जयपुर. महिला दिवस पर लघु उद्योग भारती के जयपुर अंचल की महिला इकाई की ओर से स्वयं सिद्ध हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगाई गई. जयपुर के सिटी पैलेस में लगाई गई तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन जयपुर के पूर्व राज परिवार की सदस्य राजकुमारी गौरवी ने किया. इस दौरान लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद भी मौजूद रहे. आयोजन को लेकर लघु उद्योग भारती की प्रदेश उपाध्यक्ष अंजू सिंह ने बताया कि इस बार महिला दिवस और महाशिवरात्रि एक साथ है, जो शिव और शक्ति दोनों को इंगित करता है. यहां हस्तशिल्प प्रदर्शनी में करीब 100 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें राजस्थान के अलावा पंजाब और मध्यप्रदेश से भी महिलाएं अपने प्रॉडक्ट्स के साथ आई हैं. वहीं, कार्यक्रम में ऐसी महिला उद्यमियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने खुद के साथ ही अन्य महिलाओं के जीवन को संवारने का काम किया है. उन्होंने बताया कि यहां घर में इस्तेमाल होने वाले सामान, डेकोरेटिव आइटम, फर्नीचर, खिलौने, मिलेट्स और गाय के गोबर से तैयार सामग्रियों के स्टॉल्स लगाए गए हैं.
ऐसे गाय बनेंगी स्वावलंबी : गाय के गोबर से कागज तैयार करने वाले लघु उद्यमी मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि गाय के गोबर से तैयार किए गए पेपर से 100 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाए गए हैं, जिसमें बीज भी डाले गए हैं. आमतौर पर कागज बनाने के लिए पेड़ काटे जाते हैं, लेकिन उनके कागज से पेड़ उगेंगे. उन्होंने बताया कि इसमें गाय की गोबर के अलावा कॉटन वेस्टेज मिक्स करते हैं, जिसकी वजह से इसकी स्ट्रैंथ नॉर्मल पेपर से ज्यादा होती है. साथ ही गाय के गोबर से हिंदू पर्व से जुड़ी पूजन सामग्री भी तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए वो 10 रुपए किलो गीला गोबर खरीदती हैं, ताकि गाय स्वावलंबी बन सके.
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पहले ट्रेनिंग फिर रोजगार : वहीं, जूट से सामग्री तैयार करने वाली लघु उद्यमी निधि चौरसिया ने बताया कि घरेलू महिलाओं को साथ जोड़कर वो जूट के प्रोडक्ट तैयार करवाती हैं. इसमें हैंडमेड पर्स, प्लांटर्स, रग्स, बीन बैग आदि तैयार कराती हैं. इसे लेकर महिलाओं को पहले ट्रेनिंग देती हैं और उनमें से जो प्रखर हो जाती हैं, उनसे सामग्री तैयार करवाती हैं. फिर उन्हें सैलरी या फिर परसेंटेज बेस पर हायर कर लेती हैं.
आपको बता दें कि लघु उद्योग भारती की ओर से जयपुर में हर वर्ष इस तरह की प्रदर्शनियां आयोजित होती है, जबकि साल भर लघु उद्योग भारती सरकार और उद्यमियों के बीच सेतु का काम करती है. उनका प्रयास रहता है कि सरकारी योजनाओं का बेनिफिट लघु उद्यमियों तक पहुंचे और उद्यमियों की समस्याएं सरकार तक पहुंचे, ताकि उनका समाधान करते हुए पॉलिसी बनाई जा सके.