गया : बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इनमें गया जिले की दो सीट है. जन सुराज पार्टी ने भी सभी चारों जगहों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इमामगंज से उनकी पार्टी ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है. जितेंद्र पासवान इंटर पास हैं और खुद को डॉक्टर बताते हैं. विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है. गया में उप-चुनाव में प्रचार को लेकर प्रशांत किशोर कैंप किए हुए हैं. शुक्रवार 1 नवंबर को उन्होंने एक निजी होटल में चुनाव प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उम्मीदवारों पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया.
जन सुराज ने गलत उम्मीदवार नहीं बनायाः प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज कभी भी गलत लोगों को अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगा. उन्होंने कहा कि इमामगंज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को वहां के लोग डॉक्टर साहब कहकर बुलाते हैं. सब जानते हैं कि पिछले 35 सालों में लालू-नीतीश के राज में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. गांवों में जो भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, वो इन्हीं मेडिकल प्रैक्टिशनरों के बल पर चल रही हैं. हम ने गलत नहीं किया है.
"जितेंद्र पासवान को मैं डॉक्टर नहीं कह रहा हूं, इमामगंज की जनता उन्हें डॉक्टर साहब कहती है. आगरा वो चिकित्सा सुविधा गलत दे रहा है तो यह सरकार का मामला है, नीतीश-बीजेपी सरकार उन पर कार्रवाई कर सकती है. यह तो जिम्मेदारी सरकार और जिला स्वास्थ्य विभाग की है."- प्रशांत किशोर, सूत्रधार, जन सुराज
एक लाख से अधिक प्रैक्टिशनरः प्रशांत किशोर ने इस सवाल को लेकर बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमला किया. उन्होंने कहा कि जितेंद्र पासवान अकेले ऐसे मेडिकल प्रैक्टिशनर नहीं हैं, पूरे बिहार में 1 लाख से ज्यादा मेडिकल प्रैक्टिशनर काम कर रहे हैं. उन्ही के बल बूते बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा लोगों तक पहुंच रही है. उन्होंने सवाल उठाये कि आखिर क्यों नहीं सरकार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करती है. आप व्यवस्था ठीक कर देंगे तो समस्या ही नहीं रहेगी, लेकिन ऐसा कर नहीं सकेंगे.
राजद पर साधा निशानाः प्रशांत किशोर मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह दूसरी पार्टी से अपनी खामियों की तुलना करने लगे. उन्होंने राजद पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब महागठबंधन की सरकार थी तो उसमें कानून मंत्री जिस व्यक्ति को बनाया गया था वह भी ग्रामीण चिकित्सक है. अपने विधानसभा क्षेत्र नरकटिया पूर्वी चंपारण में पूरा अस्पताल चला रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के गांवों में किसी भी स्वास्थ्य सेंटर पर क्वालीफाइड चिकित्सक नहीं आते हैं. बिहार की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से खत्म है.
ग्रामीण चिकित्सक संभाल रहे व्यवस्थाः प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने बिहार के 5000 गांव में देखा कि जो भी चिकित्सा सुविधा मिल रही है, वह इन्हीं डॉक्टर के जरिए मिल रही है. उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रैक्टिशनर को कोई भी डॉक्टर नहीं कहेगा. लेकिन, जो पटना में बैठे एमडी और डीएम गया में कितने दिन गांव और देहात में जाकर चिकित्सा सुविधा दे रहे हैं. प्रशांत किशोर ने लालू और नीतीश कुमार के 35 वर्षों के शासनकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में क्या व्यवस्था बनाई है.
नीतीश के भाषण का उड़ाया मजाकः प्रशांत किशोर ने कहा कि एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आएंगे तो कहेंगे कि हमने इतना काम कर दिया. लालू के जमाने में 6:00 बजे गया बंद हो जाता था, आज 8:00 बजे खुला रहता है. कितना बजे बंद होता था जनता ने यह मान लिया है, उसके बदले में 18 साल तक मुख्यमंत्री बना दिया. अब यह बताओ कि गया पटना बेंगलुरु और हैदराबाद कब बनेगा? राजद पर तंज़ करते हुए कहा कि वो कहेंगे कि भाजपा को दूर रखना है, देश खतरे में आ गया है. इनका कोई विजन नहीं है.
प्रशांत किशोर पर क्या लग रहे हैं आरोप: प्रशांत किशोर ने जिन उम्मीदवारों को चारों सीटों पर खड़ा किया है उनकी डिग्री सवालों के घेरे में है. चारों सीटों पर प्रशांत किशोर ने नॉन ग्रेजुएट उम्मीदवार खड़े किए हैं. बेलागंज के उम्मीदवार डॉक्टर जितेंद्र पासवान ने इंटरमीडिएट की डिग्री हासिल की है. जितेंद्र पासवान एमबीबीएस डॉक्टर नहीं हैं, बावजूद इसके जितेंद्र पासवान को डॉक्टर जितेंद्र पासवान के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. जितेंद्र पासवान ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है.
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