जयपुर: गुलाबी नगरी के नाम से देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाले जयपुर में तीन दिन तक 24 राज्यों से आए प्रतिभागियों ने संसदीय कार्यप्रणाली के गुर सीखे. मंगलवार को ये सभी प्रतिभागी जयपुर से कई यादों को समेटे अपने घर के लिए रवाना हुए. मौका था जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय युवा संसद का. जिसमें केरल से कश्मीर और गुजरात से मिजोरम तक के 24 राज्यों के युवा प्रतिभागी जुटे.
इन प्रतिभागियों ने यहां तीन दिन तक चले कार्यक्रम में संसदीय कार्यप्रणाली के गुर सीखे. इसके साथ ही अलग-अलग राज्यों से आए प्रतिभागियों ने अन्य राज्यों के युवाओं के साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत, शहरी और ग्रामीण जीवन की चुनौतियां और संभावनाओं को लेकर खुलकर चर्चा की. इसके साथ ही ये प्रतिभागी जयपुर की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत और आतिथ्य-सत्कार के भी साक्षी बने.
देश-दुनिया के राजनीतिक और आर्थिक हालात पर चर्चा: इन तीन दिनों में भारतीय युवा संसद के प्रतिभागियों ने देश और दुनिया के ताजा हालात, राजनीतिक व आर्थिक हालात पर विषय विशेषज्ञों से जानकारी ली. उन्होंने संवाद के जरिए अपनी जिज्ञासाओं को भी शांत किया और अपने विचार भी साझा किए. राजनीति, उद्योग और मीडिया जगत से जुड़े लोगों ने युवाओं से संवाद किया और युवा प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए.
जयपुर की सांस्कृतिक विरासत से हुए रूबरू: युवा संसद में आए 24 राज्यों के प्रतिभागियों ने जयपुर के पर्यटन और धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण किया. जयपुर में तीन दिन तक युवा प्रतिभागियों ने हवामहल, नाहरगढ़, आमेर किला का भ्रमण किया. इसके साथ ही गोविंददेवजी मंदिर, शिला माता मंदिर, आमेर और मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के भी दर्शन किए. दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों से आए युवा प्रतिभागी जयपुर की ऐतिहासिक धरोहरों को देखकर अभिभूत हो गए.