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"जूते की नोक पर रखता हूं नौकरी, तुम्हारा TI थर्ड क्लास ऑफिसर", सरकारी डॉक्टर की पुलिस को धौंस - Viral video of Burhanpur doctor

बुरहानपुर के जिला अस्पताल में तैनात डॉ. रघुवीर सिंह और शाहपुर थाने में पदस्थ आरक्षक के बीच हो रही बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में डॉक्टर साहब कह रहे हैं कि 'मैं इस नौकरी को जूते की नोक पर रखता हूं. नौकरी मैं शौक के लिए करता हूं. तुझे जो कुछ करना है वह तू कर ले."

argument between policeman and doctor burhanpur
बुरहानपुर में डॉक्टर ने आरक्षक को दिखाई धौंस
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 12, 2024, 3:45 PM IST

बुरहानपुर में डॉक्टर ने आरक्षक को दिखाई धौंस

बुरहानपुर। वैसे हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है, लेकिन कई बार तथाकथित भगवान लोगों को धमकाने और मारपीट करने का काम करने लगते हैं. ऐसी ही एक खबर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से आई है. जहां एक डॉक्टर एक पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी कर रहा है. डॉक्टर साहब के इसी कर्मकांड का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसके बाद डॉ. रघुवीर सिंह से सिविल सर्जन प्रदीप मोजेस ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है. फिर कलेक्टर के आदेश पर सीएमएचओ ने उन्हें गुलई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अटैच कर दिया है.

जिला अस्पताल में तैनात है डॉक्टर

वायरल वीडियो में जो डॉक्टर साहब दिख रहे हैं उनका नाम डॉ. रघुवीर सिंह है और वह जिला अस्पताल में तैनात हैं. दरअसल, यह तीखी बहस एमएलसी कराने की बात को लेकर हुई थी. इस पूरे मामले में आरएमओ डॉ. भूपेंद्र गौर मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी. इसके अलावा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है.

टीआई के लिए किया अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल

लालबाग थाना क्षेत्र के जिला अस्पताल में शाहपुर थाना में पदस्थ आरक्षक दो लोगों को एमएलसी के लिए अस्पताल ले गया था. डॉक्टर ने एक व्यक्ति की एमएलसी कर दी थी, लेकिन दूसरे व्यक्ति की एमएलसी नहीं कर रहे थे. इसी बात को लेकर डॉक्टर और आरक्षक के बीच बहस छिड़ गई. इससे डॉक्टर रघुवीर सिंह का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और वह पुलिसकर्मी को अपने पद का रौब दिखाने लगे. उन्होंने टीआई के लिए भी अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया.

आरक्षक को दिखाया पद का रौब

डॉक्टर ने आरक्षक से टीआई अखिलेश मिश्रा को थर्ड क्लास अधिकारी बताते हुए कहा कि 'मैं इस नौकरी को जूते की नोक पर रखता हूं. नौकरी मैं शौक के लिए करता हूं. तुझे जो कुछ करना है वह तू कर ले. मैं कोई पुलिसवाला नहीं हूं कि नौकरी छूट जाएगी तो कुछ कर नहीं पाउंगा. कहीं भी बैठकर इससे (नौकरी) दस गुना ज्यादा कमा सकता हूं'.

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इस दौरान डॉक्टर साहब आरक्षक से कहते हैं कि "मेरी टीआई से बात करा. तो इसी बीच आरक्षक कहता है कि सर टीआई मत बोलिए टीआई सर बोलिए, ये बात सुनते ही डॉक्टर साहब और तमतमा जाते हैं और कहते हैं कि तेरा टीआई थर्ड क्लास ऑफिसर है और मैं सेकंड क्लास हूं. मेरे लिए सर नहीं है. तू मुझे सस्पेंड करवा दे मैं नहीं करूंगा काम. मैं चाह रहा हूं कि तू ट्रांसफर करवा दे मेरा."

डॉक्टर को नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन ने दखल दिया और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन प्रदीप मोजेस ने पहले डॉक्टर रघुवीर से 24 घंटे में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. फिर कलेक्टर के आदेश पर सीएमएचओ ने उन्हें गुलई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अटैच कर दिया है.

बुरहानपुर में डॉक्टर ने आरक्षक को दिखाई धौंस

बुरहानपुर। वैसे हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है, लेकिन कई बार तथाकथित भगवान लोगों को धमकाने और मारपीट करने का काम करने लगते हैं. ऐसी ही एक खबर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से आई है. जहां एक डॉक्टर एक पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी कर रहा है. डॉक्टर साहब के इसी कर्मकांड का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसके बाद डॉ. रघुवीर सिंह से सिविल सर्जन प्रदीप मोजेस ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है. फिर कलेक्टर के आदेश पर सीएमएचओ ने उन्हें गुलई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अटैच कर दिया है.

जिला अस्पताल में तैनात है डॉक्टर

वायरल वीडियो में जो डॉक्टर साहब दिख रहे हैं उनका नाम डॉ. रघुवीर सिंह है और वह जिला अस्पताल में तैनात हैं. दरअसल, यह तीखी बहस एमएलसी कराने की बात को लेकर हुई थी. इस पूरे मामले में आरएमओ डॉ. भूपेंद्र गौर मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी. इसके अलावा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है.

टीआई के लिए किया अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल

लालबाग थाना क्षेत्र के जिला अस्पताल में शाहपुर थाना में पदस्थ आरक्षक दो लोगों को एमएलसी के लिए अस्पताल ले गया था. डॉक्टर ने एक व्यक्ति की एमएलसी कर दी थी, लेकिन दूसरे व्यक्ति की एमएलसी नहीं कर रहे थे. इसी बात को लेकर डॉक्टर और आरक्षक के बीच बहस छिड़ गई. इससे डॉक्टर रघुवीर सिंह का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और वह पुलिसकर्मी को अपने पद का रौब दिखाने लगे. उन्होंने टीआई के लिए भी अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया.

आरक्षक को दिखाया पद का रौब

डॉक्टर ने आरक्षक से टीआई अखिलेश मिश्रा को थर्ड क्लास अधिकारी बताते हुए कहा कि 'मैं इस नौकरी को जूते की नोक पर रखता हूं. नौकरी मैं शौक के लिए करता हूं. तुझे जो कुछ करना है वह तू कर ले. मैं कोई पुलिसवाला नहीं हूं कि नौकरी छूट जाएगी तो कुछ कर नहीं पाउंगा. कहीं भी बैठकर इससे (नौकरी) दस गुना ज्यादा कमा सकता हूं'.

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इस दौरान डॉक्टर साहब आरक्षक से कहते हैं कि "मेरी टीआई से बात करा. तो इसी बीच आरक्षक कहता है कि सर टीआई मत बोलिए टीआई सर बोलिए, ये बात सुनते ही डॉक्टर साहब और तमतमा जाते हैं और कहते हैं कि तेरा टीआई थर्ड क्लास ऑफिसर है और मैं सेकंड क्लास हूं. मेरे लिए सर नहीं है. तू मुझे सस्पेंड करवा दे मैं नहीं करूंगा काम. मैं चाह रहा हूं कि तू ट्रांसफर करवा दे मेरा."

डॉक्टर को नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन ने दखल दिया और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन प्रदीप मोजेस ने पहले डॉक्टर रघुवीर से 24 घंटे में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. फिर कलेक्टर के आदेश पर सीएमएचओ ने उन्हें गुलई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अटैच कर दिया है.

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