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स्कैमर्स ने बिना OTP के बैंक खाते से उड़ाए 1.11 लाख रुपए, साइबर पुलिस ने कराया रिफंड - Jhalawar Cyber Police - JHALAWAR CYBER POLICE

Cyber Fraud in Jhalawar, झालावाड़ साइबर पुलिस ने साइब फ्रॉड का शिकार हुए पीड़ित के 1.11 लाख रुपए रिफंड करवाए. ठगों ने बिना ओटीपी पीड़ित के खाते से राशि उड़ा लिए थे.

साइबर पुलिस ने कराया रिफंड
साइबर पुलिस ने कराया रिफंड (ETV Bharat Jhalawar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 20, 2024, 8:22 PM IST

झालावाड़: जिले की साइबर पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामले में स्कैमर्स की ओर से बैंक खाते से उड़ाई गई 1 लाख 11 हजार 643 रुपए की राशि को बैंक खाते में रिफंड करवाने में सफलता हासिल की है. पीड़ित के अनुसार उसने किसी भी प्रकार का ओटीपी शेयर नहीं किया था, बावजूद इसके पीड़ित के खाते से 1 लाख 11 हजार 643 रुपए का ट्रांजैक्शन हो गया था.

पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के कोटड़ा निवासी सूरज कुमार ने साइबर फ्रॉड की शिकायत दी थी, जिसमें उसने बताया कि उसके दो अलग-अलग बैंकों में रखे 1 लाख 11 हजार 643 रुपए को स्कैमर्स ने साइबर फ्रॉड कर उड़ा लिया. परिवादी ने बताया कि जब उसने अपने खातों को चेक किया तो इस पूरी राशि का ट्रांजैक्शन होने का पता चला. एसपी ने बताया कि इस मामले में सबसे बड़ी बात यह थी कि पीड़ित की ओर से किसी भी प्रकार का ओटीपी शेयर नहीं किया गया था. बावजूद इसके स्कैमर्स पीड़ित के बैंक खाते में सेंध लगाने में कामयाब रहे.

पढ़ें. पुलिस ने ठगी के फरार आरोपी को किया गिरफ्तार, करोड़ों की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है आरोपी

इस तरह करते हैं ठगी : साइबर एक्सपर्ट हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने बताया कि आजकल स्कैमर्स साइबर फ्रॉड करने के लिए नया तरीका अपना रहे हैं, जिसमें स्कैमर्स की ओर से पहले व्हाट्सएप नंबर को हैक कर लिया जाता है. इसके बाद जिस व्हाट्सएप ग्रुप से आप जुड़े हुए हैं उसमें एक .Apk (एंड्रॉइड पैकेज फाइल ) एप्लीकेशन का लिंक भेजा जाता है. इस दौरान ग्रुप में जुड़े किसी साथी की ओर से जैसे ही इस लिंक को डाउनलोड किया जाता है, तो उस मोबाइल की सभी जानकारी स्कैमर्स तक पहुंच जाती है. ऐसे में आपके खाते से किए गए ट्रांजैक्शन का ओटीपी स्कैमर्स तक पहले ही पहुंच जाता है. ऐसे में पीड़ित को पता भी नहीं चलता कि उसका ओटीपी पहले ही शेयर किया जा चुका है.

आप भी रहिए सावधान : साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि इस मामले में दोनों खातों से 1 लाख 11 हजार 643 रुपए की राशि का अलग-अलग 4 खातों में ट्रांजैक्शन किया गया था. पीड़ित की शिकायत मिलने के बाद इन सभी खातों को फ्रिज कराया गया. बाद में पीड़ित की पूरी राशि को उसके खाते में रिफंड करवाया गया है. इस दौरान साइबर एक्सपर्ट ने अपील की है कि किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप में .Apk नाम के एप्लीकेशन फाइल को डाउनलोड न करें.

झालावाड़: जिले की साइबर पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामले में स्कैमर्स की ओर से बैंक खाते से उड़ाई गई 1 लाख 11 हजार 643 रुपए की राशि को बैंक खाते में रिफंड करवाने में सफलता हासिल की है. पीड़ित के अनुसार उसने किसी भी प्रकार का ओटीपी शेयर नहीं किया था, बावजूद इसके पीड़ित के खाते से 1 लाख 11 हजार 643 रुपए का ट्रांजैक्शन हो गया था.

पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के कोटड़ा निवासी सूरज कुमार ने साइबर फ्रॉड की शिकायत दी थी, जिसमें उसने बताया कि उसके दो अलग-अलग बैंकों में रखे 1 लाख 11 हजार 643 रुपए को स्कैमर्स ने साइबर फ्रॉड कर उड़ा लिया. परिवादी ने बताया कि जब उसने अपने खातों को चेक किया तो इस पूरी राशि का ट्रांजैक्शन होने का पता चला. एसपी ने बताया कि इस मामले में सबसे बड़ी बात यह थी कि पीड़ित की ओर से किसी भी प्रकार का ओटीपी शेयर नहीं किया गया था. बावजूद इसके स्कैमर्स पीड़ित के बैंक खाते में सेंध लगाने में कामयाब रहे.

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इस तरह करते हैं ठगी : साइबर एक्सपर्ट हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने बताया कि आजकल स्कैमर्स साइबर फ्रॉड करने के लिए नया तरीका अपना रहे हैं, जिसमें स्कैमर्स की ओर से पहले व्हाट्सएप नंबर को हैक कर लिया जाता है. इसके बाद जिस व्हाट्सएप ग्रुप से आप जुड़े हुए हैं उसमें एक .Apk (एंड्रॉइड पैकेज फाइल ) एप्लीकेशन का लिंक भेजा जाता है. इस दौरान ग्रुप में जुड़े किसी साथी की ओर से जैसे ही इस लिंक को डाउनलोड किया जाता है, तो उस मोबाइल की सभी जानकारी स्कैमर्स तक पहुंच जाती है. ऐसे में आपके खाते से किए गए ट्रांजैक्शन का ओटीपी स्कैमर्स तक पहले ही पहुंच जाता है. ऐसे में पीड़ित को पता भी नहीं चलता कि उसका ओटीपी पहले ही शेयर किया जा चुका है.

आप भी रहिए सावधान : साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि इस मामले में दोनों खातों से 1 लाख 11 हजार 643 रुपए की राशि का अलग-अलग 4 खातों में ट्रांजैक्शन किया गया था. पीड़ित की शिकायत मिलने के बाद इन सभी खातों को फ्रिज कराया गया. बाद में पीड़ित की पूरी राशि को उसके खाते में रिफंड करवाया गया है. इस दौरान साइबर एक्सपर्ट ने अपील की है कि किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप में .Apk नाम के एप्लीकेशन फाइल को डाउनलोड न करें.

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