शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद विवाद इन दिनों देश का मुद्दा बना हुआ है. शिमला के लोग इसको लेकर सड़कों पर उतरे और जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, कांग्रेस और बीजेपी के नेता भी हिमाचल में इस मुद्दे को लेकर एक साथ खड़े दिख रहे हैं. कांग्रेस के नेता लोगों को कानून के तहत अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं. वहीं, बीजेपी के नेता सत्ता पक्ष से जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
शुक्रवार को चंडीगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश में पूर्व की जयराम सरकार से सवाल किया है. उन्होंने कहा "यह मामला सांप्रदायिक नहीं है. इसे धर्म के आधार पर देखना गलत है. अगर अवैध निर्माण हुआ है तो इस पर कार्रवाई कानून के तहत करनी चाहिए. साल 2019 में शिमला में चार मंजिल तैयार हुई थी. उस समय वहां पर बीजेपी की सरकार थी. ऐसे में इसका जवाब पूर्व सीएम जयराम ठाकुर को देना चाहिए."
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के उठने का कारण शिमला शहर के तहत आने वाले मल्याणा गांव में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट है. विशेष समुदाय के 6 लोगों ने एक स्थानीय दुकानदार के साथ मारपीट की. इन 6 आरोपियों में से 5 यूपी के और एक शख्स उत्तराखंड का था. मारपीट के बाद ये लोग संजौली में बनी मस्जिद में छिप गए जिसके बाद इस मामले ने जोर पकड़ा.मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा के मानसून सेशन में इस मस्जिद के निर्माण को अवैध बताया और जहां पर मस्जिद बनी है उस जमीन को सरकारी जमीन बताया. वहीं, हिमाचल के बाहर से आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन को लेकर भी मंत्री ने सवाल उठाए.