भागलपुर: बिहार में कैंसर के मरीजों की जांच, पहचान और उपचार अब आसान हो गया है. कैंसर की मुफ्त स्क्रीनिंग हो रही है. इससे कैंसर मरीजों के लिए एक राहत वाली खबर है. दरअसल भागलपुर के कैंसर मरीजों को पटना महावीर कैंसर संस्थान या मुंबई या दिल्ली नहीं जाना पड़ता था, लेकि अब मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है.
भागलपुर में कैंसर मरीजों का मुफ्त इलाज: अब मरीजों का कीमोथेरेपी भागलपुर में ही हो जाऐगा और वह भी मुफ्त. सरकार ने भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कीमोथेरेपी के लिए यूनिट स्थापना की है, जहां पैसे नहीं लिए जाते हैं. कैंसर मरीजों के लिए यह बड़ी राहत वाली खबर है.
कैंसर मरीजों ने जतायी खुशी: भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में कैंसर के इलाज को लेकर मरीजों और उनके परिजनों ने खुशी जतायी है. उनका कहना है कि पहले इलाज में काफी खर्चा होता था. कैंसर अस्पताल नहीं होने के कारण पटना का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब यहां इलाज होने से बहुत सुविधा हो रही है.
"कीमोथेरेपी के लिए 2 लाख से ज्यादा खर्च कर चुके हैं. जबसे मायागंज अस्पताल में सुविधा शुरू हुई, बहुत राहत मिली है. पैसे खर्च नहीं होते हैं. अच्छे तरीके से कीमोथेरेपी मिल जाता है."- रेणु देवी, मरीज
"समय समय पर आकर सुविधा का लाभ उठाते हैं. 2024 में पूरी तरह से डे केयर सेंटर की शुरुआत हुई. बेड के साथ साथ डॉक्टर नर्स उपकरणों की पुख्ता व्यवस्था कर दी गयी है. अब मरीज इसका लाभ उठा रहे हैं."- अमित कुमार, मरीज के परिजन
कीमोथेरेपी में नहीं होंगे लाखों खर्च: अब धीरे-धीरे कैंसर जैसे लाइलाज बीमारी का इलाज भागलपुर में ही संभव होने लगा है. यहां कीमोथेरेपी मुफ्त में होता है, लेकिन दवा आपको खुद लानी होगी. पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर के मरीजों की सफलतापूर्वक कीमोथेरेपी व बायोप्सी हो रही है. जिस कीमोथेरेपी के लिए कैंसर के मरीजों को पटना जाना पड़ता था वह अब उन्हें निःशुल्क भागलपुर में मिल रहा है.
दूर दूर से इलाज के लिए पहुंच रहे मरीज: होमी भाभा कैंसर अस्पताल मुजफ्फरपुर द्वारा पैलिएटिव व कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर संचालित है. फैब्रिकेटेड वार्ड में सेंटर में मरीजों के लिए दर्जन भर बेड उपलब्ध है. स्क्रीनिंग, कीमोथेरेपी, बायोप्सी समेत जरूरी दवाइयां उपलब्ध है. भागलपुर समेत मुंगेर ,बांका, जमुई, खगड़िया कटिहार से मरीज कीमोथेरेपी बायोप्सी के लिए अस्पताल पहुंचते हैं और संतोषजनक इलाज पाकर जाते हैं.
'मायागंज अस्पताल में भी होगी कीमोथेरेपी शुरू': कैंसर चिकित्सक डॉ आर्य सुमन बताया कि कीमोथेरेपी का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है. जांच की सुविधा मुफ्त है. हमलोग जगह-जगह जाकर कैम्प भी लगवाते हैं. पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल मायागंज में अब कीमोथेरेपी की सुविधा शुरू की जा रही है.
"पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (मायागंज) के कंप्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक में रोजाना 3 तरह के कैंसर की जांच हो रही है. मुंह के अलावा ब्रेस्ट कैंसर के 6 और सर्वाइकल कैंसर के 4 मरीज मिले हैं. कैंसर जैसी घातक बीमारी के मरीजों के लिए सरकार बेहतर प्रयास कर रही है."- डॉ आर्य सुमन, मेडिकल ऑन्कोलॉजी
"अब हमारे अस्पताल में ही कैंसर मरीजों के लिए इलाज हो रहा है. अभी शुरुआत है धीरे-धीरे और भी व्यवस्था बढ़ाई जाएगी, जिससे कि कैंसर से पीड़ित मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा."- डॉ के के सिन्हा, अधीक्षक, JLNMCH
सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम: बिहार में कैंसर के मरीजों की जांच, पहचान और उपचार अब आसान है. कैंसर की मुफ्त स्क्रीनिंग अब सिर्फ 6 जिलों हो रही है. विश्व कैंसर दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. राज्य के छह मेडिकल कालेज अस्पतालों में कीमोथेरेपी के लिए यूनिट की स्थापना हुई है, जहां पैसे नहीं लिए जा रहे हैं.
25 लाख की स्क्रीनिंग: 2018-19 से 2021-22 तक कैंसर की पहचान के लिए 25 लाख की स्क्रीनिंग की गई. मुंह के कैंसर की 14.95 हजार, स्तन कैंसर के 6.86 लाख और गर्भाशय के मुख के कैंसर की पहचान के लिए 32.79 की स्क्रीनिंग हुई. अभी यह संख्या वार्षिक 2.32 लाख तक जा सकती है.
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