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मुडा मामले में CM सिद्धारमैया और उनकी पत्नी को क्लीन चिट! लोकायुक्त पुलिस को नहीं मिले सबूत - MUDA CASE

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती को मुडा मामले में बड़ी राहत मिली है. लोकायुक्त पुलिस को उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं.

Karnataka Lokayukta Police To Give Clean Chit To CM Siddaramaiah, His Wife in Muda Case
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2025, 10:46 PM IST

बेंगलुरु/मैसूर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी बीएम पार्वती को बड़ी राहत देते हुए लोकायुक्त पुलिस ने कथित मुडा भूमि घोटाला मामले में उन्हें क्लीन चिट देने की तैयारी कर ली है. मामले में शिकायतकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को बुधवार को भेजे गए नोटिस में कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच में सीएम सिद्धारमैया और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है.

लोकायुक्त पुलिस ने नोटिस में यह भी कहा कि इस संबंध में अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय को सूचित किया जाएगा जो मामले की अंतिम रिपोर्ट में सुनवाई कर रहा है. लोकायुक्त पुलिस ने स्नेहमयी कृष्णा से एक सप्ताह के भीतर अदालत में उनके निष्कर्षों पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कहा है, अगर कोई हो.

मामले में अन्य आरोपियों में सिद्धारमैया की पत्नी के भाई बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी और भूमि मालिक जे देवराजू शामिल हैं, जिन्हें राहत मिली है.

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा 2016 और 2024 के बीच 50:50 अनुपात में भूखंडों के आवंटन की वैधता के संबंध में कृष्णा की अन्य शिकायत का सवाल है, लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि वे आगे की जांच करेंगे और अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगे.

क्या है मुडा मामला
यह मामला मुडा द्वारा सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को उनके स्वामित्व वाली 3.16 एकड़ भूमि के बदले में 56 करोड़ रुपये मूल्य की 14 भूखंडों या साइटों के आवंटन से संबंधित है. आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर मुडा द्वारा 14 भूखंडों को आवंटित किया गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया ने मैसूर शहर के एक पॉश इलाके में अपनी पत्नी को 14 साइट्स आवंटित करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और इस तरह अप्रत्याशित लाभ कमाया.

स्नेहमयी कृष्णा की प्रतिक्रिया
लोकायुक्त पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस पर स्नेहमयी कृष्णा ने कहा कि वह इस क्लीन चिट पर आपत्ति दर्ज कराएंगे. मैसूर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मामले को साबित करने के लिए जरूरी सबूत पेश कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- रेखा गुप्ता से पहले बन चुकी हैं 17 महिला मुख्यमंत्री, शीला दीक्षित का कार्यकाल सबसे लंबा रहा, देखें पूरी लिस्ट

बेंगलुरु/मैसूर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी बीएम पार्वती को बड़ी राहत देते हुए लोकायुक्त पुलिस ने कथित मुडा भूमि घोटाला मामले में उन्हें क्लीन चिट देने की तैयारी कर ली है. मामले में शिकायतकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को बुधवार को भेजे गए नोटिस में कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच में सीएम सिद्धारमैया और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है.

लोकायुक्त पुलिस ने नोटिस में यह भी कहा कि इस संबंध में अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय को सूचित किया जाएगा जो मामले की अंतिम रिपोर्ट में सुनवाई कर रहा है. लोकायुक्त पुलिस ने स्नेहमयी कृष्णा से एक सप्ताह के भीतर अदालत में उनके निष्कर्षों पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कहा है, अगर कोई हो.

मामले में अन्य आरोपियों में सिद्धारमैया की पत्नी के भाई बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी और भूमि मालिक जे देवराजू शामिल हैं, जिन्हें राहत मिली है.

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा 2016 और 2024 के बीच 50:50 अनुपात में भूखंडों के आवंटन की वैधता के संबंध में कृष्णा की अन्य शिकायत का सवाल है, लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि वे आगे की जांच करेंगे और अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगे.

क्या है मुडा मामला
यह मामला मुडा द्वारा सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को उनके स्वामित्व वाली 3.16 एकड़ भूमि के बदले में 56 करोड़ रुपये मूल्य की 14 भूखंडों या साइटों के आवंटन से संबंधित है. आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर मुडा द्वारा 14 भूखंडों को आवंटित किया गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया ने मैसूर शहर के एक पॉश इलाके में अपनी पत्नी को 14 साइट्स आवंटित करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और इस तरह अप्रत्याशित लाभ कमाया.

स्नेहमयी कृष्णा की प्रतिक्रिया
लोकायुक्त पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस पर स्नेहमयी कृष्णा ने कहा कि वह इस क्लीन चिट पर आपत्ति दर्ज कराएंगे. मैसूर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मामले को साबित करने के लिए जरूरी सबूत पेश कर सकते हैं.

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