छपरा: सारण हिंसा मामले में पुलिस ने कार्रवाई तेज करते हुए आरजेडी प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. भारतीय जनता पार्टी की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है. रोहिणी पर कई गंभीर धाराएं लगाईं गईं हैं. इन मामलों में उनको थाने से नहीं, बल्कि कोर्ट से ही जमानत मिल पाएगी.
रोहिणी पर लगीं कई गंभीर धाराएं: आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता मनोज सिंह ने छपरा नगर थाने में केस (संख्या 349/2024) दर्ज कराया है. उन पर हत्या का प्रयास, दंगा फैलाने, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आरजेडी उम्मीदवार के खिलाफ धारा 307, 171C, 188, ROP एक्ट की धाराएं लगाई गईं हैं. मामले में उनके अलावे आरजेडी के पूर्व विधायक भोला यादव समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
गोली लगने से आरजेडी कार्यकर्ता की मौत: 20 मई को पांचवें फेज के तहत सारण में मतदान के दौरान बवाल हुआ था. जिसके अगले दिन 21 मई की सुबह छपरा के भिखारी ठाकुर चौक के पास दो पक्षों में विवाद के बाद गोलीबारी हुई. घटना में गोली लगने से आरजेडी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि 2 अभी भी घायल हैं. जिनका पटना पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. इस मामले में बीजेपी के दो नेताओं को गिरफ्तार किया गया है.
रोहिणी पर क्या है आरोप?: दरअसल, छपरा नगर थाना क्षेत्र के जिस बूथ संख्या 318 और 319 पर बवाल तब शुरू हुआ था, जब आरजेडी कैंडिडेट रोहिणी आचार्य पहुंचीं थीं. उन पर बीजेपी समर्थकों ने बूथ कैप्चरिंग और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए विरोध किया था. उनके खिलाफ नारेबाजी भी हुई थी. जिस वजह से रोहिणी आचार्य वहां से चलीं गईं. हालांकि रोहिणी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला करने और गाली-गलौज का भी आरोप लगाया है. वहीं, उसके अगले दिन फिर से उसी इलाके में इसको लेकर आरजेडी और बीजेपी कार्यकर्ताओं में विवाद बढ़ा और गोलीबारी हो गई.
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