जयपुर: देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. चीन में पहले इस वायरस के लक्षण कोरोना जैसे दिखाई दे रहे हैं और भारत में भी लगातार इस वायरस की चपेट में आने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की, जिसके बाद राजस्थान में भी चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है.
चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी के लक्षण सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं और इलाज के लिए पर्टिकुलर कोई दवा मौजूद नहीं है. राजस्थान के डायरेक्टर पब्लिक हेल्थ डॉ. रवि प्रकाश माथुर का कहना है कि चीन में इस वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसको लेकर राजस्थान में भी एडवाइजरी जारी गई है. राजस्थान के सभी कंट्रोलिंग ऑफिसर को इसके बारे में जानकारी दे दी गई है.
कोविड जैसे लक्षण : सवाई मानसिंह अस्पताल के रेस्पिरेटरी एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि चीन समेत कई देशों में HMPV के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और भारत में भी कुछ केस सामने आए हैं. यह वायरस बच्चों के साथ-साथ 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को इफेक्ट कर रहे हैं. इस वायरस से संक्रमित होने के बाद मरीज में कोविड जैसे लक्षण दिखाई देते हैं और यह आरएनए वायरस कैटेगरी में है.
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इस बीमारी के बाद लक्षणों की बात करें तो...
- इसके लक्षण भी सर्दी खांसी जुकाम जैसे दिखाई देते हैं.
- बुखार और गले में खराश.
- सांस लेने में दिक्कत.
- कुछ मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा.
- शरीर पर रैशेज.
किस तरह बचाव करें ? : डॉक्टर अजीत सिंह का कहना है कि कोरोना के समय जिस एडवाइजरी की पालन की गई थी, उसे फॉलो करने की जरूरत है. जैसे मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करना. अगर आप बीमार हैं तो दूसरों से ना मिलें, घर पर रहें. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करें. भीडभाड़ वाली जगह से दूर रहें. जुकाम में टिशू पेपर का उपयोग करें. सर्दी-जुकाम के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करें.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल ने HMPV को लेकर जनता को आश्वस्त किया कि घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि यह एक सामान्य श्वसन वायरस है, जिससे हल्के लक्षण होते हैं।
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) January 6, 2025
देश के अस्पताल मौसमी संक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार… pic.twitter.com/ar3N0gKeuY
डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि फिलहाल इस बीमारी की कोई दवा नहीं है और सर्दी-जुकाम में उपयोग में आने वाली दवाओं से ही मरीजों का इलाज संभव है. वहीं, प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का कहना है कि विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.