जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने मरीज के फिशर का ऑपरेशन करने के दौरान लापरवाही बरतने पर फुलेरा के निजी अस्पताल और दो चिकित्सकों पर कुल 19.70 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने यह आदेश संजय सोनी के परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.
आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि ऑपरेशन में लापरवाही के कारण एक नौजवान की जिंदगी नरक बन गई है. उसकी रीड की हड्डी के अंतिम छोर में घाव हो गया है और लगातार सूजन बनी रहती है, जिसे ठीक करना असंभव है. यहां तक कि वह मल भी नहीं रोक पा रहा है. इस कारण वह कहीं आ-जा भी नहीं सकता है. इसके चलते परिवादी एक तरह से दिव्यांग हो गया है. इसकी क्षतिपूर्ति किसी भी कीमत पर किया जाना संभव नहीं है.
पढ़ें: 16 साल पहले आवंटित भूखंड का कब्जा नहीं दिया, उपभोक्ता आयोग ने जेडीए पर लगाया हर्जाना
परिवाद में अधिवक्ता हरिप्रसाद ने अदालत को बताया कि वह विपक्षी अस्पताल में फिशर का ऑपरेशन कराने के लिए 14 फरवरी, 2016 को भर्ती हुआ था. उसी दिन उसका ऑपरेशन कर डिस्चार्ज भी कर दिया गया और उससे 13 हजार रुपए का भुगतान लिया गया. परिवाद में कहा गया कि ऑपरेशन के दौरान चिकित्सकों ने लापरवाही बरतते हुए मलद्वार की मांसपेशियों, टिश्यूज और तंत्रिकों को ज्यादा काटकर क्षतिग्रस्त कर दिया. जिससे वह मल नहीं रोक पा रहा और रीढ़ की हड्डी में भी लगातार सूजन बनी हुई है. जिसे पुनः सही कराना अब संभव नहीं है. ऐसे में उसे अस्पताल और चिकित्सकों से क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल और चिकित्सकों पर हर्जाना लगाया है.