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बाजारों में जल्द आने वाला है हर्षिल घाटी का रसीला सेब, ग्रेडिंग और पैकिंग का काम शुरू - Apple Production in Harshil Valley

Apple Production in Harsil Valley बाजारों में जल्द ही हर्षिल घाटी का रसीला सेब आने वाला है. दरअसल, उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी में सेब की ग्रेडिंग और पैकिंग का काम शुरू हो गया है. इसके अलावा काश्तकार अच्छा उत्पादन होने से अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद लगा रहे हैं.

Apple Production in Harshil Valley
हर्षिल घाटी का रसीला सेब (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 25, 2024, 10:20 PM IST

उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी का रसीला सेब मंडी और बाजार में जाने को तैयार है. यहां सेब तुड़ान के साथ-साथ सेब की ग्रेडिंग और पैकिंग करने का काम शुरू हो गया है. घाटी के आठ गांवों में रॉयल डेलीशियस, गोल्डन डेलीशियस और गाला समेत 20 से ज्यादा सेब की प्रजातियों का उत्पादन होता है. पिछले साल की तुलना में अच्छे उत्पादन से सेब काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं. वे अच्छे उत्पादन से अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं.

हर्षिल घाटी के रसीले सेब का सभी करते हैं इंतजार: उत्तराखंड में उत्तरकाशी सेब उत्पादन में पहले स्थान पर है. यहां सालाना करीब 20 से 30 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. इसी बीच हर्षिल घाटी के रसीले सेब का हर किसी को इंतजार रहता है, जो कि सितंबर अंतिम के हफ्ते और अक्टूबर महीने तक बाजार में पहुंचते हैं. इस सीजन की शुरुआत में बर्फबारी कम होने से सेब उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन बाद में हुई बारिश और बर्फबारी से सेब के पेड़ों के लिए जरूरी शीतमान की पूर्ति होने से यह ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है.

हर्षिल घाटी से सेब पैकिंग शुरू (Video - ETV Bharat)

काश्तकार बोले- अच्छा हुआ उत्पादन: हर्षिल घाटी के धराली गांव के प्रगतिशील काश्तकार संजय पंवार ने सेब तुड़ान के साथ-साथ सेब की ग्रेडिंग और पैकिंग का काम शुरू कर दिया है. सुक्की गांव के काश्तकार मोहन सिंह राणा ने बताया कि मानसून काल में बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं चलने से सेब के तैयार फल गिरे थे, लेकिन उत्पादन अच्छा हुआ है.

क्या कहते हैं अधिकारी? उत्तरकाशी के मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में हर्षिल में इस बार अच्छा उत्पादन हुआ है. यहां करीब 20 से ज्यादा सेब की प्रजातियों का उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि यहां सेब तुड़ान के साथ ग्रेडिंग और पैकिंग शुरू हो गई है. जल्द ही सेब यह बाजार और मंडी में पहुंच जाएगा.

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उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी का रसीला सेब मंडी और बाजार में जाने को तैयार है. यहां सेब तुड़ान के साथ-साथ सेब की ग्रेडिंग और पैकिंग करने का काम शुरू हो गया है. घाटी के आठ गांवों में रॉयल डेलीशियस, गोल्डन डेलीशियस और गाला समेत 20 से ज्यादा सेब की प्रजातियों का उत्पादन होता है. पिछले साल की तुलना में अच्छे उत्पादन से सेब काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं. वे अच्छे उत्पादन से अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं.

हर्षिल घाटी के रसीले सेब का सभी करते हैं इंतजार: उत्तराखंड में उत्तरकाशी सेब उत्पादन में पहले स्थान पर है. यहां सालाना करीब 20 से 30 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. इसी बीच हर्षिल घाटी के रसीले सेब का हर किसी को इंतजार रहता है, जो कि सितंबर अंतिम के हफ्ते और अक्टूबर महीने तक बाजार में पहुंचते हैं. इस सीजन की शुरुआत में बर्फबारी कम होने से सेब उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन बाद में हुई बारिश और बर्फबारी से सेब के पेड़ों के लिए जरूरी शीतमान की पूर्ति होने से यह ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है.

हर्षिल घाटी से सेब पैकिंग शुरू (Video - ETV Bharat)

काश्तकार बोले- अच्छा हुआ उत्पादन: हर्षिल घाटी के धराली गांव के प्रगतिशील काश्तकार संजय पंवार ने सेब तुड़ान के साथ-साथ सेब की ग्रेडिंग और पैकिंग का काम शुरू कर दिया है. सुक्की गांव के काश्तकार मोहन सिंह राणा ने बताया कि मानसून काल में बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं चलने से सेब के तैयार फल गिरे थे, लेकिन उत्पादन अच्छा हुआ है.

क्या कहते हैं अधिकारी? उत्तरकाशी के मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में हर्षिल में इस बार अच्छा उत्पादन हुआ है. यहां करीब 20 से ज्यादा सेब की प्रजातियों का उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि यहां सेब तुड़ान के साथ ग्रेडिंग और पैकिंग शुरू हो गई है. जल्द ही सेब यह बाजार और मंडी में पहुंच जाएगा.

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