ETV Bharat / state

फर्जी रजिस्ट्री मामला: ईडी ने दून में करोड़ों की संपत्ति जब्त की, कब्जे में लिए अहम दस्तावेज, दो बिल्डर भी निशाने पर - Dehradun fake registry case

ED raid in fake registry case, enforcement directorate action देहरादून फर्जी रजिस्ट्री मामले में ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. ईडी ने शुक्रवार को उत्तराखंड के देहरादून समेत पांच राज्यों के अलग-अलग शहरों में छापेमारी थी. इस दौरान अकेले देहरादून में भी कुछ ठिकानों पर रेड की थी, जहां से पुलिस ने करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त की है.

Etv Bharat
देहरादून फर्जी रजिस्ट्री मामले में ईडी की कार्रवाई (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 2, 2024, 6:24 PM IST

देहरादून: फर्जी रजिस्ट्री मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी/Enforcement Directorate) ने कई देहरादून में कई आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान ईडी ने आरोपियों के घर से बरामद करीब 24.50 लाख रुपये की नकदी के साथ ही बैंक खातों में जमा 11.50 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं. वहीं 58.80 लाख रुपए के सोने और चांदी के आभूषण भी जब्त किए हैं. बताया जा रहा है कि ईडी ने करोड़ों रुपयों की संपत्ति के दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गई है.

पांच राज्यों में ईडी ने साथ मारा था छापा: ईडी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपियों के देहरादून (उत्तराखंड), सहारनपुर और बिजनौर (उत्तर प्रदेश), लुधियाना (पंजाब), दिल्ली और बोंगाईगांव (असम) में कुल मिलाकर 17 ठिकानों पर 30 अगस्त शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की थी. देहरादून पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी सहित अन्य आरोपियों के ठिकानों पर जांच की गई.

दो बिल्डर भी निशाने पर: इसके अलावा दून में हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले दो बिल्डरों के अपार्टमेंट पर भी छापा मारा गया. रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा जुलाई 2022 में सामने आया था जिसमें पता चला कि कुछ अधिवक्ताओं ने प्रापर्टी डीलरों और भूमाफिया से मिलकर देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में घुसपैठ कर रजिस्ट्रियों के रिकार्ड बदल दिए हैं. साथ ही कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से रिकार्ड भी गायब किए गए हैं.

इस काम में सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कार्मिकों ने भी फर्जीवाड़े में मदद की. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद मामले में दो एसआइटी (पुलिस, स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग) का गठन किया गया. पुलिस ने अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 13 मुकदमे दर्ज कर 20 आरोपियों को जेल भेजा हैं.

जानकारी के अनुसार ईडी की करीब 80 अधिकारियों की टीम ने आरोपियों के ठिकानों से करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज कब्जे में लिए हैं. इन संपत्तियों को जल्द अटैच किया जा सकता है. ईडी ने छापेमारी के दौरान पेन ड्राइव और मोबाइल जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी कब्जे में लिया है. साथ ही बैंक से संबंधित कई अहम दस्तावेज भी ईडी अधिकारियों के हाथ लगे हैं, जिनसे मनी लांड्रिंग की उस कड़ी को जोड़ा जाएगा, जिससे आरोपियों ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की.

पढ़ें--

देहरादून: फर्जी रजिस्ट्री मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी/Enforcement Directorate) ने कई देहरादून में कई आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान ईडी ने आरोपियों के घर से बरामद करीब 24.50 लाख रुपये की नकदी के साथ ही बैंक खातों में जमा 11.50 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं. वहीं 58.80 लाख रुपए के सोने और चांदी के आभूषण भी जब्त किए हैं. बताया जा रहा है कि ईडी ने करोड़ों रुपयों की संपत्ति के दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गई है.

पांच राज्यों में ईडी ने साथ मारा था छापा: ईडी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपियों के देहरादून (उत्तराखंड), सहारनपुर और बिजनौर (उत्तर प्रदेश), लुधियाना (पंजाब), दिल्ली और बोंगाईगांव (असम) में कुल मिलाकर 17 ठिकानों पर 30 अगस्त शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की थी. देहरादून पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी सहित अन्य आरोपियों के ठिकानों पर जांच की गई.

दो बिल्डर भी निशाने पर: इसके अलावा दून में हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले दो बिल्डरों के अपार्टमेंट पर भी छापा मारा गया. रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा जुलाई 2022 में सामने आया था जिसमें पता चला कि कुछ अधिवक्ताओं ने प्रापर्टी डीलरों और भूमाफिया से मिलकर देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में घुसपैठ कर रजिस्ट्रियों के रिकार्ड बदल दिए हैं. साथ ही कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से रिकार्ड भी गायब किए गए हैं.

इस काम में सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कार्मिकों ने भी फर्जीवाड़े में मदद की. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद मामले में दो एसआइटी (पुलिस, स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग) का गठन किया गया. पुलिस ने अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 13 मुकदमे दर्ज कर 20 आरोपियों को जेल भेजा हैं.

जानकारी के अनुसार ईडी की करीब 80 अधिकारियों की टीम ने आरोपियों के ठिकानों से करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज कब्जे में लिए हैं. इन संपत्तियों को जल्द अटैच किया जा सकता है. ईडी ने छापेमारी के दौरान पेन ड्राइव और मोबाइल जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी कब्जे में लिया है. साथ ही बैंक से संबंधित कई अहम दस्तावेज भी ईडी अधिकारियों के हाथ लगे हैं, जिनसे मनी लांड्रिंग की उस कड़ी को जोड़ा जाएगा, जिससे आरोपियों ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की.

पढ़ें--

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.