बीकानेर: देशनोक थाना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा हुआ है. पुलिस पर आरोप है कि जब वह एक नाबालिग बच्ची को अध्योध्या से दस्तायब वापस ला रही थी तो रास्ते में एक होटल में पुलिस की मौजूदगी में आरोपी युवक ने नाबालिग से दुष्कर्म किया. नाबालिग के परिजनों ने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की. इसके बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए और मामले की जांच के निर्देश दिए.
देशनोक थानाधिकारी सुमन शेखावत का कहना है कि नाबालिग के परिजनों के आरोपों की जांच करवाई जा रही है. नाबालिग के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष कराए गए थे और मेडिकल भी कराया गया है. परिवाद की जांच की जा रही है. दरसअल, एक युवक नालबालिग को भगा ले गया था. परिजनों ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस ने तहकीकात के बाद नाबालिग और उसके साथ एक युवक को अयोध्या से दस्तयाब किया. वहां से लेकर नोखा पहुंचे. बाद में पुलिस ने नाबालिग को नारी निकेतन भिजवाया, अगले दिन परिजनों को सौंप दिया.
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इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब नाबालिग के घर पहुंचने के बाद परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दी और कहा कि नाबालिग को लाते वक्त पुलिस टीम नोखा ही रुक गई थी और वहां एक होटल में पुलिसकर्मियों ने नाबालिग को प्रताड़ित किया. पुलिस की मौजूदगी में ही आरोपी युवक ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया. शिकायत के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश हुए. इस पर जिला पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए हैं.
नोखा रुकने पर सवाल: परिजनों ने सवाल उठाया कि अयोध्या से नोखा ट्रेन का स्टॉपेज है. देशनोक में ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है और नोखा से देशनोक की दूरी 30 किलोमीटर है. ऐसे में देशनोक में होटल में रुकने की क्या जरूरत थी?. इसी को लेकर पुलिस होटल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की है.