इंदौर : गेहूं के बाद दाल की एमएसपी का बवाल शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश में गेहूं की एमएसपी 150 रु तक बढ़ाकर किसानों तक फायदा पहुंचाने की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी ओर दालों की एमएसपी को लेकर भी आवाजें उठने लगी हैं. किसान जहां गेहूं की तरह दाल-दलहन पर भी एमएसपी की उम्मीद कर रहे हैं, तो दाल व्यापारियों की इसे लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. वहीं सरकार ने भी दालों की एमएसपी और दलहन की खरीद को लेकर नई योजना बनाई है.
कम चल रहे दाल के दाम
इन दिनों बाजार में अरहर दाल 80 रु से 120 रु प्रति किलो, उड़द 90 रु से 110 रु प्रति किलो, मूंग 90 रु से 100 रु प्रति किलो और मसूर दाल 80 रु प्रति किलो है चल रही है. यदि दालों पर एमएसपी बढ़ाई जाती है तो किसानों को तो फायदा होगा लेकिन आम आदमी कहीं न कहीं महंगाई की जद में आ सकता है. इंदौर के कुछ बड़े दाल कारोबारियों का कहना है कि निश्चित ही किसानों को दाल की कीमतों का अधिक मुनाफा मिलना चाहिए क्योंकि कम मुनाफा होने के चलते दाल के किसान, दूसरी फसलें उगाने लगते हैं.
![Dal prodcution in Madhya pradesh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-02-2025/23476327_daal22.jpg)
किराना कारोबारी कृष्णा राय पुरोहित कहते हैं, '' निश्चित तौर पर दाल के भाव में कुछ बढ़ोत्तरी तो होना चाहिए क्योंकि समय पर पेट्रोल सहित अन्य चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी हो जाती है लेकिन दाल की कीमतों में बढ़ोत्तरी नहीं देखने मिलती. इसका नुकसान किसान सहित व्यापारियों को भी उठाना पड़ता है.''
MSP बढ़ने से आम आदमी को लगेगा झटका?
वहीं व्यापारियों के दूसरे वर्ग का कहना है कि केवल एमएसपी बढ़ने से ही नहीं बल्कि दाल के कम प्रोडक्शन का असर भी आम आदमी की जेब पर पड़ता है. इंदौर के दाल कारोबारी सुरेश अग्रवाल कहते हैं, '' जब किसान कम मुनाफे के चलते दाल की फसल छोड़कर दूसरी फसलें उगाने लगते हैं, तब दाल का प्रोडक्शन कम होने लगता है. ऐसे में जब हाई डिमांड के बीच सप्लाई कम हो जाती है तो स्वभाविक रूप से दाल ही नहीं, कोई भी वस्तु महंगी हो जाती है. इसकी सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है.''
![Mohan Yadav govt new pulses scheme](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-02-2025/23476327_daal-2.jpg)
दाल खरीद को लेकर क्या है सरकारी प्लान?
हाल ही में केंद्र सरकार ने मौजूदा रबी सीजन में किसानों से दलहन की खरीद बढ़ाने की बात कही है. दलहन फसलों का उचित मूल्य किसानों को दिलाने और इंपोर्ट पर निर्भरता खत्म करने के लिए सरकार ने योजना बनाई है. केंद्रीय नोडल एजेंसियों, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) को रबी सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना के माध्यम से तूर, उड़द और मसूर दालों की खरीद बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
![Shivraj Singh Chouhan Dal MSP Plan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/05-02-2025/23476327_daal-3.jpg)
शिवराज सिंह चौहान बोले मध्य प्रदेश में दालों की MSP बढ़ेगी?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों को आश्वासन दिया था कि केंद्र द्वारा किसानों की 100 प्रतिशत उड़द, मसूर और तूर दाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार दलहन को बढ़ावा देने के लिए इनकी एमएसपी और बढ़ा सकती है.
मध्यप्रदेश में कितना है दाल का उत्पादन?
मध्य प्रदेश किसान कल्याण व कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022-23 में एमपी में 14 लाख 52 हजार 313 हेक्टेयर रकबे में दलहन का उत्पादन हुआ. अगर सरकार योजना बनाकर इसी तरह दलहन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती है तो मध्य प्रदेश में न केवल इसका रकबा और उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि सरकार दलहन के आयात को भी कम करने में कामयाब होगी और इसका सीधा फायदा किसानों और आम आदमी को मिलेगा.
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