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नीम का पेड़ काटने के विवाद में गई थी एक की जान, बालिग होने पर आरोपी को आजीवन कारावास - LIFE IMPRISONMENT

दो गुटों के विवाद में एक की मौत के मामले में नाबालिग आरोपी को बालिग होने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई.

आजीवन कारावास की सजा
आजीवन कारावास की सजा (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 11 hours ago

भरतपुर : जिले के रुदावल थाना क्षेत्र के मोरोली डांग गांव में चार साल पहले नीम का पेड़ काटने से मना करने पर हुए हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय ने मुख्य आरोपी को बालिग होने पर दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि यह घटना 1 अप्रैल 2020 की है जब लेखराज ने मदनलाल, प्रदीप, नाबालिग और अन्य लोगों को नीम का पेड़ काटने से रोका. इससे गुस्साए आरोपियों ने फरसा और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. हमले में नरेश के सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे उपचार के दौरान नरेश की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए.

इसे भी पढ़ें- युवती का अपहरण कर होटल में टेलिफोन के तार से हत्या, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

घटना के संबंध में पीड़ित द्वारा 2 अप्रैल 2020 को रुदावल थाने में मामला दर्ज कराया गया. पुलिस ने जांच पूरी कर आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया. मुख्य आरोपियों मदनलाल और प्रदीप समेत अन्य के खिलाफ रुदावल न्यायालय में मामला चल रहा है, जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ चिल्ड्रन कोर्ट में मामला चला, जिसे ट्रायल के लिए जिला एवं सेशन न्यायालय भेजा गया.

आजीवन कारावास : लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि नाबालिग आरोपी के बालिग होने के बाद मामला जिला एवं सेशन न्यायालय के न्यायाधीश केशव कौशिक ने सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. पीड़ित परिवार ने न्यायालय के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए अन्य आरोपियों को भी जल्द सजा दिलाने की मांग की है.

भरतपुर : जिले के रुदावल थाना क्षेत्र के मोरोली डांग गांव में चार साल पहले नीम का पेड़ काटने से मना करने पर हुए हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस मामले में जिला एवं सेशन न्यायालय ने मुख्य आरोपी को बालिग होने पर दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.

लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि यह घटना 1 अप्रैल 2020 की है जब लेखराज ने मदनलाल, प्रदीप, नाबालिग और अन्य लोगों को नीम का पेड़ काटने से रोका. इससे गुस्साए आरोपियों ने फरसा और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. हमले में नरेश के सिर पर गंभीर चोट आई, जिससे उपचार के दौरान नरेश की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए.

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घटना के संबंध में पीड़ित द्वारा 2 अप्रैल 2020 को रुदावल थाने में मामला दर्ज कराया गया. पुलिस ने जांच पूरी कर आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया. मुख्य आरोपियों मदनलाल और प्रदीप समेत अन्य के खिलाफ रुदावल न्यायालय में मामला चल रहा है, जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ चिल्ड्रन कोर्ट में मामला चला, जिसे ट्रायल के लिए जिला एवं सेशन न्यायालय भेजा गया.

आजीवन कारावास : लोक अभियोजक डोरीलाल बघेल ने बताया कि नाबालिग आरोपी के बालिग होने के बाद मामला जिला एवं सेशन न्यायालय के न्यायाधीश केशव कौशिक ने सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. पीड़ित परिवार ने न्यायालय के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए अन्य आरोपियों को भी जल्द सजा दिलाने की मांग की है.

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