कोटा. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट अरसे से पहले जनसंघ और फिर भाजपा का गढ़ बनी हुई है. यहां से तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चुनावी मैदान में उतारा है. वे यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं. इस दौरान उन्होंने दो पूर्व सांसदों को चुनाव में हराया है. इनमें इज्यराज सिंह और रामनारायण मीणा शामिल हैं.
इस बार बिरला का मुकाबला भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए प्रहलाद गुंजल से हुआ है. इसके लिए 26 अप्रैल को हुए मतदान में 20 लाख 88 हजार 23 मतदाताओं को वोटिंग करनी थी. इनमें से 14 लाख 87 हजार 879 ने ही वोट किया है. इस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के अलावा 13 अन्य प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं. हालांकि मुकाबला भाजपा के ओम बिरला और कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल के बीच है. दोनों के बीच इस बार कांटे का मुकाबला माना जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार धीतेन्द्र शर्मा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी कोटा-बूंदी सीट पर हमेशा ही मजबूत रही है, लेकिन इस बार टक्कर का मुकाबला हुआ है. भाजपा का कोटा बूंदी सीट पर परंपरागत वोट बैंक मजबूत है. इस बार भी वह वोट बैंक भाजपा के साथ ही रहा है. भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए गुंजल से सिंपैथी भी लोगों की नजर आई है. गुर्जर मतदाताओं के स्विंग होने का भी भारी खतरा इस चुनाव में है.
बीते 10 में से 7 बार बीजेपी जीती : बीते 10 चुनाव की बात की जाए तो इसमें तीन बार कांग्रेस और सात बार भारतीय जनता पार्टी का सांसद यहां से चुना गया है. कांग्रेस के सांसदों की बात की जाए तो 1984 में शांति धारीवाल, 1998 में रामनारायण मीणा और 2009 में इज्यराज सिंह शामिल हैं. जबकि भाजपा के सांसदों की बात की जाए तो 1989, 1991 और 1996 में दौड़ दयाल जोशी, 1999 और 2004 में रघुवीर सिंह कौशल, इसके बाद 2014 और 2019 में ओम बिरला शामिल हैं.
बिरला के नाम रही है इतिहास के दो बड़ी जीत : लोकसभा चुनाव में 2014 में भाजपा के ओम बिरला को 6,44,822 वोट मिले थे, जबकि उनके विरोध में कांग्रेस प्रत्याशी इज्यराज सिंह को 4,44,040 वोट मिले थे. ऐसे में ओम बिरला 2 लाख 782 वोट से चुनाव जीते थे. जबकि 2019 की बात की जाए तो ओम बिरला को 8,00051 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीणा को 520374 मत मिले थे. ऐसे में ओम बिरला 2,79,677 वोटों से जीते थे. जीत के अंतर के इतिहास से देखा जाए तो यह सबसे बड़ी जीत थी, वहीं दूसरी सबसे बड़ी जीत भी उन्हीं के नाम है, उन्होंने इज्यराज सिंह को 2014 में 200782 वोट से हराया था.