छिंदवाड़ा। कॉर्न सिटी छिंदवाड़ा के किसान अगले कुछ सालों में मालामाल हो जाएंगे.यहां किसानों की मक्के की फसल से निकलने वाले वेस्टेज से एथेनॉल बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार पीपीपी मॉडल से एथेनॉल प्लांट खोलने का प्लान तैयार कर रही है. जिसमें किसान भी शेयर होल्डर होंगे.
PPP मोड में खोले जाएंगे एथेनॉल प्लांट
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मक्के की फसल छिंदवाड़ा में होती है, इसलिए इसे कॉर्न सिटी का दर्जा भी मिला हुआ है. यहां प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने की वजह से किसानों को मक्के का सही दाम नहीं मिल पाता है. अब सरकार छिंदवाड़ा में किसानों को मक्के के सही दाम और खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए पीपीपी मॉडल में एथेनॉल प्लांट खोलने की तैयारी कर रही है. खास बात यह है कि एथेनॉल प्लांट में छिंदवाड़ा जिले के किसानों को शेयर होल्डर भी बनाया जाएगा ताकि वह एथेनॉल प्लांट में अपने मक्के के साथ-साथ उसके वेस्टेज का भी उपयोग कर सकते हैं.
प्रपोजल हो रहा तैयार
छिंदवाड़ा जिले में मक्के से एथेनॉल बनाने के लिए सरकार दो प्लांट खोलने की तैयारी कर रही है. इसके लिए प्रपोजल तैयार किया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर भूपेंद्र ठाकरे ने बताया है कि मक्के से एथेनॉल बनाने के लिए सरकार छिंदवाड़ा में प्लान तैयार कर रही है, जल्द ही सरकार दो एथेनॉल प्लांट खोलने के लिए मंजूरी दे सकती है.
'खेत बनेंगे पेट्रोल पैदा करने वाले कुएं'
मक्का से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार प्रयास कर रही है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 4 जनवरी को कहा था कि सरकार जल्द ही मक्का के किसानों को एथेनॉल संयंत्रों से जोड़ेगी. किसानों के मक्का उगाने वाले खेत पेट्रोल पैदा करने वाले कुएं बन जाएंगे. अमित शाह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल के साथ 20 एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है. इसके लिए लाखों टन एथेनॉल की आवश्यकता है.
सीधे किसानों को जोड़ेगी सरकार
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का कहना है कि जो किसान मक्का उगाते हैं, उन्हें सीधे एथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्रियों से जोड़ा जाएगा। मक्का की कम मांग के कारण किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. मक्का से एथेनॉल के उत्पादन से मक्का की मांग बढ़ेगी और इससे किसानों को बेहतर कीमत मिलेगी. वर्तमान में निर्यात बढ़ने के कारण मक्का की कीमतें अधिक हैं, लेकिन आम तौर पर मक्का का बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे रहता है.
किसानों को मिलेगी बेहतर कीमत
इस फसल के लिए खेती का क्षेत्रफल कम हो जाता है. एथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का का उपयोग बेहतर कीमतों और मक्का की लगातार मांग को सुनिश्चित करेगा. जिससे इस फसल की खेती ज्यादा होगी जो धान की तुलना में कम पानी की खपत वाली फसल है.
इसके अलावा डिस्टिलरी भी बाजार में फीडस्टॉक की उपलब्धता के बारे में आश्वस्त रहेंगी. इससे डिस्टिलरी मालिक और किसान दोनों के लिए फायदेमंद रहेगा और यह स्थिति जल और पर्यावरण के संरक्षण में भी बहुत मददगार साबित होगी.