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निजी स्कूलों में अभिभावक नहीं जमा कर रहे फीस, कलेक्टर ने कहा- आप ऐसा नहीं कर सकते - jabalpur private school fees

निजी स्कूलों के फीस मामले में जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने अभिभावकों को लेकर संदेश जारी किया है. वहीं हाई कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को राज्य समिति के सामने रखने अपनी बात रखने के आदेश दिए हैं.

JABALPUR PRIVATE SCHOOL FEES
निजी स्कूलों में अभिभावकों ने फीस जमा करना किया बंद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 10:25 AM IST

Updated : Aug 5, 2024, 11:50 AM IST

जबलपुर: कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि, ''निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, लेकिन अभिभावकों को फीस देना बंद नहीं करना चाहिए.'' जबलपुर के कई स्कूलों में फीस के मामले में निर्णय नहीं आने की वजह से अभिभावकों ने स्कूलों में फीस जमा करना बंद कर दिया है. इसकी वजह से स्कूलों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगी याचिका में भी स्कूलों को कोई रियायत नहीं मिली है और उन्हें कहा गया है कि वह अपनी बात जिला समिति के बाद राज्य समिति के सामने रखें. हम सीधे कोई फैसला नहीं देंगे.

कलेक्टर ने कहा अभिभावकों की फीस जमा करना चाहिए (ETV Bharat)

अभिभावक स्कूलों को फीस देना बंद ना करें

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि "यह सही है कि राज्य सरकार के कहने पर कई स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. बहुत से स्कूल ऐसे हैं. जिनको फीस कम करने के लिए आदेश दिया गया है, लेकिन उनके पास जिला समिति के बाद राज्य समिति में अपील करने का अधिकार है और जब तक राज्य समिति का कोई फैसला नहीं आता तब तक इस मामले में संशय बना रहेगा.'' वहीं जबलपुर के कई स्कूल के अभिभावकों ने स्कूल फीस देना बंद कर दिया है. ऐसी स्थिति में कलेक्टर का कहना है कि लोगों को फीस देना बंद नहीं करना चाहिए."

हाई कोर्ट ने कहा,"आप सीधे हाईकोर्ट नहीं आ सकते

दरअसल जबलपुर जिला समिति ने कुछ स्कूलों की फीस कम की थी. इन स्कूलों ने जिला प्रशासन के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. खासतौर पर जबलपुर के सेंट एलॉयसिस स्कूल ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जिला समिति के आदेश को चुनौती दी. इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि आप सीधे हाई कोर्ट नहीं आ सकते हैं. आपको पहले राज्य समिति के सामने अपील करनी होगी.

स्कूल फीस मामले में अभिभावक संघ ने क्या कहा

निजी स्कूलों की फीस वृद्धि के मामले में लगातार आंदोलन कर रहे अभिभावक संघ के सदस्य आशीष साहू का कहना है कि "सरकार को इस मामले में नीति स्पष्ट करनी चाहिए. फिलहाल उनका संगठन फीस जमा करने के पक्ष में नहीं है. क्योंकि एक बार फीस स्कूल के पास पहुंच गई, तो पैसा वापस नहीं मिलेगा.''

यहां पढ़ें...

प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन पर जबलपुर कलेक्टर की तलवार, मनमानी करने वालों को भेजा जेल, बढ़ी हुई स्कूल फीस होगी वापस

बच्चे की फीस जमा नहीं करने पर दपत्ति में विवाद, पत्नी ने किया आत्मदाह, इलाज के दौरान मौत

सरकार को नीति स्पष्ट करनी चाहिए

निजी स्कूलों के खिलाफ फीस वृद्धि को लेकर जो कार्रवाई की गई. उसकी वजह से स्कूल और अभिभावकों के बीच में संवाद खत्म हो गया है. राज्य सरकार ने जिस तरह फीस कम करने का तरीका अपनाया है, उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है. इसकी वजह से निजी स्कूलों का पूरा सिस्टम गड़बड़ हो गया है. जिन अभिभावकों ने फीस जमा कर दी है. वह इस संशय में है कि कहीं फीस कम हो गई, तो उन्हें पैसा वापस कैसे मिलेगा. कुछ अभिभावक इसलिए फीस जमा नहीं कर रहे हैं, कि कहीं सरकार ने फीस कम कर दी, तो उनका ज्यादा पैसा चला जाएगा. जब तक सरकार इस पर स्पष्ट नीति नहीं बनती है. तब तक इस मामले में यह संशय बना रहेगा.

जबलपुर: कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि, ''निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, लेकिन अभिभावकों को फीस देना बंद नहीं करना चाहिए.'' जबलपुर के कई स्कूलों में फीस के मामले में निर्णय नहीं आने की वजह से अभिभावकों ने स्कूलों में फीस जमा करना बंद कर दिया है. इसकी वजह से स्कूलों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगी याचिका में भी स्कूलों को कोई रियायत नहीं मिली है और उन्हें कहा गया है कि वह अपनी बात जिला समिति के बाद राज्य समिति के सामने रखें. हम सीधे कोई फैसला नहीं देंगे.

कलेक्टर ने कहा अभिभावकों की फीस जमा करना चाहिए (ETV Bharat)

अभिभावक स्कूलों को फीस देना बंद ना करें

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि "यह सही है कि राज्य सरकार के कहने पर कई स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. बहुत से स्कूल ऐसे हैं. जिनको फीस कम करने के लिए आदेश दिया गया है, लेकिन उनके पास जिला समिति के बाद राज्य समिति में अपील करने का अधिकार है और जब तक राज्य समिति का कोई फैसला नहीं आता तब तक इस मामले में संशय बना रहेगा.'' वहीं जबलपुर के कई स्कूल के अभिभावकों ने स्कूल फीस देना बंद कर दिया है. ऐसी स्थिति में कलेक्टर का कहना है कि लोगों को फीस देना बंद नहीं करना चाहिए."

हाई कोर्ट ने कहा,"आप सीधे हाईकोर्ट नहीं आ सकते

दरअसल जबलपुर जिला समिति ने कुछ स्कूलों की फीस कम की थी. इन स्कूलों ने जिला प्रशासन के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. खासतौर पर जबलपुर के सेंट एलॉयसिस स्कूल ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जिला समिति के आदेश को चुनौती दी. इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि आप सीधे हाई कोर्ट नहीं आ सकते हैं. आपको पहले राज्य समिति के सामने अपील करनी होगी.

स्कूल फीस मामले में अभिभावक संघ ने क्या कहा

निजी स्कूलों की फीस वृद्धि के मामले में लगातार आंदोलन कर रहे अभिभावक संघ के सदस्य आशीष साहू का कहना है कि "सरकार को इस मामले में नीति स्पष्ट करनी चाहिए. फिलहाल उनका संगठन फीस जमा करने के पक्ष में नहीं है. क्योंकि एक बार फीस स्कूल के पास पहुंच गई, तो पैसा वापस नहीं मिलेगा.''

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सरकार को नीति स्पष्ट करनी चाहिए

निजी स्कूलों के खिलाफ फीस वृद्धि को लेकर जो कार्रवाई की गई. उसकी वजह से स्कूल और अभिभावकों के बीच में संवाद खत्म हो गया है. राज्य सरकार ने जिस तरह फीस कम करने का तरीका अपनाया है, उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है. इसकी वजह से निजी स्कूलों का पूरा सिस्टम गड़बड़ हो गया है. जिन अभिभावकों ने फीस जमा कर दी है. वह इस संशय में है कि कहीं फीस कम हो गई, तो उन्हें पैसा वापस कैसे मिलेगा. कुछ अभिभावक इसलिए फीस जमा नहीं कर रहे हैं, कि कहीं सरकार ने फीस कम कर दी, तो उनका ज्यादा पैसा चला जाएगा. जब तक सरकार इस पर स्पष्ट नीति नहीं बनती है. तब तक इस मामले में यह संशय बना रहेगा.

Last Updated : Aug 5, 2024, 11:50 AM IST
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