उदयपुर. शहर की हाथीपोल थाना पुलिस ने सीबीआई में फर्जी आईपीएस अधिकारी का आईडी दिखाकर सर्किट हाउस में रुकने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है. उसके साथ उसके तीन अन्य रिश्तेदार भी सर्किट हाउस में रुके थे, सर्किट हाउस के कर्मचारी की सूचना पर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार किया है.
CBI ने कहा- नहीं करते ID कार्ड जारी : पुलिस ने पूछताछ की तो उनमें से अलवर निवासी सुनील कुमार ने खुद को बांद्रा मुम्बई में पदस्थापित सीबीआई में आईपीएस अफसर होना बताया. आरोपी ने अपना सीबीआई का पहचान पत्र भी दिखाया लेकिन जब पुलिस ने सीबीआई के उच्च अधिकारियों से बात की तो पता चला कि सीबीआई से आईडी कार्ड जारी नहीं किया जाता. सुनील का पहचान पत्र फर्जी होना पाया गया, जिस पर सर्किट हाउस में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर 211 कमरे में रुके अन्य तीनों व्यक्तियों से भी पूछताछ की गई तो सभी ने अलग-अलग बातें बताई.
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नहीं बना IAS तो उठाया ये कदम : पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने तीन से चार बार UPSC की परीक्षा दी लेकिन चयन नहीं हुआ. ऐसे में अपने आसपास के लोगों में रुतबा दिखाने के लिए दिल्ली जाकर कुछ समय गुजारा और फिर सीबीआई का फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर गांव लौटा. आरोपी के पास से बानसूर गांव का एक इंस्पेक्टर का फर्जी कार्ड भी मिला है. पुलिस ने सुनील कुमार और उसके तीन अन्य रिश्तेदार इंद्राज सैनी, अमित कुमार चौहान और सत्यनारायण को गिरफ्तार किया है.
"सर्किट हाउस से सूचना मिली कि सीबीआई में आईपीएस ऑफिसर बोलकर एक व्यक्ति ने रूम बुक करवाया है. हाथीपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची तब तक सभी लोग उदयपुर घूमने निकले हुए थे. जब दोबारा सभी सर्किट हाउस पहुंचे तो उनसे पूछताछ की गई, जिसमें एक व्यक्ति सुनील ने सीबीआई में आईपीएस ऑफिसर होने की बात कही. इसके बाद जब डिपार्टमेंट में इंक्वारी करवाई गई तो इस नाम का आदमी कोई अधिकारी नहीं निकला. पुलिस अधिकारी को जांच में पता चला कि आरोपी सुनील की कुछ समय पूर्व सगाई हुई थी. इससे पहले वह यूपीएससी का एग्जाम भी दे चुका है. सफल नहीं हुआ तो परिवार और परिचितों में धाक जमाने के लिए उसने सीबीआई में फर्जी आईपीएस ऑफिसर होना बताया. फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है." - अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लोकेंद्र