कोटा. शहर के रानपुर थाना इलाके के बावड़ी खेड़ा में एक क्रेशर पर मंगलवार को पुलिस, यूआईटी और खनिज विभाग ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की. इस मामले में अवैध खनन का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और उनके भतीजे लोकेश गुंजल पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में शिकायत नगर विकास न्यास कोटा के तहसीलदार ने दी है.
कार्रवाई के दौरान यूआईटी के तहसीलदार हेमराज मीणा, लाडपुरा तहसीलदार हरिनारायण, नायब तहसीलदार मंडाना योगिता, रेंजर लाडपुरा संजय नागर व माइनिंग इंजीनियर रामनिवास मौजूद रहे. हालांकि पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि यह क्रेशर पूरी तरह से वैध है.
पढ़ें: अवैध खनन रोकने गए भाजपा नेता को मारी गोली, बेटियों ने कलेक्ट्रेट गेट पर बांधी चूड़ियां
रानपुर थाना अधिकारी भंवर सिंह ने बताया कि यूआईटी की जमीन पर ही अवैध खनन और स्टोन का भंडारण किया गया था. जबकि क्रेशर इससे लगती हुई जमीन पर संचालित था. ऐसे में यूआईटी तहसीलदार ने रिपोर्ट दी थी. जिस पर प्रहलाद गुंजल व लोकेश गुंजल के विरुद्ध 121/2024 धारा 379 व 447 भारतीय दंड संहिता धारा 4/21 एमएमडीआई व धारा 92A राजस्थान शहरी सुधार अधिनियम 1959 में दर्ज की गई है.
एलएनटी मशीन और डंपर किए जब्त: सीआई भंवर सिंह का कहना है कि वे 20 मई की रात लाडपुरा रेंज की फॉरेस्ट की टीम के साथ रानपुर थाना इलाके में गए थे. जहां पर वन विभाग की जमीन पर मशीन से खुदाई की जा रही थी. हमें देखकर अवैध खननकर्ता भाग गया, जिनकी हमने तलाश की थी. इसके बाद भी वह नहीं मिले. मौके से एक डंपर और एलएनटी मशीन को जब्त किया गया.
बाद में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और उनके भतीजे लोकेश आए थे. जिन्होंने बताया कि यह क्रेशर उनका है. उन्होंने कार्रवाई पर आपत्ति भी जताई थी. साथ ही बताया कि जिस जगह पर माल पड़ा है, वह वन विभाग नहीं यूआईटी की जमीन है. इसके बाद 21 मई को यूआईटी और माइनिंग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया. माइनिंग इंजीनियर की मौका रिपोर्ट के अनुसार यूआईटी की जमीन पर 955 टन स्टोन पड़ा हुआ था. जिसे जब्त किया गया है. इसके बाद ही यूआईटी के तहसीलदार ने थाने में रिपोर्ट दी है.