शिमला: हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह द्वारा चुनाव न लड़ने के ऐलान पर बागी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा है. इन नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्य प्रणाली से प्रदेश में कांग्रेस अब ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है और पतन की तरफ जा रही है. कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता हताशा और निराशा की स्थिति में हैं. अब स्थिति यह हो गई है कि जनता और कार्यकर्ताओं का मिजाज भांप कर कद्दावर नेता चुनाव लड़ने से ही मना कर रहे हैं.
'बिखराव के कगार पर कांग्रेस'
राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, होशियार सिंह, आशीष शर्मा और केएल ठाकुर ने दिल्ली से संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि 40 विधायकों और 3 निर्दलीयों के समर्थन से प्रदेश में कांग्रेस की मजबूत सरकार का गठन हुआ था, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के तानाशाही रवैये और मित्रों को तरजीह देकर चुने हुए विधायकों को जलील करने की उनकी नीति ने ही वर्तमान हालात पैदा किए हैं. नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी की बात कहकर चुनाव मैदान में उतरने से इनकार कर दिया है. उनके बयान से यह साबित हो जाता है कि प्रदेश में कांग्रेस बिखराव के कगार पर है. नेताओं का कहना है कि प्रतिभा सिंह ने यह सच्चाई बयां कर दी है कि संगठन में नाराजगी है और पार्टी के कार्यकर्ता सक्रिय नहीं हैं.
'मौजूदा हालातों के लिए सीएम जिम्मेदार'
बागी विधायकों और निर्दलीय विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से प्रदेश में सरकार बहुमत खो चुकी है. पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी, हमारे विधानसभा क्षेत्र से भेदभाव और हमें लगातार जलील करने के उनके रवैये ने हमें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया है. इन नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरों पर दोषारोपण करने की बजाय अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि वर्तमान स्थिति के लिए सिर्फ और सिर्फ उनका अहंकार और तानाशाही रवैया ही जिम्मेदार है.
'दांव पर लगाया प्रदेश का स्वाभिमान'
इन नेताओं ने सीएम सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता और उनके मित्रों द्वारा किए गए काले कारनामे भी जल्दी ही सामने आ जाएंगे. सीएम पर तंज कसते हुए नेताओं ने कहा कि मित्रों को रेवड़ियां बांटकर और प्रदेश का स्वाभिमान दांव पर लगाकर व्यवस्था परिवर्तन नहीं किया जा सकता है. जिस तरह देश में कांग्रेस पार्टी आज हांफ रही है और देश में भी कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी मैदान से भाग रहे हैं, उसी तरह सुक्खू सरकार भी वेंटिलेटर पर है.