नई दिल्लीः 2012 में जीबी रोड पर एक वेश्यालय के सामने पुलिसकर्मी की चाकू घोपकर हत्या करने और दो को घायल करने के मामले में दोषी करार दिए गए चार लोगों ने अपनी आमदनी का ब्यौरा तीस हजारी कोर्ट में दाखिल किया. एडिशनल सेशंस जज वीरेंद्र कुमार खर्ता ने दोषियों की सजा की अवधि के मामले पर 8 अप्रैल को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है.
बुधवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने इस मामले में हुए खर्चे का भी ब्यौरा कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने दिल्ली विधिक सहायता प्राधिकार को दोषियों की ओर से दाखिल उनकी आमदनी और उनकी जिम्मेदारी का वेरिफिकेशन करने और उनके पूर्व के आपराधिक इतिहास का विस्तृत विवरण देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इस मामले में मारे गए कांस्टेबल बिजेंद्र सिंह के उत्तराधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया ताकि परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे का आंकलन किया जा सके.
कोर्ट ने 2 मार्च को जिन आरोपियों को दोषी करार दिया था, उनमें आशीष बहुगुना, सूरज, मनोज और अक्षय शामिल हैं. कोर्ट ने कहा था कि घायल कांस्टेबल संदीप, इरशाद और शिकायतकर्ता हेड कांस्टेबल बलजीत के बयान भरोसे के लायक हैं और ये साबित करने में सफल हैं कि आरोपी दोषी हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 6 दिसंबर 2012 को चार्जशीट दाखिल किया था. कोर्ट ने 20 जुलाई 2013 को चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
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घटना 10 और 11 सितंबर 2012 की दरम्यानी रात के 12 और सवा बारह बजे के की है. उस रात जीबी रोड पर एक वेश्यालय के सामने चारों आरोपियों ने कांस्टेबल बिजेंद्र को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. बिजेंद्र के अलावा आरोपियों ने दो आरोपियों ने कांस्टेबल संदीप और इरशाद पर भी चाकूओं से वार कर घायल कर दिया. बिजेंद्र की बाद में मौत हो गई.
घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने कमला नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 186, 353, 333 औऱ 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज किया. दिल्ली पुलिस की ओर से वकील पंकज कुमार रंगा, जबकि आरोपियों की ओर से वकील शुभम शुक्ला, एसएस त्रिपाठी ने दलीलें रखी थीं.