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Rajasthan: ठेके पर काम कर रहे विद्युतकर्मी की करंट से मौत, मुआवजे की मांग को लेकर जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठे ग्रामीण

बिजली के खंभे पर काम करते करंट लगने से संविदा पर कार्यरत विद्युतकर्मी की मौत हो गई. ग्रामीण अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए.

Electrician Died Due To Current
जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठे ग्रामीण (Photo ETV Bharat Kuchamancity)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2024, 7:37 PM IST

कुचामनसिटी: डीडवाना क्षेत्र के दयालपुरा गांव में बिजली के खंभे पर काम कर रहे एक ठेकाकर्मी की करंट लगने से मौत हो गई. इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए. उन्होंने विद्युत निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए राजकीय बांगड़ अस्पताल में ही धरना शुरू कर दिया. किसान नेता भागीरथ यादव ने बताया कि ग्रामीणों ने मांग की है कि मृतक के परिजनों को 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए. साथ ही एक आश्रित को संविदा पर नौकरी दी जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाए.

उन्होंने बताया कि ललासरी गांव निवासी श्रीकृष्ण पावड़िया बिजली निगम में ठेका कंपनी का कर्मचारी था. सोमवार दोपहर वह दयालपुरा गांव में बिजली की तकनीकी त्रुटि ठीक करने के लिए खंभे पर चढ़ा था. इस दौरान अचानक पावर सप्लाई चालू हो गई, जिससे श्रीकृष्ण पावड़िया झुलस गया और करंट का झटका लगने से नीचे गिर पड़ा. हादसे के बाद ग्रामीणों ने उसे डीडवाना के राजकीय बांगड़ जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, विद्युत निगम के सहायक अभियंता रामरतन स्वामी का कहना है कि इस घटना में विद्युत निगम की कोई लापरवाही नहीं है. मृतक ठेका कंपनी का कर्मचारी था, हालांकि मृतक को कंपनी की ओर से सात लाख रुपए का मुआवजा और इंश्योरेंस की राशि दिए जाने पर सहमति बनी है, जो उसे जल्द ही प्रदान कर दी जाएगी.

जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठे ग्रामीण (ETV Bharat Kuchamancity)

पढ़ें: करंट की चपेट में आने से किसान की मौत, विद्युत पोल में टकराने से हुआ हादसा

अस्पताल में ही बैठे धरने पर: घटना के बाद ग्रामीण अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए. किसान नेता यादव ने आरोप लगाया कि श्रीकृष्ण की मौत विद्युत निगम की लापरवाही से हुई है. ऐसे में मृतक के परिजनों को विद्युत निगम और ठेका कंपनी द्वारा 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए. मृतक के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक ना तो शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, ना ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. मौलासर थाना अधिकारी ने लोगों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन लोग अपनी बात पर अड़े रहे और मांगे पूरी नहीं होने तक शव लेने से इनकार कर दिया.

कुचामनसिटी: डीडवाना क्षेत्र के दयालपुरा गांव में बिजली के खंभे पर काम कर रहे एक ठेकाकर्मी की करंट लगने से मौत हो गई. इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए. उन्होंने विद्युत निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए राजकीय बांगड़ अस्पताल में ही धरना शुरू कर दिया. किसान नेता भागीरथ यादव ने बताया कि ग्रामीणों ने मांग की है कि मृतक के परिजनों को 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए. साथ ही एक आश्रित को संविदा पर नौकरी दी जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाए.

उन्होंने बताया कि ललासरी गांव निवासी श्रीकृष्ण पावड़िया बिजली निगम में ठेका कंपनी का कर्मचारी था. सोमवार दोपहर वह दयालपुरा गांव में बिजली की तकनीकी त्रुटि ठीक करने के लिए खंभे पर चढ़ा था. इस दौरान अचानक पावर सप्लाई चालू हो गई, जिससे श्रीकृष्ण पावड़िया झुलस गया और करंट का झटका लगने से नीचे गिर पड़ा. हादसे के बाद ग्रामीणों ने उसे डीडवाना के राजकीय बांगड़ जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, विद्युत निगम के सहायक अभियंता रामरतन स्वामी का कहना है कि इस घटना में विद्युत निगम की कोई लापरवाही नहीं है. मृतक ठेका कंपनी का कर्मचारी था, हालांकि मृतक को कंपनी की ओर से सात लाख रुपए का मुआवजा और इंश्योरेंस की राशि दिए जाने पर सहमति बनी है, जो उसे जल्द ही प्रदान कर दी जाएगी.

जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठे ग्रामीण (ETV Bharat Kuchamancity)

पढ़ें: करंट की चपेट में आने से किसान की मौत, विद्युत पोल में टकराने से हुआ हादसा

अस्पताल में ही बैठे धरने पर: घटना के बाद ग्रामीण अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए. किसान नेता यादव ने आरोप लगाया कि श्रीकृष्ण की मौत विद्युत निगम की लापरवाही से हुई है. ऐसे में मृतक के परिजनों को विद्युत निगम और ठेका कंपनी द्वारा 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए. मृतक के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी, तब तक ना तो शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, ना ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. मौलासर थाना अधिकारी ने लोगों से समझाइश का प्रयास किया, लेकिन लोग अपनी बात पर अड़े रहे और मांगे पूरी नहीं होने तक शव लेने से इनकार कर दिया.

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