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भजनलाल मंत्रिमंडल विस्तार होगा या नहीं ? राधामोहन दास ने बता दिया, खुद सुनिए - RAJASTHAN CABINET RESHUFFLE

भजनलाल सरकार के कैबिनेट में बदलाव को लेकर प्रभारी राधामोहन दास ने कहा कि कांग्रेस राज में कुर्सी बचाने के लिए मंत्री बनाए जाते थे.

Radha Mohan Das Agarwal
राजस्थान भाजपा प्रभारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 5:49 PM IST

जयपुर: राजस्थान में इन दिनों भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर सियासी चर्चाएं जोरों पर हैं. चर्चा है कि जल्द ही सीएम भजनलाल अपनी टीम में बदलाव करते हुए कुछ मंत्री हटा सकते हैं, तो कुछ विधायकों को मंत्री पद दे सकते हैं. यही वजह है कि सियासी गलियारों में उठ रही चर्चाओं के बाद मंत्री अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लगे हैं, तो विधायक कुर्सी पाने के लिए अपना राजनीतिक समीकरण बिठा रहे हैं.

इन सबके बीच प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं पर बयान देकर एक बार के लिए विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान या भारत के संविधान में कहीं ऐसा नहीं लिखा है कि 15 फीसदी से कम विधायकों को मंत्री बनाने पर सरकार नहीं चल सकती. यह कांग्रेस की सरकार नहीं है जो कुर्सी बचाने के लिए खांची-खांची भर मंत्री बनाए जाते थे. कुर्सी बचाने के लिए जिस विधायक को चाहा, उसको मंत्री बना दिया.

प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास (ETV Bharat Jaipur)

संविधान में कहीं नहीं लिखा : राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल का फैसला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अपना होता है. उन्हें लगता है कि इन्हीं मंत्रियों से काम चलाना है तो वो इन्हीं से काम चलाएंगे. उन्हें लगेगा कि अतिरिक्त विधायकों को जोड़ेंगे तो वो उस पर काम करेंगे. उनको लगेगा कि कुछ मंत्री अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रहे और उन्हें हटाना चाहिए तो वह केंद्रीय संगठन से बात करके उन्हें हटा देंगे. यह अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, फैसला उन्हीं को लेना है.

पढ़ें : राधामोहन दास बोले- संघ प्रमुख के बयान की विवेचना नहीं, आदेश समझ पालना करते हैं - MANDIR MASJID CONTROVERSY

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि ये कहां लिखा है कि 6 सीट खाली हैं तो उसे भरा जाए. भारत के संविधान या राजस्थान के संविधान में कहीं पर भी यह नहीं लिखा है कि 15 फीसदी अगर मिनिस्टर नहीं बने तो मिनिस्ट्री नहीं मानी जाएगी. यह सीमा हाई कोर्ट ने तब तय की थी जब कांग्रेस सरकार खांची-खांची भर मंत्री बना दिए. मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए विधायकों को मंत्री बनाए, तब सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा कि 15 से अधिक मंत्री नहीं हो सकते.

'आप' पार्टी और कांग्रेस की तरह लुटेरे नहीं : 6 मंत्रियों के खाली स्पेस को लेकर राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री को लगेगा कि उन्हें 6 और विधायकों को मंत्री बनाना चाहिए तो वह निर्णय स्वयं ले लेंगे, लेकिन हमारी सरकार आम आदमी पार्टी की तरह नहीं है जो सारे विधायकों को मुख्य सचेतक बना कर दो-दो लाख की तनख्वाह दे दे. हमारी पार्टी केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की तरह भ्रष्ट नहीं है. कांग्रेस पार्टी की तरह लुटेरे नहीं हैं. हम सिद्धांतों पर काम करने वाली पार्टी के लोग हैं. हम कम खर्च में काम करते हैं. खर्च कितना करना है, अगर कम खर्चे में काम चला सकते हैं तो हम कम खर्चे में काम चलाएंगे. हमें लगेगा कि और लोगों को लेना चाहिए तो हम लेंगे. अभी कोई मंत्रिमंडल की ज्यादा जरूरत नहीं है. सभी विधायक संतुष्ट हैं. सभी का काम हो रहा है, जनता के बीच में विधायक काम कर रहे हैं.

जयपुर: राजस्थान में इन दिनों भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर सियासी चर्चाएं जोरों पर हैं. चर्चा है कि जल्द ही सीएम भजनलाल अपनी टीम में बदलाव करते हुए कुछ मंत्री हटा सकते हैं, तो कुछ विधायकों को मंत्री पद दे सकते हैं. यही वजह है कि सियासी गलियारों में उठ रही चर्चाओं के बाद मंत्री अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लगे हैं, तो विधायक कुर्सी पाने के लिए अपना राजनीतिक समीकरण बिठा रहे हैं.

इन सबके बीच प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं पर बयान देकर एक बार के लिए विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान या भारत के संविधान में कहीं ऐसा नहीं लिखा है कि 15 फीसदी से कम विधायकों को मंत्री बनाने पर सरकार नहीं चल सकती. यह कांग्रेस की सरकार नहीं है जो कुर्सी बचाने के लिए खांची-खांची भर मंत्री बनाए जाते थे. कुर्सी बचाने के लिए जिस विधायक को चाहा, उसको मंत्री बना दिया.

प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास (ETV Bharat Jaipur)

संविधान में कहीं नहीं लिखा : राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल का फैसला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अपना होता है. उन्हें लगता है कि इन्हीं मंत्रियों से काम चलाना है तो वो इन्हीं से काम चलाएंगे. उन्हें लगेगा कि अतिरिक्त विधायकों को जोड़ेंगे तो वो उस पर काम करेंगे. उनको लगेगा कि कुछ मंत्री अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रहे और उन्हें हटाना चाहिए तो वह केंद्रीय संगठन से बात करके उन्हें हटा देंगे. यह अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, फैसला उन्हीं को लेना है.

पढ़ें : राधामोहन दास बोले- संघ प्रमुख के बयान की विवेचना नहीं, आदेश समझ पालना करते हैं - MANDIR MASJID CONTROVERSY

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि ये कहां लिखा है कि 6 सीट खाली हैं तो उसे भरा जाए. भारत के संविधान या राजस्थान के संविधान में कहीं पर भी यह नहीं लिखा है कि 15 फीसदी अगर मिनिस्टर नहीं बने तो मिनिस्ट्री नहीं मानी जाएगी. यह सीमा हाई कोर्ट ने तब तय की थी जब कांग्रेस सरकार खांची-खांची भर मंत्री बना दिए. मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए विधायकों को मंत्री बनाए, तब सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा कि 15 से अधिक मंत्री नहीं हो सकते.

'आप' पार्टी और कांग्रेस की तरह लुटेरे नहीं : 6 मंत्रियों के खाली स्पेस को लेकर राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री को लगेगा कि उन्हें 6 और विधायकों को मंत्री बनाना चाहिए तो वह निर्णय स्वयं ले लेंगे, लेकिन हमारी सरकार आम आदमी पार्टी की तरह नहीं है जो सारे विधायकों को मुख्य सचेतक बना कर दो-दो लाख की तनख्वाह दे दे. हमारी पार्टी केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की तरह भ्रष्ट नहीं है. कांग्रेस पार्टी की तरह लुटेरे नहीं हैं. हम सिद्धांतों पर काम करने वाली पार्टी के लोग हैं. हम कम खर्च में काम करते हैं. खर्च कितना करना है, अगर कम खर्चे में काम चला सकते हैं तो हम कम खर्चे में काम चलाएंगे. हमें लगेगा कि और लोगों को लेना चाहिए तो हम लेंगे. अभी कोई मंत्रिमंडल की ज्यादा जरूरत नहीं है. सभी विधायक संतुष्ट हैं. सभी का काम हो रहा है, जनता के बीच में विधायक काम कर रहे हैं.

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