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रूठे-रूठे जगदानंद सिंह मनाऊं कैसे..! RJD सदस्यता अभियान को लेकर तेजस्वी यादव कर रहे बैठक, नहीं आए जगदा बाबू - JAGDANAND SINGH

वैसे तो फिल्मी पर्दों पर अक्सर ही आप रूठने-मनाने वाली कहानी देखते होंगे. आरजेडी में यह रीयल में होता है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 24, 2024, 3:32 PM IST

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का सदस्यता अभियान चल रहा है. आज सदस्यता अभियान की समीक्षा को लेकर प्रदेश राजद कार्यालय में समीक्षा बैठक हो रही है. इस सदस्यता बैठक से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दूरी बना ली है. समीक्षा बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी यादव कर रहे हैं.

रूठे-रूठे जगदानंद सिंह..! : पिछले 25 नवंबर से जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश कार्यालय से अपनी दूरी बना लिए थे. खबर थी कि जगदानंद सिंह की नाराजगी खत्म हो गई है. वे आज पार्टी कार्यालय आ सकते हैं. लेकिन इतने बड़े कार्यक्रम से भी जगता बाबू ने दूरी बना ली है. हालांकि इसको लेकर राजद ने सफाई भी दी है.

''देर रात हम लोग जगदा बाबू से मिलने उनके आवास पर गए थे. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. उन्होंने कहा कि आप लोग इस कार्यक्रम को अच्छे ढंग से कीजिए. हम इस कार्यक्रम में नहीं आ पाएंगे.''- भाई अरुण, प्रदेश महासचिव, आरजेडी

Tejashwi Yadav
सदस्यता अभियान में बैठक की समीक्षा करते तेजस्वी यादव (ETV Bharat)

सदस्यता अभियान की समीक्षा : दरअसल, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल का सदस्यता अभियान चल रहा है. सदस्यता अभियान की समीक्षा को लेकर आज प्रदेश कार्यालय में बड़ी बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल के सभी विधायक, विधान पार्षद, विधानसभा के प्रत्याशी, सभी जिला अध्यक्ष सहित प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को बुलाया गया है. लेकिन इस बड़ी बैठक से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दूरी बनाई है.

नाराजगी का कारण : जगदानंद सिंह की नाराजगी का कारण बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उप चुनाव का रिजल्ट था. चार सीटों पर हुए उपचुनाव में राजद का प्रदर्शन बहुत खराब हुआ था. आरजेडी अपने कोटे की दोनों सीट सहित महागठबंधन कोटे की तीनों सीट पर हार गई थी. यही कारण है कि हार की जिम्मेदारी लेते हुए जगदानंद सिंह ने इस्तीफा देने की इच्छा राष्ट्रीय अध्यक्ष को जाहिर की थी. लेकिन लालू प्रसाद यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए.

रामगढ़ सीट भी नहीं बचा पाए : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में एक सीट रामगढ़ की सीट भी थी. रामगढ़ की सीट जगदानंद सिंह की परंपरागत सीट रही है, जहां से वह छह बार विधायक चुने जा चुके हैं. इसी सीट पर 2020 के चुनाव में उनके बड़े बेटे सुधाकर सिंह ने जीत हासिल की थी.

जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो) (Etv Bharat)

अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे : 2024 लोकसभा चुनाव में सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद बनने के कारण उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सुधाकर सिंह की इस्तीफा के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जहां से जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन इस उपचुनाव में आरजेडी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे और इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी की जीत हुई.

जगदाबाबू 3 बार हो चुके हैं नाराज : बता दें कि जगदानंद सिंह जब से राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष बने, तब से वह तीन बार पार्टी कार्यालय आना छोड़ चुके हैं. हर बार यह कहा जा रहा था कि जगदानंद सिंह पार्टी से नाराज होकर पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. इससे पहले भी दो बार वह पार्टी से नाराज होकर प्रदेश कार्यालय आना छोड़ दिए थे.

तेजप्रताप से जगदानंद का टकराव : 5 जुलाई 2021 को छात्र आरजेडी के एक कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को 'हिटलर' तक कह दिया था. तेजप्रताप की इस बात से जगदानंद इतने खफा हुए कि वह पार्टी कार्यालय आना छोड़ दिया. स्थिति ऐसी हो गई कि 15 अगस्त को प्रदेश कार्यालय में झंडोतोलन में भी जगदानंद सिंह नहीं पहुंचे. तेजस्वी यादव को पार्टी कार्यालय आकर तिरंगा झंडा फहराना पड़ा.

तेजस्वी को जाकर मनाना पड़ा था : काफी मान मनौवल के बाद 18 अगस्त को तेजस्वी यादव खुद जगदानंद सिंह को लेकर पार्टी कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन पार्टी कार्यालय पहुंचते ही जगदानंद सिंह ने कार्रवाई करते हुए तेजप्रताप यादव के करीबी आकाश यादव को छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष से हटाकर गगन कुमार को छात्र राजद का अध्यक्ष नियुक्त किया. उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया. वह पहले की तरह ही काम करते रहे.

2022 में भी हुए थे नाराज : जगदानंद सिंह ने दूसरी बार 2022 में भी पार्टी कार्यालय से दूरी बना ली थी. जगदानंद सिंह के बड़े बेटे सुधाकर सिंह बतौर कृषि मंत्री लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर थे. ऐसी स्थिति बनी कि सुधाकर सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. सुधाकर सिंह के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के बाद से जगदानंद सिंह नाराज थे. वो चाहते थे कि उनके बेटे मंत्री बनें रहें लेकिन उनका इस्तीफा ले लिया गया.

RJD टोपी की ओर इशारा : 2 अक्टूबर 2022 से जगदानंद सिंह ने पार्टी ऑफिस आना बंद कर दिया. आखिरकार सिंगापुर जाने से पहले 28 नवंबर को लालू यादव ने उन्हें मना लिया और जगदानंद सिंह ने फिर से पार्टी कार्यालय आना शुरू किया. जब पत्रकारों ने जगदा बाबू से नाराजगी का कारण पूछा तो उन्होंने अपने सिर पर राजद की टोपी का इशारा कर अपना जबाव दिया था.

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पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का सदस्यता अभियान चल रहा है. आज सदस्यता अभियान की समीक्षा को लेकर प्रदेश राजद कार्यालय में समीक्षा बैठक हो रही है. इस सदस्यता बैठक से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दूरी बना ली है. समीक्षा बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी यादव कर रहे हैं.

रूठे-रूठे जगदानंद सिंह..! : पिछले 25 नवंबर से जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश कार्यालय से अपनी दूरी बना लिए थे. खबर थी कि जगदानंद सिंह की नाराजगी खत्म हो गई है. वे आज पार्टी कार्यालय आ सकते हैं. लेकिन इतने बड़े कार्यक्रम से भी जगता बाबू ने दूरी बना ली है. हालांकि इसको लेकर राजद ने सफाई भी दी है.

''देर रात हम लोग जगदा बाबू से मिलने उनके आवास पर गए थे. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. उन्होंने कहा कि आप लोग इस कार्यक्रम को अच्छे ढंग से कीजिए. हम इस कार्यक्रम में नहीं आ पाएंगे.''- भाई अरुण, प्रदेश महासचिव, आरजेडी

Tejashwi Yadav
सदस्यता अभियान में बैठक की समीक्षा करते तेजस्वी यादव (ETV Bharat)

सदस्यता अभियान की समीक्षा : दरअसल, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल का सदस्यता अभियान चल रहा है. सदस्यता अभियान की समीक्षा को लेकर आज प्रदेश कार्यालय में बड़ी बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल के सभी विधायक, विधान पार्षद, विधानसभा के प्रत्याशी, सभी जिला अध्यक्ष सहित प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को बुलाया गया है. लेकिन इस बड़ी बैठक से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दूरी बनाई है.

नाराजगी का कारण : जगदानंद सिंह की नाराजगी का कारण बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उप चुनाव का रिजल्ट था. चार सीटों पर हुए उपचुनाव में राजद का प्रदर्शन बहुत खराब हुआ था. आरजेडी अपने कोटे की दोनों सीट सहित महागठबंधन कोटे की तीनों सीट पर हार गई थी. यही कारण है कि हार की जिम्मेदारी लेते हुए जगदानंद सिंह ने इस्तीफा देने की इच्छा राष्ट्रीय अध्यक्ष को जाहिर की थी. लेकिन लालू प्रसाद यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए.

रामगढ़ सीट भी नहीं बचा पाए : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में एक सीट रामगढ़ की सीट भी थी. रामगढ़ की सीट जगदानंद सिंह की परंपरागत सीट रही है, जहां से वह छह बार विधायक चुने जा चुके हैं. इसी सीट पर 2020 के चुनाव में उनके बड़े बेटे सुधाकर सिंह ने जीत हासिल की थी.

जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो) (Etv Bharat)

अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे : 2024 लोकसभा चुनाव में सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद बनने के कारण उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सुधाकर सिंह की इस्तीफा के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जहां से जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन इस उपचुनाव में आरजेडी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे और इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी की जीत हुई.

जगदाबाबू 3 बार हो चुके हैं नाराज : बता दें कि जगदानंद सिंह जब से राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष बने, तब से वह तीन बार पार्टी कार्यालय आना छोड़ चुके हैं. हर बार यह कहा जा रहा था कि जगदानंद सिंह पार्टी से नाराज होकर पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. इससे पहले भी दो बार वह पार्टी से नाराज होकर प्रदेश कार्यालय आना छोड़ दिए थे.

तेजप्रताप से जगदानंद का टकराव : 5 जुलाई 2021 को छात्र आरजेडी के एक कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को 'हिटलर' तक कह दिया था. तेजप्रताप की इस बात से जगदानंद इतने खफा हुए कि वह पार्टी कार्यालय आना छोड़ दिया. स्थिति ऐसी हो गई कि 15 अगस्त को प्रदेश कार्यालय में झंडोतोलन में भी जगदानंद सिंह नहीं पहुंचे. तेजस्वी यादव को पार्टी कार्यालय आकर तिरंगा झंडा फहराना पड़ा.

तेजस्वी को जाकर मनाना पड़ा था : काफी मान मनौवल के बाद 18 अगस्त को तेजस्वी यादव खुद जगदानंद सिंह को लेकर पार्टी कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन पार्टी कार्यालय पहुंचते ही जगदानंद सिंह ने कार्रवाई करते हुए तेजप्रताप यादव के करीबी आकाश यादव को छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष से हटाकर गगन कुमार को छात्र राजद का अध्यक्ष नियुक्त किया. उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया. वह पहले की तरह ही काम करते रहे.

2022 में भी हुए थे नाराज : जगदानंद सिंह ने दूसरी बार 2022 में भी पार्टी कार्यालय से दूरी बना ली थी. जगदानंद सिंह के बड़े बेटे सुधाकर सिंह बतौर कृषि मंत्री लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर थे. ऐसी स्थिति बनी कि सुधाकर सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. सुधाकर सिंह के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के बाद से जगदानंद सिंह नाराज थे. वो चाहते थे कि उनके बेटे मंत्री बनें रहें लेकिन उनका इस्तीफा ले लिया गया.

RJD टोपी की ओर इशारा : 2 अक्टूबर 2022 से जगदानंद सिंह ने पार्टी ऑफिस आना बंद कर दिया. आखिरकार सिंगापुर जाने से पहले 28 नवंबर को लालू यादव ने उन्हें मना लिया और जगदानंद सिंह ने फिर से पार्टी कार्यालय आना शुरू किया. जब पत्रकारों ने जगदा बाबू से नाराजगी का कारण पूछा तो उन्होंने अपने सिर पर राजद की टोपी का इशारा कर अपना जबाव दिया था.

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