ग्वालियर: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई के स्तर को और ज्यादा विकसित करने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को एक दूसरे के साथ जोड़ा जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालयों में खाली पड़े पदों की भर्ती एक साल के भीतर की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को संसाधनों और ज्ञान के क्षेत्र में आदान-प्रदान के लिए भी जोड़ा जाएगा.
संसाधनों और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाएगा
सरकारी विश्वविद्यालय के अलावा निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों को इसमें शामिल किया जा रहा है. सरकार ने विश्वविद्यालयों को अपने यहां खाली पडे़ पदों के लिए भरने की स्वतंत्रता दे दी है. उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने ग्वालियर में आयुर्वेदिक कॉलेज की साधारण सभा की बैठक और जीवाजी विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक को भी संबोधित किया.
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शौर्य, पराक्रम और ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा
उन्होंने कहा "आयुर्वेदिक कॉलेज में साधारण सभा की बैठक मंत्री की अध्यक्षता में होती है, इसलिए वह इस बैठक में शामिल हुए हैं." जीवाजी विश्वविद्यालय में बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए कहा "यह आरोप गलत है कि वर्तमान समय में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश के शौर्य, पराक्रम और ज्ञान की परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है."
बीएड कॉलेजों की मान्यता को लेकर पूछे गए सवाल को उन्होंने इसे अलग विषय बताते हुए टालने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालय आवश्यक कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा "प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के बीच संसाधन और नॉलेज का आपस में आदान-प्रदान से सभी संकायों के विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके ऐसी कोशिश की जाएगी. विश्वविद्यालय में जो भी पद खाली है उन्हें एक साल के अंदर भरा जाएगा. इस तरह के निर्देश राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों को दिए गए हैं."