बर्बाद हो गए. नेपाल एक प्रमुख भूगर्भीय दोष रेखा पर स्थित है जहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट में ऊपर की ओर जाती है.
यह भी पढ़ें- नेपाल में भूकंप के तेज झटके, उत्तर भारत के कई राज्यों में हिली धरती