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लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को मिला अति विशिष्ट सेवा मेडल, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, गौरवान्नित हुआ उत्तराखंड - LIEUTENANT GENERAL VIKAS LAKHERA

Lieutenant General Vikas LAKHERA देवभूमि के कई सपूत देश की रक्षा में अहम जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. इस दौरान उन्हें उनकी उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया है. इसी बीच विकासखंड कीर्तिनगर के जखंड गांव निवासी लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया है.

Lieutenant General Vikas Lakheda
लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा (video- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 20, 2024, 8:23 PM IST

Updated : Jul 20, 2024, 8:35 PM IST

श्रीनगर: राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में विकासखंड कीर्तिनगर के जखंड गांव निवासी लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया है. इससे पहले उन्हें सेना मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड और दो जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया है. विकास लखेड़ा इस समय असम राइफल्स में इंस्पेक्टर जनरल (नॉर्थ) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

विकास लखेड़ा का जन्म 26 फरवरी 1969 को जखंड गांव में हुआ था. उनकी पत्नी विभा लखेड़ा सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और गृहिणी हैं. उनके दो बेटे अर्जुन लखेड़ा और कृष्ण लखेड़ा हैं. विकास लखेड़ा डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से पोस्ट ग्रेजुएट हैं. उन्होंने सिकंदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट से उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम की पढ़ाई की है. वह द रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज (आरसीडीएस), लंदन के पूर्व छात्र हैं. विकास लखेड़ा ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर किया है. उन्होंने असम में काउंटर इंसर्जेंसी एनवायरनमेंट में अपनी यूनिट और पश्चिमी क्षेत्र में एक ब्रिगेड की कमान संभाली है.

लेफ्टिनेट जनरल विकास लखेड़ा को 5 जून 2022 को आईजीएआर (नॉर्थ) में नियुक्त किया गया था. 9 जून, 1990 को भारतीय सेना की सिख लाइट इंफैंट्री में कमीशन मिला. वह संघर्ष विराम से पूर्व नागालैंड में भी सेवाएं दे चुके हैं, उन्हें जम्मू-कश्मीर और असम में आतंकवाद विरोधी अभियानों की योजना बनाने और संचालन का व्यापक अनुभव है. वह सेना के वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में डिविजनल ऑफिसर और सामरिक प्रशिक्षण अधिकारी, जीओसी-इन-सी के सैन्य सलाहकार, मुख्यालय पूर्वी कमांड, स्टाफ ऑफिसर और सेना प्रमुख के उप सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है.

पूर्व ग्राम प्रधान रामेश्वर प्रसाद लखेड़ा ने बताया कि लेफ्टिनेट जनरल विकास लखेड़ा ने सेना में रहकर उत्तराखंड के साथ-साथ गांव का नाम रोशन किया है. उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा बीएसएफ में डीआईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि उनके भाई असीम लखेड़ा भी सेना में कर्नल के पद पर देश सेवा कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि विकास लखेड़ा की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून में रहकर हुई है. विकास लखेड़ा और उनके परिवार को गांव से बड़ा लगाव है, इसलिए वो पिछले साल ही अपने परिवार सहित यहां रहने आए थे.

रामेश्वर प्रसाद लखेड़ा ने बताया कि विकास लखेड़ा के पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा को बागवानी का बड़ा शौक है. समय-समय पर घर आकर अपने खेतों को हरा भरा देख खुश होते हैं. उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा ने आकरी बारजुला पट्टी के अधिकांश युवाओं को फौज में भर्ती करवाया था.

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विकास लखेड़ा का जन्म 26 फरवरी 1969 को जखंड गांव में हुआ था. उनकी पत्नी विभा लखेड़ा सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और गृहिणी हैं. उनके दो बेटे अर्जुन लखेड़ा और कृष्ण लखेड़ा हैं. विकास लखेड़ा डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से पोस्ट ग्रेजुएट हैं. उन्होंने सिकंदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट से उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम की पढ़ाई की है. वह द रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज (आरसीडीएस), लंदन के पूर्व छात्र हैं. विकास लखेड़ा ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर किया है. उन्होंने असम में काउंटर इंसर्जेंसी एनवायरनमेंट में अपनी यूनिट और पश्चिमी क्षेत्र में एक ब्रिगेड की कमान संभाली है.

लेफ्टिनेट जनरल विकास लखेड़ा को 5 जून 2022 को आईजीएआर (नॉर्थ) में नियुक्त किया गया था. 9 जून, 1990 को भारतीय सेना की सिख लाइट इंफैंट्री में कमीशन मिला. वह संघर्ष विराम से पूर्व नागालैंड में भी सेवाएं दे चुके हैं, उन्हें जम्मू-कश्मीर और असम में आतंकवाद विरोधी अभियानों की योजना बनाने और संचालन का व्यापक अनुभव है. वह सेना के वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में डिविजनल ऑफिसर और सामरिक प्रशिक्षण अधिकारी, जीओसी-इन-सी के सैन्य सलाहकार, मुख्यालय पूर्वी कमांड, स्टाफ ऑफिसर और सेना प्रमुख के उप सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है.

पूर्व ग्राम प्रधान रामेश्वर प्रसाद लखेड़ा ने बताया कि लेफ्टिनेट जनरल विकास लखेड़ा ने सेना में रहकर उत्तराखंड के साथ-साथ गांव का नाम रोशन किया है. उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा बीएसएफ में डीआईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि उनके भाई असीम लखेड़ा भी सेना में कर्नल के पद पर देश सेवा कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि विकास लखेड़ा की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून में रहकर हुई है. विकास लखेड़ा और उनके परिवार को गांव से बड़ा लगाव है, इसलिए वो पिछले साल ही अपने परिवार सहित यहां रहने आए थे.

रामेश्वर प्रसाद लखेड़ा ने बताया कि विकास लखेड़ा के पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा को बागवानी का बड़ा शौक है. समय-समय पर घर आकर अपने खेतों को हरा भरा देख खुश होते हैं. उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा ने आकरी बारजुला पट्टी के अधिकांश युवाओं को फौज में भर्ती करवाया था.

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Last Updated : Jul 20, 2024, 8:35 PM IST
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