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लिलीपूल को लेकर पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवराज और लालित्या को किया पाबंद - Jaipur District Court

Lilypool Controversy, कोर्ट ने लिलीपूल को लेकर पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवराज और लालित्या को पाबंद किया है. यहां जानिए पूरा मामला...

Jaipur District Court
जयपुर जिला न्यायालय (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 8:14 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-9 महानगर प्रथम ने सेंट्रल पार्क के पास स्थित लिलीपूल को लेकर यथा स्थिति के आदेश दिए हैं. अदालत ने पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवराज और लालित्या को पाबंद किया है कि वह इस संपत्ति को गिरवी और बेचान सहित किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी तरह अंतरित ना करें. अदालत ने यह आदेश मैसर्स रामबाग पैलेस होटल की ओर से दायर अस्थाई निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता रामजी लाल गुप्ता ने बताया कि लिलीपूल परिसर प्रार्थी रामबाग पैलेस होटल प्रा.लि. का है और लाइसेंस डीड के अनुसार इस संपत्ति का स्वामित्व प्रार्थी कंपनी को मिला हुआ है. यहां तक कि पूर्व राजमाता गायत्री देवी भी इसके उपयोग के बदले मासिक 30 हजार रुपए बतौर लाइसेंस फीस अदा करती थी. गायत्री देवी की मृत्यु के बाद अप्रार्थी देवराज और लालित्या ने लिलीपूल पर कब्जा कर लिया है.

पढ़ें : आजादी के बाद से अब तक पूर्व राज परिवारों की लोकतांत्रिक सरकार में रही है सक्रियता, जानें इस बार के समीकरण

अब वे दोनों इस संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को देने के लिए आमादा है, जबकि देवराज और लालित्या का लिलीपूल पर कोई स्वामित्व ही नहीं है. ऐसे में जब तक मूल वाद का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक संपत्ति को किसी अन्य को अंतरित नहीं करने और इस संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने देवराज और लालित्या को आदेश दिए हैं कि वह संपत्ति के स्वामित्व के संबंध में लंबित मूल वाद के निस्तारण कर इस पर यथा स्थिति बनाए रखें.

जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-9 महानगर प्रथम ने सेंट्रल पार्क के पास स्थित लिलीपूल को लेकर यथा स्थिति के आदेश दिए हैं. अदालत ने पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवराज और लालित्या को पाबंद किया है कि वह इस संपत्ति को गिरवी और बेचान सहित किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी तरह अंतरित ना करें. अदालत ने यह आदेश मैसर्स रामबाग पैलेस होटल की ओर से दायर अस्थाई निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता रामजी लाल गुप्ता ने बताया कि लिलीपूल परिसर प्रार्थी रामबाग पैलेस होटल प्रा.लि. का है और लाइसेंस डीड के अनुसार इस संपत्ति का स्वामित्व प्रार्थी कंपनी को मिला हुआ है. यहां तक कि पूर्व राजमाता गायत्री देवी भी इसके उपयोग के बदले मासिक 30 हजार रुपए बतौर लाइसेंस फीस अदा करती थी. गायत्री देवी की मृत्यु के बाद अप्रार्थी देवराज और लालित्या ने लिलीपूल पर कब्जा कर लिया है.

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अब वे दोनों इस संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को देने के लिए आमादा है, जबकि देवराज और लालित्या का लिलीपूल पर कोई स्वामित्व ही नहीं है. ऐसे में जब तक मूल वाद का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक संपत्ति को किसी अन्य को अंतरित नहीं करने और इस संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने देवराज और लालित्या को आदेश दिए हैं कि वह संपत्ति के स्वामित्व के संबंध में लंबित मूल वाद के निस्तारण कर इस पर यथा स्थिति बनाए रखें.

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