शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस सरकार के 2 साल का कार्यकाल को प्रदेश के लिए चिंताजनक स्थिति बताया. जयराम ने कहा सुक्खू सरकार के दो साल के कार्यकाल में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. ठेकेदारों के करोड़ों की देनदारियां बांकी है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब है.
जयराम ठाकुर ने कहा, "हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन की दुहाई दे रही है. लेकिन 2 साल के कार्यकाल में ही प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति काफी खराब हो गई है. ईमानदारी से काम करने वाले ठेकेदारों की करोड़ों की देनदारियां लंबित हैं. जहां सरकार में सलाहकार और अध्यक्ष कैबिनेट दर्जे के साथ लगाए जा रहे हैं, वहीं जनता से सब्सिडी छोड़ने की अपील की जा रही है".
इस दौरान जयराम ठाकुर ने खनन का जिक्र छेड़ते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के दौरान खनन को लेकर उपमुख्यमंत्री वीडियो बयान जारी करते रहे, लेकिन आज कांगड़ा में अवैध खनन दिनदहाड़े हो रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इसे रोकने में असमर्थ हैं. आधा महीना गुजर गया लोहड़ी और मकर संक्रांति बीत गई, लेकिन अभी तक एचआरटीसी पेंशनरों को पेंशन नहीं मिली है. उपमुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार के दो साल के कार्यकाल में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं. ऑपरेशन के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा है. हिमकेयर के तहत मिलने वाली दवाइयां और इलाज बंद कर दिए गए हैं. हिमकेयर की देनदारी 400 करोड़ से ऊपर हो गई है. प्रदेश में ठेकेदारों की करोड़ों की देनदारियां लंबित है. ठेकेदार आत्महत्या के रास्ते पर बढ़ने को मजबूर ना हो जाए, सरकार ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग में पिछले 2 सालों से ठेकेदारों की देनदारियां लंबित पड़ी है. जिसका आंकड़ा एक हजार करोड़ तक पहुंच गया है. वहीं, जल शक्ति विभाग में भी 500 करोड़ से ज्यादा की देनदारियां लंबित है. प्रदेश में सरकार वास्तविक स्थिति को छुपाने का प्रयास कर रही है. साल के पहले दिन मुख्यमंत्री ने आम जनता से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की. इससे पहले मुख्यमंत्री को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की गारंटी पूरे करने को लेकर असमर्थता जतानी चाहिए थी. साथ ही मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार में असंवैधानिक तरीके से CPS की नियुक्त की गई और दो वर्षों तक पद का आनंद उठाते रहे. सरकार में कैबिनेट दर्जे के अध्यक्ष और एडवाइजर नियुक्त किए जा रहे हैं. वहीं, जनता से सब्सिडी छोड़ने की मांग की जा रही है.
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