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साइबर ठगों का शिकार हो गया जल संस्थान का कनिष्ठ अभियंता, गंवा दिए 17 लाख रुपए

cyber crime Uttarakhand कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना उत्तराखंड जल संस्थान के कनिष्ठ अभियंता को भारी पड़ गया. कनिष्ठ अभियंता ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर करीब 17 लाख रुपए गंवा दिए.

साइबर ठग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 20, 2024, 7:04 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में इस बार साइबर ठगों के निशाने पर जल संस्थान का कनिष्ठ अभियंता आ गया. साइबर ठगों ने निवेश के नाम पर कनिष्ठ अभियंता को करीब 17 लाख रुपए की चपत लगा दी. इस मामले में पीड़ित को पुलिस की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी. इसीलिए पीड़ित ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया, तब कही जाकर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया.

कनिष्ठ अभियंता ने साइबर पुलिस को जो शिकायत दी है, उसके अनुसार साल 2022 में उसके मोबाइल पर अनजान व्यक्ति की कॉल आई थी. उस व्यक्ति ने खुद को एक संस्था का कर्मचारी बताया था और कहा था कि उनकी संस्था लोगों का पैसा अलग-अलग जगहों पर निवेश करती है और कम समय में अच्छा निवेश देती है. कनिष्ठ अभियंता भी साइबर ठग की बातों में आ गया है और साइबर ठग को एक साल में करीब 17 लाख रुपए के अलग-अलग माध्यमों से दे दिए.
पढ़ें- देहरादून में निकाली गई राम राज्य शोभा यात्रा, हजारों लोगों के साथ CM धामी हुए शामिल

कनिष्ठ अभियंता ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें करीब एक साल बाद अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने 25 नवंबर 2023 को हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की. आखिर में पीड़ित ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी की कोर्ट में प्रार्थन पत्र दिया, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और मामले को साइबर सेल में ट्रांसफर किया.

पुलिस की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वो किसी भी अनजान व्यक्ति की बातों में आकर अपने महत्वपूर्ण जानकारी शेयर न करे, वहीं कही भी पैसा इन्वेस्ट करने से पहले जांच पड़ताल जरूर कर ले. क्योंकि आपकी थोड़ी सी जागरूकता आपको बड़ी मुश्किल में फसने से बचा सकती है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में इस बार साइबर ठगों के निशाने पर जल संस्थान का कनिष्ठ अभियंता आ गया. साइबर ठगों ने निवेश के नाम पर कनिष्ठ अभियंता को करीब 17 लाख रुपए की चपत लगा दी. इस मामले में पीड़ित को पुलिस की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी. इसीलिए पीड़ित ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया, तब कही जाकर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया.

कनिष्ठ अभियंता ने साइबर पुलिस को जो शिकायत दी है, उसके अनुसार साल 2022 में उसके मोबाइल पर अनजान व्यक्ति की कॉल आई थी. उस व्यक्ति ने खुद को एक संस्था का कर्मचारी बताया था और कहा था कि उनकी संस्था लोगों का पैसा अलग-अलग जगहों पर निवेश करती है और कम समय में अच्छा निवेश देती है. कनिष्ठ अभियंता भी साइबर ठग की बातों में आ गया है और साइबर ठग को एक साल में करीब 17 लाख रुपए के अलग-अलग माध्यमों से दे दिए.
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कनिष्ठ अभियंता ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें करीब एक साल बाद अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद उन्होंने 25 नवंबर 2023 को हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की. आखिर में पीड़ित ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी की कोर्ट में प्रार्थन पत्र दिया, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और मामले को साइबर सेल में ट्रांसफर किया.

पुलिस की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वो किसी भी अनजान व्यक्ति की बातों में आकर अपने महत्वपूर्ण जानकारी शेयर न करे, वहीं कही भी पैसा इन्वेस्ट करने से पहले जांच पड़ताल जरूर कर ले. क्योंकि आपकी थोड़ी सी जागरूकता आपको बड़ी मुश्किल में फसने से बचा सकती है.

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