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महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की समीक्षा करने के लिए बनाई गई मंत्रिमंडलीय समिति, शिक्षकों के जिले आवंटन से पहले उठी ये मांग - CABINET COMMITTEE FORMED

पूर्ववर्ती सरकार ने जिन सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में कंवर्ट किया था, उसकी समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति गठित.

CABINET COMMITTEE FORMED
समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति गठित (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 5:54 PM IST

जयपुर : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिन सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में कंवर्ट किया था, उनकी समीक्षा कर फैसला लेने के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में चिकित्सा मंत्री, शिक्षा मंत्री और खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री को भी शामिल किया गया है. वहीं, जल्द इन स्कूलों को शिक्षक भी मिलेंगे. हालांकि, इस बीच प्रदेश में जिले 50 से घटाकर 41 करने के बाद अब शिक्षक संगठनों ने जिला और विद्यालय की चॉइस के लिए दोबारा ऑप्शन मांगने की मांग की है.

राजस्थान के 3 हजार 737 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को जल्द शिक्षक मिलेंगे. दरअसल, इन इंग्लिश मीडियम स्कूलों में करीब 17 हजार 500 पद रिक्त हैं, जिनके लिए इंग्लिश मीडियम स्टाफ चयन परीक्षा 2024 का आयोजन किया गया. इसमें 79 हजार 275 शिक्षकों ने आवेदन किया था, जबकि लिखित परीक्षा में 51 हजार 870 शिक्षक ही शामिल हुए थे. अब इंग्लिश मीडियम स्टाफ चयन परीक्षा 2024 का रिजल्ट जारी होने के बाद मैरिट के आधार पर शिक्षकों को जिला आवंटित किया जाएगा.

शिक्षकों के जिले आवंटन से पहले उठी ये मांग (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें - भजनलाल सरकार ने गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट को माना फेल, महात्मा गांधी के नाम की इस योजना पर अब री-कॉल की तैयारी - English Medium Schools

हालांकि, इन शिक्षकों से आवेदन के समय 50 जिलों में से ऑप्शन लिया गया था, लेकिन अब राज्य में जिले घटकर 41 रह गए हैं. चूंकि वर्तमान में पद स्थापित जिले का विकल्प भरने वाले शिक्षकों को 10% बोनस अंक दिए जाने हैं. जिन जिलों का अस्तित्व खत्म हो गया है, उनके लिए बोनस अंक कैसे दिए जाएंगे. ऐसे में जिला आवंटन से पहले विभागीय अधिकारियों को इस पर भी विचार करना होगा.

राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विभिन्न प्रकाश शर्मा ने बताया कि राज्य में 50 जिलों की जगह 41 जिले हो गए हैं. शिक्षा विभाग में जो अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के लिए परीक्षा ली थी, उसमें शिक्षकों से 50 जिलों के लिए ऑप्शन मांगे गए थे, जिसका रिजल्ट भी आ चुका है. उसमें 10% पद स्थापित जिले का बोनस अंक रखा गया था. ऐसे में अब शिक्षक असमंजस की स्थिति में है कि उन्हें कौन से जिले में जाना पड़ेगा. कुछ तहसील दूसरे जिलों में भी शिफ्ट हो गई हैं. ऐसे में शिक्षक ही चाहते हैं कि उनसे दोबारा ऑप्शन मांगा जाए.

इसे भी पढ़ें - Challenges of MGEMS: महात्मा गांधी स्कूल के लिए चुनौती बना English Medium!

उन्होंने बताया कि कुछ पूर्व के जिलों की तहसीलें और पंचायतें दूसरे जिलों में समाहित हो गई हैं. सर प्लस शिक्षकों को समायोजन के दौरान दूसरे इंग्लिश मीडियम स्कूल में समायोजित करने से रिक्त पदों की संख्या बदल गई है. इस संबंध में राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संघ ने निदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि शिक्षकों से महात्मा गांधी विद्यालयों की चॉइस के लिए दोबारा ऑप्शन मांगा जाए, क्योंकि जो 9 जिले खत्म हुए हैं या उन्हें मर्ज किया गया है, वहां शिक्षक जाना भी नहीं चाहते हैं. ऐसे में जल्द से जल्द महात्मा गांधी विद्यालयों में जो शिक्षकों की भर्तियां हो रही हैं, उसके लिए ऑप्शन दोबारा मांगा जाए. साथ ही इस भर्ती को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो सके.

इसके साथ ही कई क्षेत्रों से इंग्लिश मीडियम स्कूलों को दोबारा हिंदी मीडियम स्कूल में ही कंवर्ट करने की भी मांग उठ रही है. कुछ जगह सवाल भी उठाए गए हैं कि आखिर बिना इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के क्यों इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किया गया. ऐसे कई सवालों का जवाब ढूंढने के लिए अब मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. इसमें उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद व नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा न सिर्फ इन सवालों का जवाब ढूंढेंगे, बल्कि जिन हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कंवर्ट किया गया, उनकी समीक्षा करते हुए उपयुक्त फैसला भी लेंगे.

जयपुर : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिन सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में कंवर्ट किया था, उनकी समीक्षा कर फैसला लेने के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में चिकित्सा मंत्री, शिक्षा मंत्री और खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री को भी शामिल किया गया है. वहीं, जल्द इन स्कूलों को शिक्षक भी मिलेंगे. हालांकि, इस बीच प्रदेश में जिले 50 से घटाकर 41 करने के बाद अब शिक्षक संगठनों ने जिला और विद्यालय की चॉइस के लिए दोबारा ऑप्शन मांगने की मांग की है.

राजस्थान के 3 हजार 737 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को जल्द शिक्षक मिलेंगे. दरअसल, इन इंग्लिश मीडियम स्कूलों में करीब 17 हजार 500 पद रिक्त हैं, जिनके लिए इंग्लिश मीडियम स्टाफ चयन परीक्षा 2024 का आयोजन किया गया. इसमें 79 हजार 275 शिक्षकों ने आवेदन किया था, जबकि लिखित परीक्षा में 51 हजार 870 शिक्षक ही शामिल हुए थे. अब इंग्लिश मीडियम स्टाफ चयन परीक्षा 2024 का रिजल्ट जारी होने के बाद मैरिट के आधार पर शिक्षकों को जिला आवंटित किया जाएगा.

शिक्षकों के जिले आवंटन से पहले उठी ये मांग (ETV BHARAT JAIPUR)

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हालांकि, इन शिक्षकों से आवेदन के समय 50 जिलों में से ऑप्शन लिया गया था, लेकिन अब राज्य में जिले घटकर 41 रह गए हैं. चूंकि वर्तमान में पद स्थापित जिले का विकल्प भरने वाले शिक्षकों को 10% बोनस अंक दिए जाने हैं. जिन जिलों का अस्तित्व खत्म हो गया है, उनके लिए बोनस अंक कैसे दिए जाएंगे. ऐसे में जिला आवंटन से पहले विभागीय अधिकारियों को इस पर भी विचार करना होगा.

राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विभिन्न प्रकाश शर्मा ने बताया कि राज्य में 50 जिलों की जगह 41 जिले हो गए हैं. शिक्षा विभाग में जो अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के लिए परीक्षा ली थी, उसमें शिक्षकों से 50 जिलों के लिए ऑप्शन मांगे गए थे, जिसका रिजल्ट भी आ चुका है. उसमें 10% पद स्थापित जिले का बोनस अंक रखा गया था. ऐसे में अब शिक्षक असमंजस की स्थिति में है कि उन्हें कौन से जिले में जाना पड़ेगा. कुछ तहसील दूसरे जिलों में भी शिफ्ट हो गई हैं. ऐसे में शिक्षक ही चाहते हैं कि उनसे दोबारा ऑप्शन मांगा जाए.

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उन्होंने बताया कि कुछ पूर्व के जिलों की तहसीलें और पंचायतें दूसरे जिलों में समाहित हो गई हैं. सर प्लस शिक्षकों को समायोजन के दौरान दूसरे इंग्लिश मीडियम स्कूल में समायोजित करने से रिक्त पदों की संख्या बदल गई है. इस संबंध में राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संघ ने निदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि शिक्षकों से महात्मा गांधी विद्यालयों की चॉइस के लिए दोबारा ऑप्शन मांगा जाए, क्योंकि जो 9 जिले खत्म हुए हैं या उन्हें मर्ज किया गया है, वहां शिक्षक जाना भी नहीं चाहते हैं. ऐसे में जल्द से जल्द महात्मा गांधी विद्यालयों में जो शिक्षकों की भर्तियां हो रही हैं, उसके लिए ऑप्शन दोबारा मांगा जाए. साथ ही इस भर्ती को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो सके.

इसके साथ ही कई क्षेत्रों से इंग्लिश मीडियम स्कूलों को दोबारा हिंदी मीडियम स्कूल में ही कंवर्ट करने की भी मांग उठ रही है. कुछ जगह सवाल भी उठाए गए हैं कि आखिर बिना इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के क्यों इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किया गया. ऐसे कई सवालों का जवाब ढूंढने के लिए अब मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है. इसमें उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद व नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा न सिर्फ इन सवालों का जवाब ढूंढेंगे, बल्कि जिन हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कंवर्ट किया गया, उनकी समीक्षा करते हुए उपयुक्त फैसला भी लेंगे.

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