खंडवा. पर्यटन के मामले में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की एक अलग पहचान बन गई है. इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम के बैकवॉटर क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से बने टापू पर्यटन के लिए विकसित किए जा रहे हैं. इसमे टापू धारी कोटला, बोरियामाल और गुंजारी जैसे स्थानीय और अनछुए प्राकृतिक स्थलों का विस्तार हो चुका है. इन टापुओं पर कैंपिंग, ट्रेकिंग और सुकून के पल बिताने का एक अलग ही रोमांच है. इस आर्टिकल में विस्तार से जानें खंडवा के इन पर्यटन स्थलों के बारे में.
प्राकृतिक सौंदर्य के बीच करें वाइल्ड लाइफ का दीदार
वनमंडल खंडवा के अंतर्गत ओंकारेश्वर बांध परियोजना के जल भराव क्षेत्र में गुंजारी टापू को विकसित किया गया है. यहां कावेरी और नर्मदा नदी के संगम स्थल का विहंगम दृश्य देखने मिलता है. यहां वन्यप्राणी जैसे जंगली बिल्ली, सेही, भेड़की, नीलगाय, चीतल बड़े वन्यजीव जैसे तेन्दुआ, रीछ, सियाह, लकड़बग्गा, भेड़िया, जंगली कुत्ता, लोमड़ी देखने को मिल जाते हैं. प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने, वन की विशालता और रहस्यों को नजदीक से देखने व समझने के लिए यहां ट्रेकिंग रूट का निर्माण भी किया गया है.
पर्यटकों का मन मोह रहा शांत वातावरण
धारी कोटला टापू न केवल स्थानीय पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि देशभर से आने वाले पर्यटक भी यहां का रुख कर रहे हैं. पानी से घिरे इस टापू की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण में यहां मालदीव्स जैसा फील आता है. वहीं आईलैंड पर हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों की खूबसूरती के बीच दूर-दूर से लोग सुकून के पल बिताने पहुंच रहे हैं.
कैम्पिंग, ट्रेकिंग और सुकून का कॉम्बो
बोरियामाल टापू विविधताओं से भरा हुआ है. यहां सैर के दौरान पक्षियों की चहचहाहट हर पर्यटक को सुकून देती है. ये कैम्पिंग, ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन स्थान हैं. वन विभाग वन समिति व स्थानीय समुदायों की सहभागिता से यहां पर्यावरण संरक्षण के अनूठे प्रयास किए जा रहे हैं. पर्यटक यहां बोटिंग और जंगल सफारी जैसी गतिविधियों का आनंद उठा रहे हैं. यहां के शांत माहौल में लोग ध्यान और योग भी करने आते हैं.
200 से अधिक लोगों को रोजगार
डीएफओ राकेश कुमार डामोर के मुताबिक, '' टापुओं से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी रोजगार मिला है. 200 से अधिक लोगों को काम मिला है. इससे उन्हें अब दूसरे शहर जाकर काम नहीं करना पड़ता. पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं. टापुओं पर गाइड, नाविक और अन्य तरह के रोजगार ग्रामीणों को मिल रहे हैं. इसके साथ ही वन समिति के सदस्यों को भी इसका आर्थिक लाभ मिल रहा है.''
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डीएफओ ने कहा, '' पर्यटन के क्षेत्र में वन विभाग नए प्रयास कर रहा है. चारखेड़ा, बोरियामाल, गुंजारी टापू और धारी कोटला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं. करीब 200 स्थानीय लोगों भी रोजगार मिल रहा है. इस तरह से ओर भी टापूओं को पर्यटन के लिए विकसीत करने की तैयारी है.''