शिमला: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है. ऐसे में मोदी सरकार ने तीसरी बार देश की बागडोर संभालने के बाद मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कार्यकाल का अपना पहला बजट पेश किया. लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री के बजट भाषण में हिमाचल को सिर्फ आपदा के बाद पुनर्निर्माण को लेकर मदद का भरोसा दिया गया है. जिस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने सदन में जो बजट पेश किया है, उसमें हिमाचल के साथ भेदभाव हुआ है.
हिमाचल को कुछ नहीं मिला: गौरतलब है कि बजट पेश करने से कुछ रोज पहले वित्तीय सहायता दिए जाने को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय मंत्रियों से मिले थे. इस तरह से हिमाचल को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पेश किए गए पहले बजट से काफी उम्मीदें थी. सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली साल हिमाचल में हुई भारी बारिश से सदी की सबसे बड़ी त्रासदी आई थी. बरसात में आई इस तबाही से उबरने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से नौ हजार करोड़ रुपए की मदद चाहिए थी. राज्य सरकार को यह मदद पीडीएनए के तहत मिलनी थी, लेकिन हिमाचल को अभी तक ये मदद नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सिर्फ मदद की बात की है. लेकिन प्रदेश को कितनी मदद दी जाएगी, इस बात का बजट भाषण में कोई उल्लेख नहीं किया गया है. हिमाचल को उम्मीद के मुताबिक बजट में कुछ नहीं मिला.
बिहार और आंध्र प्रदेश को इसलिए मिला विशेष पैकेज: सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बीते दिनों मुलाकात कर हिमाचल के लिए मदद मांगी थी, लेकिन हिमाचल की केंद्रीय बजट में कोई मदद नहीं की गई है. केंद्र में सरकार का सहयोग करने वाली प्रमुख पार्टियों की बिहार और आंध्र प्रदेश में सरकार हैं. इसलिए इन दोनों की राज्यों को विशेष पैकेज दिए जाने की घोषणा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को रेल के क्षेत्र में भी बड़ी मदद की उम्मीद थी. इस क्षेत्र में भी राज्य को कोई मदद नहीं मिली. लंबे समय से बिलासपुर से लेह के लिए रेल लाइन की उम्मीद की जताई जा रही है, लेकिन इस बार फिर से हिमाचल के हाथ सिर्फ निराशा लगी है.
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