किशनगंज: किशनगंज लोकसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी है. मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर मुस्लिम वोटर ही किसी प्रत्याशी की हार और जीत तय करते हैं. लोकतंत्र के महापर्व को लेकर जिले की मुस्लिम महिलाओं में उत्साह का माहौल है. सुबह से ही मुस्लिम महिलाएं घर से निकलकर मतदान केंद्र पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रही हैं. मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि उन्होंने विकास के मुद्दों पर अपना मतदान किया है.
"हम लोगों ने काम करने वाले और क्षेत्र का विकास करने वाले जनप्रतिनिधि को अपना वोट दिया है. किशनगंज गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है और इस मिसाल को बरकरार रखना हम लोगों का दायित्व है. मजहब और जाति से ऊपर उठकर हम लोगों ने अपना मतदान किया है, सभी पहले मतदान करें फिर जलपान."-मुस्लिम महिला मतदाता
32 परसेंट हिंदू वोटर: जिले में 68 परसेंट मुस्लिम मतदाता है और ऐसे में मतदान की सुबह से ही पोलिंग बूथ पर मुस्लिम मतदाताओं की कतार देखने को मिल रही है. वहीं यहां 32 परसेंट हिंदू वोटर हैं. किशनगंज लोकसभा सीट पर 18 लाख 22 हजार 860 मतदाता 12 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. लोकसभा क्षेत्र में कुल 1781 मतदान केंद्र बनाए गए है, जिसमें 258 संवेदन शील बूथ घोषित किया गया है.
सुरक्षा के पूरे इंतजाम: किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें अमोर व बायसी विधानसभा पूर्णिया जिला में आता है. वहीं मतदान केंद्र पर सुरक्षा को लेकर केंद्रीय बल के 30 कंपनी बीएसएफ सीआरपीएफ सीआईएफ व एसएसबी पहुंचे हैं. तो वहीं हजारों की तादाद में दूसरे जिलों से बिहार पुलिस के जवान भी आए हैं. वहीं केंद्रीय सुरक्षा बल और जिला पुलिस बल को मतदान केंद्रों तैनात किया गया है ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो. लोकतंत्र का महापर्व के मतदान को लेकर जिले में जबरदस्त उत्साह का माहौल देखा जा रहा है.
यहां है त्रिकोणीय मुकाबला: इस लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण पूरे देश की नजर किशनगंज संसदीय सीट पर टिकी हुई है. जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम, कांग्रेस प्रत्याशी जावेद आजाद और एआईएमआईएम प्रत्याशी अख्तरुल इमाम के बीच काटे की टक्कर है और तीनों प्रत्याशियों के सूरजपुर मुस्लिम होने के कारण इनकी निगाह हिंदू वोटरों पर है.
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