चंबा: हिमाचल की सुक्खू सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ हिमाचल में सत्तारूढ़ हुई. सुक्ख की सरकार को डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. हिमाचल में सरकारें बदलती हैं, लेकिन अधिकारियों, कर्मचारियों का रवैया और हालात नहीं बदलते. विभाग और सरकारें धृतराष्ट्र की तरह आंखें बंद करके बैठी रहती हैं. ऐसा लगता है मानों सत्ता के साथ साथ कुर्सी का आनंद लिया जा रहा हो. जनजातीय उपमंडल भरमौर में लोक निर्माण विभाग के गरोला उपमंडल में ग्रामीण खुद ही सड़क की मरम्मत के लिए उतर गए. ग्रामीण पिछले छह महीने से विभाग के पास सड़क की मरम्मत करने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई ना होने के बाद ग्रामीणों ने खुद मोर्चा संभाल कर सड़क की खुद ही मरम्मत कर दी. जैसे ही ये मामला चर्चाओं का केंद्र बना विभाग की खूब फजीहत होना शुरू हो गई.
छह माह से वाहनों की आवाजाही पड़ी थी ठप्प
जानकारी के अनुसार पिल्ली गांव के लिए लोक निर्माण विभाग गरोला ने लिंक रोड का निर्माण कार्य किया है. करीब छह माह से इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही ठप्प पडी हुई थी. सड़क होते हुए भी लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही थी. इस सड़क पर दोपहिया वाहन भी चलाना भी मुश्किल था. लोगों ने कई बार विभाग के चक्कर काटे, लेकिन अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायत पर नजर तक नहीं डाली. ग्राम पंचायत गरोला के तहत आने वाले पिल्ली गांव की वार्ड सदस्य सीमा देवी बताती हैं कि छह माह से गांव को जोड़ने वाली सड़क की हालत खस्ता है. जिसकी मरम्मत के लिए गरोला स्थित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के समक्ष कई मर्तबा आग्रह किया, लेकिन विभाग ने इनकी पूरी तरह से अनदेखी की और सड़क की मरम्मत तक नहीं की. ग्रामीणों ने बैठक के बाद शनिवार को खुद ही गैंती, बेलचा और फावडा उठाकर सड़क की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है.
सीमा देवी ने कहा कि ग्रामीणों के चलने के लिए भी यहां पर रास्ता नहीं बचा था, लिहाजा जब विभाग की ओर से भी इस दिशा में कदम नहीं उठाया, तो ग्रामीणों ने अब खुद ही सडक की मरम्मत का काम आरंभ कर दिया है. वहीं, लोक निर्माण विभाग के गरोला स्थित सहायक अभियंता भाल चंद ठाकुर का कहना है कि पिल्ली गांव की सड़क की मरम्मत के लिए बजट का अभाव है. बजट की डिमांड की गई है और अप्रूव होते ही सड़क की मरम्मत करवा दी जाएगी.