नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह फैसला राजनीति से ज्यादा कारोबार से जुड़ा है. आम आदमी पार्टी में केवल केजरीवाल है, बाकी सब उनके घरेलू नौकर है. किसी का कोई वजूद नहीं है. मेरे हिसाब से यह निर्णय इस हिसाब से लेंगे कि कौन ऐसा व्यक्ति आएगा जो इनके भरोसे का हो, जो फाइल नहीं निकलने दे. इनके खिलाफ जो भ्रष्टाचार के सबूत है उसको दबा के रखें, जो इनके कहने पर काम करे, जिस कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करना है, उस पर हस्ताक्षर कर दे. एक तरीके से इनका पिट्ठू बनकर वहां रहे. वो दिखाने के लिए तमाम औपचारिकता करेंगे. यह सब नाटक है, इसका कोई अर्थ नहीं है. केवल समय खराब करने वाली बात है.
Delhi: On Delhi CM Arvind Kejriwal's resignation announcement, Former Congress MP Sandeep Dikshit says, " ...you see, in most political parties, when there’s a change in power, leadership, or a new chief minister, there's curiosity because various leaders have contributed to… pic.twitter.com/b1jQC29V3a
— IANS (@ians_india) September 16, 2024
सवाल: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि नवंबर में चुनाव हो जाए? इसको लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री के इस्तीफे से चुनाव जल्दी नहीं होते क्योंकि उसके बाद राज्यपाल के पास यह मौका रहता है कि वह नई सरकार की संभावनाएं तलाश करें. अगर संभावनाएं तलाश करेंगे तो वो बिना विधानसभा को भंग किए राष्ट्रपति शासन भी लगा सकते है. वैसे भी जनवरी-फरवरी में विधानसभा भंग होना ही है. अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्दी चुनाव हो तो उनको कैबिनेट बुलानी चाहिए. उसमें यह तय करना चाहिए कि हम राज्यपाल के पास इस संबंध में प्रस्ताव भेजेंगे और जल्द से जल्द चुनाव कराने की अपील करेंगे. वो इनकम टैक्स के अधिकारी रहे हैं संविधान पढ़ा हुआ है, अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्द चुनाव हो तो उन्हें नाटक करने की बजाय यह कदम उठाना चाहिए. दिल्ली के राज्यपाल के पास असाधारण शक्तियां है. अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्दी चुनाव हो तो उन्हें यह प्रक्रिया अपनानी चाहिए.
सवाल : 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर केंद्र सरकार आगे बढ़ रही है, इसपर आपका क्या रूख है?
जवाब: महाराष्ट्र और हरियाणा में एक साथ कर नहीं पाए और वह सिर्फ इसमें राजनीति करने में लगे रहे. महाराष्ट्र में उनकी हालत बहुत खराब है, महाराष्ट्र में भाजपा को शायद 25-50 सीट भी नहीं मिलेगी. उन्होंने वहां महिलाओं को पेंशन देने वाली एक स्कीम चालू की है. इनको यह लगता है कि उससे कुछ सीटों में इजाफा हो सकता है. इसलिए वहां चुनाव इन्होंने एक साथ नहीं करवाया. जब इनकी राजनीति को सूट करें, तो वन नेशन वन इलेक्शन नहीं और जब किसी और की राजनीति को सूट ना करे तो वन नेशन वन इलेक्शन है. यह किसी उसूल पर नहीं चलते. वह यह देखते हैं कि उन्हें क्या फायदा हो सकता है? उस पर निर्णय लेते हैं.
Delhi: Regarding Arvind Kejriwal is in favor of holding early elections in Delhi, Former Congress MP Sandeep Dikshit says, " the system works in such a way that even if you want the assembly to be dissolved in delhi, elections do not happen immediately. after that, the governor… pic.twitter.com/G0anun5mLh
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सवाल: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि पूर्व पीएम राजीव गांधी और इंदिरा गांधी आरक्षण के खिलाफ थे, राहुल गांधी आरक्षण की बात करते हैं, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब : वह उपराष्ट्रपति हैं, संवैधानिक पद पर हैं इसलिए ज़्यादा कुछ नहीं कहना चाहिए, लेकिन वह एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिनको मैं कभी गंभीरता से नहीं लेता हूं. एक उपराष्ट्रपति के तौर पर मैं उनका सम्मान करता हूं, मगर व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति मेरे अंदर कोई गंभीरता का भाव नहीं है.
Delhi: BJP MP Manoj Tiwari on Delhi CM Arvind Kejriwal's resignation announcement, says, " kejriwal and his aam aadmi party have never been upto their words. if they do something, it's good, otherwise, it's the same story repeated, leaving things undone...the pain delhi suffers is… pic.twitter.com/H10CVvKrKS
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Delhi: BJP MP Manoj Tiwari says, " ...if delhi has indeed become a jail, then they should be punished even more...they haven't done any work in the jail either..." pic.twitter.com/dCPWOjVcUu
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केजरीवाल पर मनोज तिवारी का हमलाः दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि इस देश में किसी मुख्यमंत्री का ऐसा इतिहास नहीं दिखेगा कि मुख्यमंत्री को कोर्ट ने जबरदस्ती कुर्सी से हटाया हो. इस देश में संविधान का राज है, कानून का राज है और संविधान कहता है कि अगर मुख्यमंत्री जेल जाते हैं तो सीएम को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और उन्हीं की पार्टी का कोई दूसरा मुख्यमंत्री बन जाता है ताकि प्रदेश चलता रहे.
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