जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि घटना को लेकर यदि पीड़िता की सहमति भी होती तो भी यह अपराध की श्रेणी में आएगा, क्योंकि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. इसके अलावा डीएनए रिपोर्ट से साबित है कि दोनों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है. ऐसे में उनके लिए नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के भाई ने 13 मार्च, 2022 को रेनवाल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी 17 साल की बहन सुबह घर से बिना बताए चली गई. उन्होंने रिश्तेदारी में तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिली. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि एक अभियुक्त के गांव में उसका ननिहाल होने के कारण वह उसे जानती थी.
घटना के दिन उसने अभियुक्त को कहा कि वह उसे खाटूश्यामजी छोड़ दे. इस दौरान दूसरा अभियुक्त भी वाहन में आकर बैठ गया. रास्ते में दोनों ने संबंध बनाने की शर्त पर खाटू छोड़ने की बात कही और वाहन में ही एक अभियुक्त ने तीन बार और दूसरे अभियुक्त ने एक बार दुष्कर्म किया. इसके बाद सुबह पांच बजे उसने दोनों को घर छोडऩे के लिए कहा तो उन्होंने फिर से संबंध बनाने को कहा. इस पर उसने मना कर दिया और वाहन से कूदकर अपने ननिहाल आ गई. वहीं, अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि उन्होंने अपराध नहीं किया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास से दंडित किया है.