खंडवा। ये तस्वीर देखकर आपको भी हैरत होगी. पुलिस ड्रेस में नजर आ रहे ये पुलिस वाले असली ही हैं और भैंसों की चाकरी कर रहे हैं.कुछ पुलिस वाले पानी पिला रहे हैं तो कुछ भूसा-चारा खिला रहे हैं तो कोई सफाई कर रहा है. ये खंडवा जिले का एक थाना है लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि अब भैंसों का तबेला बना चुका है.
थाने में कैसे पहुंची भैंसें
बात खंडवा के जावर थाने की हो रही है. इसी थाने में पुलिसवाले भैंसों की सेवा में जुटे हैं.दरअसल पिछले दिनों जावर पुलिस ने भैंसों से लदा एक ट्रक पकड़ा है. इस ट्रक में 17 भैंसों को क्रूरता से ठूंस-ठूंस कर भरा हुआ था. भैंसों को थाने में उतार कर बांध दिया गया. वहीं इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है. आरोपी तो जेल चले गए लेकिन अब इन भैंसों का क्या किया जाए लिहाजा अब थाने में ही इनकी सेवा कर रहे हैं.
कार्रवाई बनी पुलिस के लिए मुसीबत
आरोपियों के जेल जाते ही पुलिस की परेशानी भी शुरू हो गई.दरअसल पुलिस कर्मियों का दिन अब इन भैंसों की देखरेख में गुजर रहा है. भैंसों को नहलाने से लेकर, चारा खिलाने और पानी पिलाने में पुलिस कर्मी लगे हुए हैं या यूं कहें कि पूरे थाने का स्टाफ इसी काम में जुटा है.कहीं न कहीं थाने में होने वाला काम भी प्रभावित हो रहा है.
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अब तक 10 हजार रुपये खर्च
भैंसों की निगरानी के लिए एक पुलिस जवान की ड्यूटी भी अलग से लगाई गई है. इसके साथ ही भैंसों के भूसा और चारे में अब तक 10 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं. इनकी देखरेख में अब पुलिस का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.जावर टीआई गंगा प्रसाद वर्मा ने बताया कि 17 भैंसों को सुपुर्द करने की कार्रवाई की जा रही है. तब तक थाने में ही भैंसों की देखरेख कर रहे हैं. चारा भूसा खरीदकर भैंसों को खिलवा रहे हैं.