जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने एक जटिल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए मरीज के पेट से भारी मात्रा में कीलें, सुई और सिक्के निकाले हैं. अस्पताल के चिकित्सकों ने लैप्रोस्कोपिक गैस्ट्रोस्टॉमी सर्जरी के माध्यम से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. मामले को लेकर सवाईमान सिंह अस्पताल के प्रवक्ता डॉ मनीष अग्रवाल ने बताया कि 21 वर्षीय रौनक (बदला हुआ नाम), जो मानसिक रोग से पीड़ित है. इसके कारण वह लगातार कील, सुइयां और सिक्के निगल रहा था. मरीज को 6 मई को अलवर से रेफर किया गया. उसे पेट दर्द की शिकायत थी और उनके साथियों ने बताया कि उन्होंने कई नुकीली वस्तुएं निगल ली हैं.
ऑपरेशन करने वाले वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर राजेंद्र मांडिया ने बताया कि जब मरीज हमारे पास पहुंचा, तो हमने एक्स-रे और सीटी स्केन जांचों में पाया कि ज्यादातर वस्तुएं पेट में जमा हैं, जबकि कुछ बड़ी आंतों तक पहुंच गई थी. ऐसे में तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया गया और एसएमएस में इमरजेंसी ओटी में ऑपरेशन चीरे से न करके दूरबीन से करने का निर्णय लिया गया. यह ऑपरेशन दूरबीन से करना काफी जटिल और चुनौतीपूर्ण था, लेकिन चिकित्सकों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व वरिष्ठ प्रोफेसर और यूनिट हेड डॉ. राजेंद्र मांडिया ने किया. उनकी टीम में डॉ. सुभाष ,डॉ. ईशांत कुमार साहू और डॉ. कार्तिक सैनी शामिल थे.
इस तरह सर्जरी को दिया अंजाम : चिकित्सकों का कहना है कि मरीज की मानसिक बीमारी का डायग्नोसिस अब तक नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से उन्होंने ऐसी वस्तुएं निगलीं, लेप्रोस्कोपी (दूरबीन) से पेट को खोलकर अंदर की सारी कीलों को निकाला गया और फिर दूरबीन से ही पेट को टांकों की मदद से बंद किया गया. एक कील, जो आंत में पहुंच गई थी बाद में मल के साथ निकल गई. एक सुई को कोलोनोस्कोपी द्वारा निकाला गया. चिकित्सकों का कहना है कि दूरबीन से किए गए ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द होता है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है. ऑपरेशन के बाद मरीज अब बिलकुल ठीक है और पेट दर्द की शिकायत भी ठीक हो गई है.