पटना : गर्मी के मौसम में बिहार में हर साल गरीबों की झोपड़ी तबाह होती हैं. हीट वेव और हवा के गर्म थपेड़ों के चलते गरीबों के घर स्वाहा हो जाते हैं. जान माल का काफी नुकसान होता है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में ही बिहार के कई जिलों में त्राहिमाम जैसी स्थिति है. मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है.
बिहार में आग से तबाही : 2024 चुनावी साल है और अप्रैल के पहले सप्ताह में ही सूर्य देव आग बरसा रहे हैं. अभी से ही हीट वेव ने अपना रौद्र रूप दिखलाना शुरू कर दिया है. आगजनी की घटना में जबरदस्त इजाफा हुआ है. जान माल का नुकसान भी हो रहा है. हर साल के मुकाबले इस साल आंकड़ा तेजी से बढ़ता दिख रहा है.
आग लगने से लोगों की हो रही मौत : अगर पिछले 24 घंटे की बात करें तो मधेपुरा में भीषण आग लगी. इस अगलगी में 6 घर स्वाहा हो गए, तो दो मासूम जिंदा जल गए. जब तक अग्निशमन की गाड़ी पहुंचती तब तक जान माल का नुकसान हो चुका था और घर तबाह हो चुके थे. इसके अलावा सुपौल में भीषण आग लगी. जहां 50 से ज्यादा घर जलकर राख हो गए. गोपालगंज में भी आग लगने से दो मासूम जिंदा जलकर मर गए. मुजफ्फरपुर और अरवल जिले में भी अगलगी की घटना सामने आई. 20 से ज्यादा घर जलकर राख हो गए. मुजफ्फरपुर में एक मासूम की मौत भी हो गई.
डराने वाले हैं आंकड़े : वैसे देखा जाए तो बिहार के ज्यादातर जिलों में प्रतिदिन कहीं ना कहीं आग लगने की घटना सामने आ रही हैं. खासतौर पर दियारा के इलाके हॉटस्पॉट हैं. उन इलाकों में आग लगने की घटना हो रही है. इस साल आग लगने की घटना में 40 से 50% तक की वृद्धि दर्ज की गई है. आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में कुल आगजनी की घटना से 83 लोगों की मौत हुई थी. जबकि वर्ष 2021 में 54 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. साल 2020 में 28 लोग आग लगने के चलते मौत के मुंह में समा गए थे.
इन कारणों से लगती है आग : गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं में 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाती है. इसके पीछे प्रमुख कारण जलावन पर खाना पकाना है. खाना बनाने के बाद चूल्हे में छोड़ी गई आग भी कभी-कभी खतरनाक साबित होती है. इसके अलावा शॉर्ट सर्किट से आग लगने का प्रमुख कारण है. खेतों में फसल की कटाई के बाद आग लगाने की परंपरा भी कई बार आगजनी का कारण बनता है.
राज्य में 169 हॉटस्पॉट : राज्य में 1000 से अधिक आग लगने की घटनाएं हर साल दर्ज की जाती हैं. बिहार के 16 जिले हॉटस्पॉट हैं. तमाम जिलों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं. राज्य के अंदर 169 हॉटस्पॉट को चिन्हित किया गया है, जिसमें 19 पटना में है. इन सभी जगहों पर आग लगी की घटनाएं अधिक होती है.
आग लगने की घटनाओं से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं:-
सुरक्षित स्थान पर जाएं: अगर आपके आस-पास आग लगने की आशंका है, तो तुरंत एक सुरक्षित स्थान पर जाएं. यह सुरक्षित स्थान आपके घर के अंदर हो सकता है या फिर आप किसी सुरक्षित जगह पर जा सकते हैं.
अग्निशामक उपकरण का उपयोग करें: अगर आपके पास अग्निशामक उपकरण जैसे कि अग्निशामक ब्लैंकेट, अग्निशामक फायर एक्सटिंग्विशर, या अग्निशामक फायर ब्रिगेड हो, तो उन्हें उपयोग करें.
अग्निशामक अभ्यास करें: अगर आपके पास अग्निशामक अभ्यास की जानकारी है, तो उसे अपनाएं. अग्निशामक अभ्यास से आप आग लगने की स्थितियों में ठीक से प्रतिक्रिया देने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं.
आग लगने की आशंका होने पर तुरंत अलर्ट करें: अगर आपको आग लगने की आशंका हो, तो तुरंत अपने आस-पास के लोगों को अलर्ट करें. आप फोन, घंटी, या अन्य उपकरण का उपयोग करके अलर्ट कर सकते हैं.
आग लगने की आशंका होने पर तुरंत अपने घर को खाली करें: अगर आपको आग लगने की आशंका हो, तो तुरंत अपने घर को खाली करें और सुरक्षित स्थान पर जाएं. याद रखें कि आग लगने की आशंका होने पर तुरंत कार्रवाई करना बहुत महत्वपूर्ण है.
''आगजनी से बचने के लिए सावधानी भी बरतनी चाहिए. खाना सुबह 9:00 से पहले और शाम 6:00 बजे के बाद बनाना चाहिए. खाना पका कर चूल्हे की आग को पानी से पूरी तरह बुझा देना चाहिए. अगर आप गैस के चूल्हे का उपयोग करते हैं तो रेगुलेटर बंद करना ना भूलें. पाइप में लीकेज की जांच जरूर कर लें. बीड़ी और सिगरेट पीकर इधर-उधर फेंकना हितकर नहीं है.''- उदय कांत मिश्रा, उपाध्यक्ष, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
लगातार चढ़ रहा है पारा, आग से परेशानी : आपको बता दे कि बिहार में अप्रैल के पहले सप्ताह में ही 40 डिग्री सेंटीग्रेड को पार कर चुका है. अभी तापमान और बढ़ने के आसार हैं. पछुआ हवा ने लोगों की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है. इस साल अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोगों की मौत आग लगने से हो चुकी है. ऐसे में जरूरी है कि आप इस मौसम में सावधान रहें.
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